December 26, 2024

बाढ़ के दौरान रेस्क्यू, राहत शिविर, स्वास्थ्य सुविधाओं की सभी आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित रहे -कमिश्नर,

tufaan

उज्जैन संभाग की जल निकासी निगरानी समिति की बैठक सम्पन्न

रतलाम,17 जून (इ खबरटुडे)। उज्जैन संभाग कमिश्नर आनन्द कुमार शर्मा की अध्यक्षता में बुधवार को उज्जैन संभाग की सिंचाई परियोजनाओं से जल निकासी हेतु निगरानी समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में रतलाम कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान, संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक मौजूद थे।

कमिश्नर ने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिये कि बाढ़ के दौरान रेस्क्यू की तैयारी पूर्व से ही सुनिश्चित की जाये। स्कूलों को चिन्हित किया जाये, जहां राहत शिविर खोले जा सकेंगे। गोताखोर, स्टीमर, लाईफ जैकेट, नाईट लाईट, टॉर्च, रस्सी आदि की व्यवस्था भी पूर्व से तैयार रखी जाये। साथ ही स्वास्थ्य विभाग का अमला तैयार रहे। कमिश्नर ने निर्देश दिये कि राहत शिविरों में राशन की भी पर्याप्त व्यवस्था रहे।

उन्होंने सभी कलेक्टर्स को निर्देश दिये कि जिन स्थानों पर रेस्क्यू की आवश्यकता पड़ेगी, वहां पृथक से एक टीम एवं कर्मचारियों की तैनाती की जाये। प्रायवेट गोताखोर, होमगार्ड के जवान तैनात रहें। गांवों में एनांउसमेंट के लिये टीम बनाई जाये। कमिश्नर ने निर्देश दिये कि बारिश के दौरान रास्ते गांव या शहरों से न कटे। पुल-पुलियाओं पर वाहन दुर्घटना न हो, इस हेतु पृथक से एक कर्मचारी की तैनाती की जाये। ग्राम रक्षा समिति एवं वन रक्षा समिति को सक्रिय किया जाये।

तालाबों, पुल-पुलियाओं पर चेतावनी के बोर्ड लगाये जायें। उन्होंने ऊर्जा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे अपने कलेक्टर्स के साथ मीटिंग कर एडवांस तैयारी करें। बाढ़ के दौरान किसी भी स्थिति में विद्युत आपूर्ति बाधित न हो। पोल पानी में न गिरें या डूबे। कमिश्नर ने कहा कि इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन किया जाये। कंट्रोल रूम बनाकर चौबीस घंटे कर्मचारियों की तैनाती की जाये।

मौसमीजन्य अन्य बीमारियों के लिये अस्पताल में भी व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। बीमारियों को फैलने से रोका जाये। पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जाये। कमिश्नर ने निर्देश दिये कि विगत दिनों से टीकाकरण अभियान प्रभावित हो रहा है, अत: पुन: टीकाकरण अभियान चलाकर लक्ष्य की पूर्ति की जाये।

बैठक में मौजूद जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता वाय.सी.शर्मा ने बताया कि गांधी सागर बांध मुख्य बांध है। इसके अन्तर्गत 12 अन्य मध्यम परियोजनाएं तथा 627 लघु परियोजनाएं संचालित है। गांधी सागर, काका साहेब गाडगिल, रेतम बैराज, धोलावड़, माही बांध से गांवों में बाढ़ का खतरा रहता है। गत वर्ष इन्हीं बांधों से नीमच और मंदसौर के कई गांवों में जलभराव की स्थिति निर्मित हुई थी। उन्होंने बताया कि बाढ़ से बचाव हेतु गांधी सागर बांध में जल की आवक का सटिक अनुमान कर जगह खाली किया जा सकता है। इस बांध से पानी निकालने की क्षमता बढ़ाई जा सकती है तथा लेवल 1320 से बढ़ाकर 1328 करने का प्रस्ताव शासन को भिजवाया गया है। उन्होंने बताया कि विभाग वर्षा के दौरान प्रतिघंटे वर्षा के आंकड़े प्राप्त करेगा।

पुलिस महानिरीक्षक राकेश गुप्ता ने निर्देश दिये कि बाढ़ के दौरान रेस्क्यू के कोई भी उपकरण खराब स्थिति में न रहें। प्रायवेट गोताखोर भी तैनात किये जायें। पुलिस विभाग अपने वायरलेस सेट दुरूस्त कर लें। रतलाम कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने बताया कि जिले में बाढ आपदा प्रबंधन के तहत पूर्व में ही सभी तैयारियां सुनिश्चित कर ली गई है।

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