मध्य प्रदेश

ये 5 नेशनल हाईवे बदलेंगे MP की किस्मत, प्रॉपर्टी के दाम छुएंगे आसमान, रोजगार के खुलेंगे नए दरवाजे

New National Highway MP: मध्य प्रदेश राज्य में आने वाले दिनों में केंद्र सरकार द्वारा बनाए जा रहे पांच नए नेशनल हाईवे किस्मत बदलने का काम करेंगे। सरकार द्वारा निर्माणाधीन नेशनल हाईवे 44, दिल्ली मुंबई एक्सप्रेसवे, नर्मदा एक्सप्रेसवे, चंबल एक्सप्रेसवे और भोपाल लखनऊ कॉरिडोर मध्य प्रदेश से होकर गुजरेंगे। इन इन नए नेशनल हाईवे के मध्यप्रदेश राज्य से होकर गुजरने से प्रदेश में रोजगार के नए अवसर तो पैदा होंगे ही होंगे साथ ही साथ प्रॉपर्टी के दाम भी आसमां छुएंगे। इसके साथ-साथ प्रदेश के लोगों की दूसरे राज्यों से कनेक्टिविटी बेहतर होने के अलावा सफर में भी आसानी होगी।

मध्य प्रदेश से होकर गुजरने वाला नेशनल हाईवे 44 खोलेगा रोजगार के नए दरवाजे

नेशनल हाईवे 44 देश का श्रीनगर से कन्याकुमारी तक सबसे लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग है। इस राजमार्ग पर देश के कई राज्यों में सफर किया जा सकता है। यह नेशनल हाईवे मध्यप्रदेश में 504 किमी से होकर गुजरता है। इस नेशनल हाईवे ने एक तरफ जहां मध्य प्रदेश के लोगों का सफर आसान बनाया है, वहीं दूसरी तरफ रोजगार के भी नए अवसर पैदा किए हैं।

MP से होकर गुजरने वाला सबसे लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लंबाई 3,806 किमी है। यह राजमार्ग मध्य प्रदेश को राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर से जोड़ने का काम करता है। यह नेशनल हाईवे मध्यप्रदेश में नरसिंहपुर, लखनादौन, सिवनी, सागर और ग्वालियर जैसे शहरों से गुजरता है।

चंबल एक्सप्रेस-वे ने बदली लोगों की तकदीर

मध्य प्रदेश का चंबल किसी समय में डाकुओं के क्षेत्र के रूप में जाना जाता था। लेकिन चंबल एक्सप्रेस-वे ने इस क्षेत्र की तकदीर बदल दी है। इस हाईवे ने विकास और रोजगार के नए द्वार खोल दिए हैं. यह हाईवे राजस्थान प्रदेश के कोटा जिले से शुरू होकर उत्तर प्रदेश राज्य के इटावा तक करीब 400 किलोमीटर लंबाई में बनाया जा रहा है।

चंबल एक्सप्रेसवे उत्तरप्रदेश, राजस्थान और मध्यप्रदेश राज्यों में प्रस्तावित छह लेन का एक्सप्रेसवे है। यह चंबल नदी के किनारे बन रहा है। यह एक्सप्रेसवे कोटा, श्योपुर और मुरैना जिलों के माध्यम से इटावा से जोड़ने का काम करेगा. इस एक्सप्रेसवे को बनाने में सरकार लगभग 8,800 करोड़ रु खर्च करेगी. यह एक्सप्रेसवे चंबल इलाके के आदिवासी और सुदूर इलाकों में रहने वाले गरीब लोगों की तकदीर बदलने का काम करेगा।

भोपाल-लखनऊ कॉरिडोर हो जाएगा तो 2026 में बनकर तैयार

भोपाल लखनऊ कॉरिडोर का लोक बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यह कॉरिडोर 2026 तक बनकर बिल्कुल तैयार हो जाएगा। भोपाल लखनऊ कॉरिडोर मध्य प्रदेश राज्य के भोपाल, इंदौर सहित दूसरे बड़े शहरों को उत्तर प्रदेश राज्य के लखनऊ, कानपुर और वाराणसी जैसे शहरों को जोड़ेगा। इन दिनों भोपाल-लखनऊ इकाेनॉमिक कॉरिडोर का निर्माण कार्य काफी तेजी से चल रहा है।

NHAI के अनुसार यदि तय समय पर निर्माण कार्य पूरा हो गया, तो 2026 में मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश राज्य के बड़े शहरों के बीच आपसी कनेक्टविटी बेहतर होने के साथ बुंदेलखंड की तरक्की के द्वार भी खुलेंगे। क्योंकि यह कॉरिडोर बुंदेलखंड के खनन व्यावसाय में पंख लगाने का काम करेगा। इसके अलावा पर्यटन को बढ़ावा देने और माल परिवहन के क्षेत्र में क्रांति लाने का काम भी करेगा.

906 किलोमीटर लंबा बनाया जाएगा नर्मदा एक्सप्रेस-वे

नर्मदा एक्सप्रेसवे (Narmada expressway) मध्य प्रदेश के लिए विकास के नए दरवाजे खोलेगा। यह हाईवे 906 किमी लंबा बनाया जा रहा है। इस एक्सप्रेसवे को कबीर अमरकंटक ( चबूतरा) से झाबुआ मध्य प्रदेश और गुजरात राज्य की सीमा तक बनाया जा रहा है। यह मध्य प्रदेश राज्य के हरसूद, खरगोन, बड़वानी, रीवा, भोपाल, (Bhopal) हरदा, होशंगाबाद, खंडवा, रतलाम, (Ratlam) उज्जैन, देवास आदि जिलों की सड़कों को भी जोड़ेगा।

जिससे इन जिलों में रहने वाले लोगों का सफर आसान होने के साथ-साथ ईंधन की भी बचत होगी। इसके अलावा कनेक्टिविटी बढ़ने और नया एक्सप्रेसवे शुरू होने पर इन जिलों में औद्योगिक और पर्यटन विकास भी रफ्तार पकड़ेगा। पाठकों को बता दें कि नर्मदा एक्सप्रेस-वे मध्य प्रदेश को पश्चिम में गुजरात में दिल्ली-मुंबई इंटर कारिडोर (Delhi-Mumbai inter corridor) तक और पूर्वी सीमा में छत्तीसगढ़ स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग 45-ई तक जोड़ेगा। राष्ट्रीय राजमार्ग 45-ई (National Highway 45e) से जुड़ने से मध्य प्रदेश के लोगों का बिलासपुर और रायपुर का सफर आसान होगा।

यह हाईवे औद्योगिक और पर्यटन की गतिविधियों वाले संदलपुर, बुदनी, इंदौर, सागर टोला, जबलपुर, औबेदुल्लागंज, हरदा, खलघाट, ठीकरी, की कनेक्टिविटी भी बढ़ाएगा। इनके आसपास औद्योगिक क्षेत्रों के विकास हेतु औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग कार्य योजना भी बनाने जा रहा है।

दिल्ली-वड़ोदरा-मुंबई एक्सप्रेस वे मध्य प्रदेश में खोल का विकास के नए दरवाजे

देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे दिल्ली-वडोदरा-मुंबई एक्सप्रेसवे (Delhi-Vadodara-Mumbai expressway) मध्य प्रदेश में विकास के नए दरवाजे खोलने का काम कर रहा है। यह हाईवे मध्य प्रदेश से 244 किलोमीटर क्षेत्र में होकर गुजरेगा और इसका काम अभी अंतिम चरण में चल रहा है।

पाठकों को बता दें कि देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे (Delhi-Mumbai expressway) छह राज्यों से होकर निकलेगा। इस हाईवे की कुल लम्बाई 1,350 किमी है। इस हाईवे के निर्माण पर सरकार द्वारा अनुमानित 1 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इस हाईवे का काम पूर्ण होने के बाद मध्य प्रदेश के लोगों दिल्ली से मुंबई का सफर 24 घंटे से घटकर 12 घंटे रह जाएगा।

काफी आसान हो जाएगा। देश का सबसे बड़ा यह एक्सप्रेसवे वडोदरा, कोटा, इंदौर, जयपुर, भोपाल और सूरत जैसे बड़े शहरों की कनेक्टिविटी बढ़ाएगा। इस हाइवे पर यात्रियों की सुविधा हेतु 30 लेन टोल प्लाजा और रेस्टोरेंट, टॉयलेट, कार पार्किंग, फ्यूल पंप और बच्चों के लिए पार्क की व्यवस्था भी बनाई जा रही है।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे देश की 13 बंदरगाहों, 8 मल्टी-मॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क और 8 प्रमुख हवाई एयरपोर्ट कनेक्ट करेगा। इसका केंद्र बिंदु रतलाम होने के कारण औद्योगिक विकास के क्षेत्र में भी यह हाईवे मध्यप्रदेश राज्य के लिए महत्वपूर्ण है। इसके अलावा इस हाइवे के निकलने के बाद मध्य प्रदेश में जमीनों के रेट बढ़ने से लोगों पर धनवर्षा भी जमकर हो रही है।

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