May 11, 2024

12 महीने में निकली 1200 करोड़ की काली कमाई

भोपाल,19मई (इ खबरटुडे)।मध्य प्रदेश में भ्रष्ट अफसरों और कारोबारियों की तिजोरी से अकूत संपदा निकल रही है। पिछले एक साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो 1200 करोड़ से अधिक की संपत्ति उजागर हुई है। यानी हर माह सौ करोड़ रुपए भ्रष्टों की जेब से निकले हैं। आयकर, लोकायुक्त सहित अन्य एजेंसियों द्वारा डाले गए छापों में यह रकम उजागर हुई है। आयकर व लोकायुक्त अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि यदि उन्हें और अधिकार दे दिए जाएं तो वे उस चल-अचल संपत्ति को भी पकड़ सकते हैं जो भ्रष्ट तरीके से अर्जित की गई है अथवा जिसमें कालेधन का निवेश किया गया है।आयकर इन्वेस्टिगेशन विंग 

इंदौर, भोपाल, जबलपुर व ग्वालियर में की गई 17 छापामार कार्रवाइयों में इन्वेस्टिगेशन विंग ने 482 करोड़ रुपए सरेंडर कराए हैं। इस दौरान केटी ग्रुप, बंसल ग्रुप, सुरेश चंद बंसल ग्रुप, सागर ग्रुप, सिगनेट ग्रुप, मोखा बिल्डर-डॉ. जामदार, अंबिका साल्वेक्स आदि समूहों पर कार्रवाई हुई। नगद व अन्य चल संपत्तियां 45 करोड़ की जप्त की गईं।

आयकर विभाग

मध्यप्रदेश में 182 सर्वे किए गए। भोपाल में 87 व इंदौर में 95 सर्वे में क्रमश: 56 करोड़़ व 323 करोड़ रुपए सरेंडर हुए। ये सर्वे व्यापारियों, संस्थाओं और बिजनेस समूहों पर किए गए।

लोकायुक्त
वर्ष 2011 से 8 मई 2012 तक लोकायुक्त ने 161 लोगों को रंगेहाथ रिश्वत लेते पकड़ा। इनसे 95 लाख रुपए बरामद हुए। इसके अलावा 64 छापे मारे गए। इसमें 500 करोड़ रुपए की अनुपातहीन संपत्ति का पता लगा। बाजार मूल्य से यह राशि दो से तीन गुना होगी।
केंद्रीय सेवा कर
पिछले एक साल में इस विभाग ने तीन करोड़ से अधिक सर्विस टैक्स की राशि वसूली। साथ ही 400 से अधिक ऐसे लोगों को पकड़ा है जो सर्विस टैक्स जनता से तो वसूल रहे थे लेकिन विभाग में जमा नहीं करा रहे थे। इतनी राशि से ये हो सकता है
: प्रदेश में गांवों व कस्बों तक 7 मीटर चौड़ाई की 3000 किमी सड़क बनाई जा सकती है (या)
: फुटपाथों पर रहने वाले अथवा गरीबों के लिए 1.20 लाख घर बन सकते हैं (या)
: प्रायमरी शिक्षा के लिए आठ हजार भवन बनाए जा सकते हैं (या)
: सर्वसुविधायुक्त व अत्याधुनिक पांच हॉस्पिटल बन सकते हैं (या)

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