हर किसी का अपना दावा…?
परिणाम आने में अब कुछ ही घण्टे बाकी
रतलाम,3 दिसम्बर (इ खबरटुडे)। नई शहर सरकार बनने में अब कुछ ही घण्टे बाकी है। गुरुवार की दोपहर तक शहर को नई सरकार मिल चुकी होगी। मतदान समाप्ति के बाद से ही नतीजों को लेकर अटकलों और दावों का दौर शुरु हो चुका था। नतीजों को लेकर हर व्यक्ति और हर पक्ष का अपना दावा है। किसी की नजर में नगरनिगम में भाजपा का बहुमत बन रहा है,वहीं किसी की नजर में भाजपा बहुमत से दूर रह जाएगी और निर्दलीय बडी संख्या में जीत कर आएंगे।
अलग अलग दावों पर गौर करें तो बडे रोचक गणित सामने आते है। सबसे पहले भाजपा पक्ष के लोगों का दावा देखें। मतदान के बाद भाजपा के लोगों का दावा था कि महापौर प्रत्याशी डॉ.सुनीता यार्दे करीब चालीस हजार से जीतेगी। इसी तरह पार्षदों के मामले में भाजपाई खेमे का दावा था कि 37 से 38 पार्षद भाजपा के जीत रहे है।
ये तो भाजपाई खेमे का पहला आकलन था। इसके बाद विसाजी मेन्शन से आई खबरों के मुताबक महापौर प्रत्याशी डॉ.सुनीता यार्दे 68 हजार मतों से जीत हासिल करेगी। जबकि शहर के 49 में से 42 वार्डों में भाजपा के प्रत्याशी जीत दर्ज करेंगे। इसके अलावा निर्दलीय तीन जीतेंगे और कांग्रेस को मात्र ४ पार्षदों से संतोष करना पडेगा।
इसके विपरित कांग्रेसी खेमे का आकलन सर्वथा अलग है। कांग्रेसी खेमे में सक्रीय रहे सूत्रों का दावा है कि महापौर पद के लिए कांग्रेस प्रत्याशी प्रेमलता दवे और डॉ.सुनीता यार्दे के बीच कांटे की लडाई है। स्व.पं. मोतीलाल दवे के नाम पर कांग्रेस पक्ष को भारी जनसमर्थन मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा शहर के ब्राम्हण मतदाताओं और रेलवे में कार्यरत लोगों के परिवारों के वोटों का भरोसा भी कांग्रेसी खेमे को है। हांलाकि कांग्रेस में ऐसे लोगों की भी बडी तादाद है,जो यह मानते है कि महापौर पद पर तो भाजपा ही जीतेगी। वार्डों की गणित के मामले में कांग्रेस पक्ष का मानना है कि भाजपा को बहुमत नहीं मिलेगा। भाजपा के करीब 20 पार्षद जीेतेंगे,जबकि कांग्रेस भी 15 से 20 वार्डों में जीत का परचम लहराएगी। नौ से दस वार्डों में निर्दलीय प्रत्याशियों को जीत मिलेगी। विभिन्न समाचार माध्यमों ने भी अपने अपने अनुमान लगाए है।
महापौर भाजपा की,लेकिन बहुमत नहीं
पिछले पांच दिनों में विभिन्न माध्यमों से जो जानकारियां निकलकर सामने आ रही है,उनके मुताबिक महापौर के चुनाव में भाजपा की जीत तय मानी जा रही है। खुद कांग्रेस के लोग भी आत्मविश्वास के साथ महापौर पद पर कांग्रेस की जीत का कोई दावा नहीं कर पा रहे है। इस लिहाज से यह तय है कि महापौर पद भाजपा के खाते में जाएगा। जीत के अन्तर को लेकर अलग अलग दावे है। लेकिन निष्पक्ष आकलनों के मुताबिक कांग्रेस का प्रदर्शन विधानसभा चुनाव के तुलना में कुछ सुधरने की उम्मीद है। कांग्रेस को विधानसभा चुनाव से अधिक मत मिल सकते है।
यह तथ्य भी लगभग निर्विवाद सा माना जा रहा है कि निगम परिषद में भाजपा को स्पष्ट बहुमत नहीं मिल पा रहा है। यह माना जा रहा है कि निर्दलीयों की संख्या दो अंकों तक पंहुचेगी। इससे पहले कभी इतनी संख्या में निर्दलीय नहीं जीत सके है। यदि ऐसा हुआ,तो यह तथ्य शहर विधायक के खिलाफ जाएगा। क्योकि भाजपा का टिकट वितरण उन्ही के हाथों में था और उन्होने तमाम विरोधों को दरकिनार करते हुए अपनी मनमर्जी से टिकट बांटे थे।
चर्चित वार्डों को लेकर असमंजस
शहर के कुछ चर्चित वार्डों को लेकर हर स्तर पर तगडा असमंजस है। सर्वाधिक चर्चित वार्ड क्र. 3 को लेकर कोई भी किसी प्रकार की भविष्यवाणी नहीं कर पा रहा है। हांलाकि तीन नम्बर वार्ड में निर्दलीय प्रत्याशी राजेश पाण्डेय की मजबूत मौजूदगी से यह लगभग तय हो गया कि है कि इस वार्ड में भाजपा प्रत्याशी की जीत नहीं होगी। जीतेगा कौन,यह अभी कोई नहीं कह सकता। इसी तरह वार्ड क्र.35 में भाजपा कांग्रेस की सीधी लडाई में भी अनिश्चितता का माहौल है।
बाजार में सौदे नहीं
रतलाम का चुनावी सट्टा पूरे देश में विख्यात है। लेकिन निगम चुनाव में अब तक सामने आई उथल पुथल और अनिश्चितता के चलते सट्टा बाजार में भी सौदे नहीं हो रहे है। सट्टा बाजार से जुडे सूत्रों के मुताबिक भाव तो बोले जा रहे है,लेकिन सौदे नहीं हो रहे है। सट्टा बाजार में बोले जा रहे भावों के मुताबिक भी महापौर के चुनाव में भाजपा की जीत तय है।