November 15, 2024

हमारे जीवन में हो जलेबी जैसी मिठास – मुनिराजश्री

रतलाम 21 अक्टूबर (इ खबरटुडे)। जलेबी का एक गुण बहुत ही अनुकरणीय है । उसे कहीं से भी खाएं तो वह मीठी लगती है । हमारे जीवन में भी ऐसी ही मिठास होनी चाहिए । हमसे मिलने वाला हर व्यक्ति प्रसन्न होना चाहिए । जलेबी का एक दुर्गुण भी है कि वह टूट जाती है, पर सीधी नहीं होती । ऐसा दुर्गुण किसी के जीवन में नहीं होना चाहिए ।

परिवार के बुजुर्गों के अनुभव का सदैव लाभ लेना चाहिए
यह बात मुनिराजश्री निपुणरत्न विजयजी म.सा. ने कही । मोहन टाकिज सैलाना वालों की हवेली में आयोजित प्रवचन में उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों का इतिहास उज्जवल है तो हमें भी उनका अनुकरण करना चाहिए । इस काल में सर्वप्रथम मोक्ष जाने वाला जीव मरुदेवा माता थी । उनको आदर्श मानकर महिलाओं को अपने आचार-विचार को शुद्ध रखना चाहिए । परिवार के बुजुर्गों के अनुभव का सदैव लाभ लेना चाहिए । प्रत्येक इंसान को कोई भी प्रवृत्ति करने से पूर्व सोचना चाहिए कि वह जो भी कर रहा है, उसे कोई देखे या न देखे, लेकिन परमात्मा के ज्ञान से सब दृष्टिगत हो रहा है। कैमरे लगे होने पर हम उनके सामने कोई गलत प्रवृत्ति नहीं करते, वैसे ही कोई पापमय प्रवृत्ति करने से पहले यह जान लेना चाहिए कि परमात्मा से कुछ छुपा रहने वाला नहीं है ।
प्रवचन से पूर्व प्रात: लोकसन्त, आचार्य, गच्छाधिपति श्रीमद् विजय जयन्तसेन सूरीश्वरजी म.सा. की निश्रा में मुनिमण्डल व साध्वीवृन्द जयन्तसेन धाम से चांदनीचौक पहुंचे, तत्पश्चात मंगल प्रवेश का चल समारोह निकला । मोहन टाकिज पहुंचकर चल समारोह धर्मसभा में परिवर्तित हो गया। लोकसन्तश्री की निश्रा में दोपहर 12.39 बजे भोयरा बावडी स्थित श्री नागेश्वर पाश्र्वनाथ मंदिर में 18 अभिषेक का आयोजन किया गया । साध्वीश्री तत्वलताश्रीजी म.सा. के सिद्धितप की पूर्णता पर उनके सांसारिक परिवार मोतीलालजी सूरजमलजी भटेवरा द्वारा 22 अक्टूबर को सुबह 6.30 बजे श्री नागेश्वर पाश्र्वनाथ मंदिर से लोकसन्तश्री की निश्रा में करमदी तीर्थ का संघ निकाला जाएगा। तत्पश्चात करमदी तीर्थ में साध्वीजी के सिद्धितप का पारणा व प्रवचन होंगे। दोपहर 12.30 बजे श्री आदिनाथ पंचकल्याणक पूजन का आयोजन होगा ।

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