हजारों वाहनों पर श्रध्दालुओं का काफिला
तेज बारिश भी नहीं हिला पाती है इनकी श्रध्दा को
रतलाम,3अक्टूबर (इ खबरटुडे)। हजारों दो पहिया और चार पहिया वाहन,इन वाहनों में हजारों लोग,महिलाएं,बच्चे। एक शहर से दूसरे शहर। हर दिन नए शहर में। खुले मैदानों में आसमान के नीचे रात गुजारने को तैयार। बारिश हो जाए तो अपने साथ लाई हुई प्लास्टिक शीटों के सहारे भी काट लेते है रात। इन्ही खुले मैदानों में साथ चल रहे चलित भण्डारों में भोजन। तमाम प्रतिकूलताओं के बावजूद श्रध्दा में कहीं कोई कमी नहीं।
ये दृश्य है शराब और मांसाहार छोडकर शाकाहार को अपनाने का संदेश फैलाने के लिए इन्दौर से चले रुहानी काफिले का। जय गुरुदेव का यह रुहानी काफिला सोमवार को रतलाम पंहुचा। बाबा उमाकान्त जी महाराज का यह रुहानी काफिला २ अक्टूबर को इन्दौर से प्रारंभ हुआ है। २६ दिनों तक यह काफिला सड़कों पर रहेगा और २६ अक्टूबर को लखनऊ पंहुचकर समाप्त होगा। काफिले में मध्यप्रदेश के अलावा,उत्तर प्रदेश और राजस्थान के लोग शामिल है। इन तीन राज्यों के अलावा भी देश के कई हिस्सों के श्रध्दालु इस काफिले में आए हुए है।
यह आध्यात्मिक यात्रा अपने आप में अनोखी है। यात्रा में शामिल श्रध्दालु अपनी क्षमता और सुविधा के मुताबिक दो पहिया या चार पहिया वाहन लेकर शामिल हुए है।
काफिले में चल रहे लोगों के मुताबिक इस काफिले में करीब एक हजार दो पहिया वाहन और लगभग दो हजार चार पहिया वाहनों पर दस हजार से अधिक लोग चल रहे हैं। ये तमाम लोग अपनी जरुरत की सारी चीजें अपने साथ ही लेकर चल रहे है। वे दशहरे का त्यौहार भी अपने घरों की बजाय यात्रा में ही मनाएंगे। काफिले में आठ चलित भण्डारे भी चल रहे हैं। ये भण्डारे मध्यप्रदेश,उत्तर प्रदेश,राजस्थान आदि राज्यों के श्रध्दालुओं ने लगाए है। भण्डारों में भक्तों के भोजन की सारी सामग्री साथ ही चल रहे है।
ये काफिला हर दिन सुबह नए शहर के लिए निकल पडता है। पहले से निर्धारित सौ या दो सौ किमी की यात्रा करके काफिला अगले शहर में पंहुचता है,जहां पहले से निर्धारित किसी खुले मैदान में सारे श्रध्दालु ठहरते है। यहीं भण्डारों में भक्तों के लिए भोजन तैयार होता है। प्रत्येक शाम को बाबा उमाकान्त जी का सत्संग होता है और बारिश हो या आंधी ये श्रध्दालु यहीं खुले मैदान में रात गुजार कर अगले सफर की तैयारी में जुट जाते है।
रतलाम में सोमवार को जब यह काफिला पंहुचा,तो सुबह से बारिश का माहौल बना हुआ था। शहर के बाहरी इलाके रत्नपुरी के खुले मैदान में जहां काफिले को रुकना था,वहां बीती रात हुई बारिश के कारण हर ओर कीचड पसरा हुआ था। नीचे जमीन पर कीचड में अपनी प्लास्टिक शीटें बिछाकर हजारों श्रध्दालु अपनी थकान मिटा रहे थे। लेकिन किसी के भी चेहरे पर परेशानी का कोई निशान नहीं था।
जय गुरुदेव के कइ काफिलों में शिरकत कर चुके उत्तराखण्ड के बहादुर सिंह गेहलोत ने बताया कि यह रुहानी काफिला मंगलवार को रतलाम से नीमच के लिए प्रस्थान करेगा। सत्संग स्थल पर कीचड है,इसलिए श्रध्दालुजन खडे खडे सत्संग का लाभ लेंगे। किसी भक्त को कोई समस्या नहीं है। सब अपने घरों से पूरी तैयारी के साथ निकले है। चाहे बारिश आए या आंधी,वे गुरुदेव का लक्ष्य पूरा करने के अभियान में जुटे रहेंगे।