स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने नकली बिल बनाकर की लाखों की धोखाधडी,प्रकरण दर्ज
रतलाम,30 नवंबर (इ खबरटुडे)। स्वास्थ्य विभाग के दो कर्मचारियों द्वारा कूटरचित बिल बनाकर शासन के खाते से लाखों रुपए निकालने का मामला प्रकाश में आया है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की रिपोर्ट पर पुलिस ने दोनो आरोपी कर्मचारियों के विरुध्द कूटरचित दस्तावेज बनाने और धोखाधडी करने का आपराधिक प्रकरण दर्ज किया है। आरोपियों की तलाश की जा रही है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग के सत्रह कर्मचारियों ने सुप्रीम कोर्ट में विभाग के विरुध्द अवमानना याचिका दायर की थी। उक्त प्रकरण में शासन की ओर से नियुक्त अभिभाषक को प्रति प्रकरण आठ हजार रु. की फीस के मान से 1,36,000 रु. अदा किए जाने थे। इसी मान से वकील द्वारा बिल बनाकर भेजा गया था। लेकिन रतलाम के सीएमएचओ कार्यालय में पदस्थ वाद शाखा प्रभारी प्रवीण शर्मा और क्षेत्रीय संचालक स्वास्थ्य विभाग उज्जैन में वाद शाखा प्रभारी महेश कुमार यति ने साढे सौलह हजार रु.प्रति प्रकरण के मान से 2 लाख अस्सी हजार पांच सौ रु. के नकली बिल बनाकर भुगतान के लिए पेश कर दिए। जब ये नकली बिल भुगतान के लिए सीएमएचओ के समक्ष आए,तो उन्हे कुछ संदेह हुआ और उन्होने दिल्ली स्थित अभिभाषक से बिलों के बारे में जानकारी मांगी तो उन्हे पता चला कि उन्होने तो मात्र आठ हजार रु.प्रति प्रकरण के मान से 1 लाख छत्तीस हजार का ही बिल भेजा था। जैसे ही यह जानकारी सीएमएचओ डॉ.प्रभाकर ननावरे को मिली उन्होने पुलिस को मामले की सूचना दी। पुलिस थाना स्टेशन रोड पर दोनो आरोपी कर्मचारियों के विरुध्द कूटरचित दस्तावेज बनाने,अमानत में खयानत और धोखाधडी की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया है। स्टेशन रोड पुलिस के उपनिरीक्षक राधेश्याम नागर के मुताबिक आरोपियों की तलाश की जा रही है।