May 4, 2024

स्वच्छ शौचालय निर्माण हर व्यक्ति की नैतिक जिम्मेदारी

बाल न्यायालय करेगें दण्ड – सीईओ सोमेश मिश्रा

रतलाम ,02 अगस्त(इ खबरटुडे)।सरकार द्वारा शौचालय बनाने पर दिये जाने वाले बारह हजार रूपये की राशि शौचालय निर्माण के लिये नहीं बल्कि शौचालय बनाने पर प्रोत्साहन स्वरूप दी जाती है। शौचालय बनाना हर नागरिक की जिम्मेदारी है। यह बात मुख्य कार्यपालन अधिकारी सोमेश मिश्रा ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में आयोजित बैठक के दौरान कही। उन्होने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में 2012 के सर्वे के आधार पर बीपीएल परिवारों, अनुसूचित जाति, जनजाति के परिवार, लघु सीमांत कृषक, विधवा महिला मुखिया वाले परिवार को छः – छः हजार रूपये की राशि इस प्रकार कुल बारह हजार रूपये की राशि केवल प्रोत्साहन स्वरूप है।

जिला पंचायत द्वारा जिले के चार विकासखण्ड जावरा, पिपलौदा, आलोट एवं सैलाना को पहले चरण मंे खुले में शौच से मुक्त किया जाना तय किया गया। जिले के विभागीय अधिकारियों को गॉव आवंटित किये गये है। इसमें एक तिहाई गॉव अगस्त माह में, एक तिहाई गॉव सितम्बर माह में एवं शेष एक तिहाई गॉव अक्टूबर माह में खुले में शौच से मुक्त किये जायेगे। इसके लिये पंचायत सचिव, ग्राम रोजगार सहायक, सब इंजिनियर का दल गठित कर दिया गया है। इसकी मॉनीटरिंग इकाई के रूप में मैदानी अमला पटवारी, एएनएम, आशा कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, प्रौढ़ शिक्षा प्रेरक को चिन्हित किया गया है। जिले के नामांकित विभागीय अधिकारी सुबह 5 बजे संबंधित गॉव में जाकर लोगों को शौचालय बनाने के लिये प्रेरित करेगें।

ग्रामीण क्षेत्र में खुले में शौच में जाने वाले लोगों को दण्डित करने के लिये बाल न्यायालय की परिकल्पना तैयार की गई है। इस बाल न्यायालय में कक्षा 5वीं से 12वीं के विद्यार्थी जज की भूमिका में रहेगें। ये बच्चें पहली बार समझाईश देगें, दूसरी बार खुले में शौच करने वाले व्यक्ति पर सौ रूपये का जुर्माना करेगें। इससे प्राप्त होने वाली राशि से ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता की गतिविधियॉ की जायेगी। लोगों मंे शौचालय बनाने के लिये सकारात्मक वातावरण बन सकें इसके लिये शौचालय बनाने के प्रति नकारात्मक रवैया अपनाने वालों को पंचायत सचिव के द्वारा नोटिस दिया जायेगा। इस नोटिस में तीन दिन की समयसीमा दी जायेगी। दुसरा नोटिस तीन से सात दिवस की अवधि के लिये दिया जायेगा। सात दिन के बाद भी शौचालय न बनाने की स्थिति में संबंधित व्यक्ति को डिफाल्टर घोषित किया जायेगा। डिफाल्टर घोषित किये गये व्यक्ति को शासकीय नियमानुसार कार्यवाही कर बीपीएल कार्ड निरस्तिकरण, पेंशन बंद करने, आवास योजना निरस्त करने, पट्टा निरस्त करने एवं अन्य शासकीय योजनाओं के लिये अपात्र घोषित करने संबंधी कार्यवाही प्रस्तावित की जायेगी।

शासकीय विभागों के सभी विभाग प्रमुखों को निर्देश जारी किये गये हैं कि उनके अधिनस्थ कोई भी अधिकारी अथवा कर्मचारी (किसी भी संवर्ग संविदा अथवा नियमित और दैनिक वेतन भोगी) यदि खुले में शौच करता पाया गया तो विभाग प्रमुख की जिम्मेदारी तय करते हुए विभाग प्रमुख पर पचास रूपये प्रतिदिन के मान से जुर्माना वसुल किया जायेगा एवं खुले में शौच करने वाले कर्मचारी से सौ रूपये प्रतिदिन के मान से जुर्माना वसुल किया जायेगा।

जिला शिक्षा अधिकारी एवं समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र को निर्देशित किया गया हैं कि सभी शिक्षक अपने स्कूल में आने वाले बच्चों से नियमित रूप से पुछेगे कि कौन-कौन बच्चे खुले मंे शौच कर रहे है और कौन बच्चे अपने घर शौचालय में शौच करते है। इस प्रकार ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में शौच से मुक्ति संबंधी जनजागरूकता के कार्य किये जायेगे।

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