सुबह मुख्यमंत्री का सिर काटकर लाने वाले विवादित बोल पर अटल चंद्रावत ने शाम को खेद जताया
उज्जैन02 मार्च(इ खबरटुडे)। केरल के मुख्यमंत्री का सिर काटकर लाने वाले को एक करोड देने की घोषणा करने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के महानगर प्रचार प्रमुख डा. कुंदन चंद्रावत के दुसरी शाम को बोल बदल गए । अपनी घोषणा की दुसरी सुबह तक वे बयान पर अटल थे ,शाम को उन्होंने दो बार मेल पर संदेश देकर पुरी मिडिया को अपने बयान से खेद व्यक्त करने से अवगत कराया है।बुधवार को उज्जैन के शहीद पार्क पर आयोजित जनअधिकार समिति के धरना आयोजन मंच से डा.चंद्रावत ने केरल की वामपंथी सरकार के मुखिया को राष्ट्रवादी एवं आरएसएस कार्यकर्ता की हत्या का जिम्मेदार बताते हुए उन का सिर लाने वाले को एक करोड की संपत्ति देने की घोषणा के साथ ही गोधरा सहित अन्य विवादित बोल कहे थे । जब डा. चंद्रावत बोल रहे थे तो ताली बजाने वालों में उज्जैन सांसद चिंतामणि मालवीय सहित क्षेत्रीय विधायक डा. मोहन यादव एवं भाजपा ओर संघ से जुडे कई नेता शामिल थे ।
सांसद ने निजी राय करार दिया
विवादित बोल के दुसरे दिन सांसद डा.मालवीय ने इस बयान को निजी राय करार देते हुए कहा कि केरल सरकार को देश के आक्रोश को समक्ष जाना चाहिए । राज्य के संवरक्षण में सुनियोजित आतंकवाद केरल में , उसी के विरोध में यह अति रंजित प्रतिक्रिया डा. चंद्रावत ने दी ।राज्य संरक्षित हत्या के खिलाफ संघ के कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। उन्होने कहा कि हम धरने का समर्थन करने पहुंचे थे ।
सुबह कहा जिस को जिस रूप में लेना है ले
डा. चंद्रावत ने अपनी मंच से की गई घोषणा के दुसरे दिन मिडिया से बात करते हुए कहा कि इस पर राजनैतिक रूप से जो घटनाक्रम चल रहा है वो राजनीति करने वाले जाने । इस बयान को जो जिस रूप से लेना हो वैसे ले । मेरा बयान इस देश के लोकतंत्र की हत्या के विरूद्ध दिया गया मेरा बयान एक सामाजिक कार्यकर्ता एक भारत माता के पुत्र होने के नाते दिया गया है।लोकतांत्रिक सरकार जब बनती है तो सरकार अपने अभिवचन में नागरिकों की उनकी संपत्ति की सुरक्षा की बात कहती है, शपथ तेती है नागरिकों को संवैधानिक अधिकार देने की । लोकतांत्रिक सरकार ऐसा नहीं करती तो आक्रोश बढता है ।जिस प्रकार अंग्रेजों की गूंगी बहरी सरकार को जगाने के लिए भगतसिंह ने बम फोडकर इस देश से चले जाओं ,आजाद करो इस देश को के नारे लगाए ,इसी प्रकार मैने बयान दिया राष्ट्रवादियों की हत्या को लेकर केरल की गूंगी बहरी सरकार को लेकर दिया । केन्द्र सरकार से अपील की है कि केरल की सरकार को बर्खास्त करो । 300 से अधिक संघ के कार्यकर्ताओं की हत्या पर कोई संवेदना नहीं है। उनका कहना था कि ये मेरा व्यक्तिगत बयान मैने राष्ट्रप्रेम से ओतप्रोत होकर दिया है । इसका राजनैतिक रूप से कोई लेना देना नहीं है, मैने संवेदनाओं को ध्यान में रखकर बयान दिया है । बयान पुरी तरह सत्य पर और सनातन धर्म संस्कृति पर आधारित है।
24 घंटे, समय वही ,बदले बोल
गुरूवार को सुबह मिडिया से बात करते समय वे अपनी बात पर अटल थे , शाम होते होते उनकी ओर से तमाम मिडिया को किए गए ईमेल में उन्होने कहा-में डॉ कुंदन चंद्रावत केरल में निरंतर हो रही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवको की हत्याओ से अत्यंत दुखित और उद्वेलित होकर मैंने इस तरह के भावो को व्यक्त किया है केरल में हुई हत्याओं के प्रति संवेदनात्मक होते हुए भावावेश में जनाधिकार समिति उज्जैन के मंच से केरल के मुख्यमंत्री के विषय में मैंने जो वक्तव्य दिया था में अपने उस वक्तव्य को वापस लेता हूँ और उस पर खेद प्रकट करता हूँ।