May 19, 2024

सिराज ह्त्याकाण्ड- मुख्य षडयंत्रकर्ता समेत चार आरोपी गिरफ्तार

हत्याकाण्ड में शामिल थे आधा दर्जन लोग

रतलाम,15 मार्च (इ खबरटुडे)। सोमवार को हुए सिराज हत्याकाण्ड के मुख्य आरोपी सहित तीन और आरोपियों को पुलिस ने आज गिरफ्तार कर लिया है। हत्याकाण्ड के दो आरोपियों को हत्या के अगले ही दिन गिरफ्तार कर लिया गया था।  इस हत्याकाण्ड में कुल आधादर्जन लोग शामिल थे। जिसमें से चार ने मिलकर सिराज पर चाकुओं से हमला कर उसे मौत के घाट उतारा था। आरोपी इस हत्या को आरोपीगण लूट का रूप देकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश में थे।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि सिराज हत्याकाण्ड के मुख्य सरगना लाला उर्फ योगेन्द्रसिंह पिता दातारसिंह भाटी निवासी दीनदयाल नगर को गुरुवार दोपहर को महू नीमच हाईवे रोड़ स्थित बस स्टैण्ड़ के पास से पकड़ा। उन्होंने बताया कि इस हत्याकाण्ड में मुख्य भूमिक लाला की थी। मृतक सिराज ने ढाई बीघा जमीन एवं फार्म हाउस थावरा नामक आदिवासी से खरीदी थी। उक्त जमीन सिराज ने साथी दशरथ धाकड़ के माध्यम से खरीदी कर अनुबंध किया था। इसके बाद लाला ने उक्त जमीन दशरथ धाकड़ के माध्यम से थावरा से खरीद कर पूंजा के नाम अनुबंध कर लिया था। इसकी जानकारी मिलने पर सिराज ने उक्त जमीन के लिए थावरा व पूंजा को अपने साथ मिलाकर उन्हें रूपए देकर पुन: जमीन ताराचन्द के नाम रजिस्ट्री करवादी। इसी दौरान लाला ने पूंजा की ओर से एसडीएम कार्यालय में रजिस्ट्री के नामत्रंण को लेकर आपत्ति भी लगाई थी। वहीं न्यायालय में भी आपत्ति दर्ज कराई थी। किन्तु जमीन सिराज के माध्यम से ताराचन्द के नाम पर हो गई थी। इसी बात को लेकर लाला नाराज था और वह सिराज को रास्ते से हटा कर पुन: ताराचंद से भूमि हासिल करने की फिराक में था।

चार ने मिलकर की थी हत्या

डॉ.सिकरवार ने बताया कि सिराज की हत्या का सूत्रधार आरोपी लाला था। लाला ने अपने साथी मनोज शर्मा, विक्की उर्फ पंकज तथा दशरथ धाकड़ के साथ मिलकर सिराज पर चाकुओं से हमलाकर मौत के घाट उतारा था। पुलिस ने आरोपियों से चारों चाकु भी जब्त कर लिए है। इस हत्याकाण्ड में लाला ने सिराज के साथी जफर पिता अब्दुल सत्तार निवासी लक्कड़पीठा एवं आशीष पिता मोहनलाल भारतीय निवासी शक्ति नगर को भी शामिल किया था।

हत्या के एक दिन पूर्व भी बनाई थी योजना

सिराज की हत्या की योजना 11 मार्च को बनाई गई थी। उस दिन रविवार था अधिकांश बार रविवार को ही पार्टी बनाए जाने के कारण लाला ने अपने साथियों के साथ मिलकर उसी दिन सिराज की हत्या करने की योजना बनाई थी। उस दिन सिराज की रैकी करने एवं उसे मौत के घाट उतारने के लिए आरोपी मनोज शर्मा, विक्की, दशरथ धाकड़, जफर एवं आशीष सागौद रोड़ स्थित हनुमान मंदिर के  सामने स्थित चाय की दुकान पर सिराज का इंतजार करते रहे। किन्तु उसन दिन पार्टी नहीं होने के कारण सिराज वहां नहीं पहुंचा।

जफर ने ही बुलवाया था

हत्या वाले दिन भी सिराज को आरोपी जफर ने ही पार्टी में जबजस्ती बुलाया था। पार्टी शुरू होने के पूर्व ही आरोपी लाला, मनोज, विक्की तथा दशरथ फार्म हाउस के पास पहुंच गए थे और आरोपियों ने वहां जमकर शराब भी पी थी। रात में जब सिराज बाइक लेकर फार्म हाउस से निकला उसके पीछे जफर व अब्बास भी बाइक लेकर निकले तभी कुछ ही दूरी पर सिराज का रास्ता मनोज व विक्की ने रोका ओक चाकु दिखाने लगे यह देख अब्बास डर के मारे वहां से भाग गया और जफर आरोपियों का साथी होने के कारण वहां नहीं रूका। घटना स्थल से मिले दो चश्मों में से एक चश्मा लाला का तथा दूसरा मृतक सिराज का था।

लूट की योजना में परिवर्तित करना चाहते

मुखबिर के माध्यम से पुलिस को सूचना कर लाला ने आरोपी मनोज को गिरफ्तार करवा दिया था। पूछताछ में मनोज ने पुलिस को बताया था कि वह सिराज के साथ लूट की वारदात करन चाहता था लेकिन शराब के नशे में चाकु से यादा हमले कर दिए। लेकिन सिराज के साथ किसी भी प्रकार की लूट की वारदात नहीं होने पर पुलिस को शंका हुई और आरोपियों से अलग-अलग पूछताछ में यह बात सामने आई की जमीन के कारण सिराज की हत्या की गई। वहीं आरोपी आशिष भारतीय के सामने भी सिराज का एक प्लाट भी है। आशीष को लगा की सिराज की हत्या के बाद वह उस प्लाट पर कब्जा कर लेगा। पुलिस ने आरोपी आशीष व जफर पर धारा 120 बी के तहत प्रकरण दर्ज किया है।

 

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