December 24, 2024

सिंहस्थ में शिप्रा के गंधर्व घाट पर किन्नरों का अमृत स्नान

kinar in ujjain
उज्जैन 11 मई(इ खबरटुडे)। सिहंस्थ में इस बार सबके आकर्षण का केंद्र बने किन्नरों ने आदि शंकराचार्य जयंती पर अमृत स्नान किया। घोड़े पर सवार अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण के साथ नाचते-गाते हर हर महादेव.. व जय-जय महाकाल का जयघोष करते हुए किन्न्र रामघाट के समीप गंधर्व घाट पहुंचे और अमृत स्नान कर पुण्य कमाया। किन्न्रों का स्नान देखने के लिए घाट पर भीड़ उमड़ पड़ी।

सुबह किन्न्र अखाड़ा में पूजा-पाठ व नए पीठाधीश्वर-महंत की नियुक्ति के बाद सुबह 11 बजे सभी अखाड़े से घाट के लिए रवाना हुए। इसमें सबसे आगे आदि शंकराचार्य व किन्न्रों की इष्टदेवी बहुचरा माताजी की मूर्ति रखी पालकी चल रही थी। ढोल-ताशों की थाप पर कई किन्न्र नाचते हुए चल रहे थे। इनके पीछे घोड़ों पर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी व चार अन्य सवार थे।
 आधे घंटे स्नान के बाद सभी वाहनों में सवार होकर फिर अखाड़े पहुंचे
नवनियुक्त पीठाधीश्वर व महंत बग्घी में सवार थे। उजरखेड़ा क्षेत्र से भूखीमाता होते हुए 1.45 बजे सभी छोटे पुल पर पहुंचे। इसके बाद सभी पुल पार कर गंधर्व घाट पर पहुंचे जहां पूजन-अर्चन के बाद आदि शंकराचार्य व इष्टदेवी बहुचरा माता की प्रतिमाओं को स्नान कराया गया। इसके बाद लक्ष्मीनारायण, अखाड़ा संरक्षक ऋषि अजयदास सहित अन्य सभी किन्न्रों ने अमृत स्नान किया। करीब आधे घंटे स्नान के बाद सभी वाहनों में सवार होकर फिर अखाड़े पहुंचे।
 कुछ देर अव्यवस्था की स्थिति भी बनी
किन्नरों के घाट पर स्नान के लिए जाते समय कोई सुरक्षा व्यवस्था नजर नहीं आई। स्नान के दौरान भी पुलिसकर्मी मौजूद नहीं रहे जिससे घाट पर काफी भीड़ जमा हो गई। ऐसे में कुछ देर अव्यवस्था की स्थिति भी बनी। स्नान से पूर्व सुबह नौ बजे बबलीमाई दिल्ली, बदरूमाई शाजापुर, काजलमाई अजमेर, शबनम माई फरीदाबाद को पीठाधीश्वर बनाया गया। इसी तरह लक्ष्मीमाई को अर्दपीठाधीश्वर व विजया को महंत बनाया गया।
घाट पर जाते समय रास्ते में बड़ी संख्या में लोगों ने आशीर्वाद लिया। घाट पर भी स्नान के बाद जैसे ही सभी वापस जाने लगे तब भी लोग उनका आशीष लेने के लिए उन्हें घेरे रहे।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds