November 15, 2024

समाजवादी पार्टी में कौमी एकता दल को लेकर एक बार फिर मंथन

कौमी एकता दल के सपा में विलय के आसार

लखनऊ,17 अगस्त(इ खबरटुडे)।समाजवादी पार्टी में कौमी एकता दल को लेकर एक बार फिर मंथन शुरू हो गया है। अपने मुस्लिम वोट बैंक पर खतरे को देखते हुए पार्टी इस फैसले पर पुनर्विचार कर रही है। कौमी एकता दल की ताकत से पार्टी पूर्वांचल में अपनी उम्मीदें बढ़ाना चाहती है।

सूत्रों के मुताबिक इस पर फैसला पार्टी मुखिया मुलायम सिंह यादव को ही लेना है। चूंकि विलय कर पार्टी अपने निर्णय को एक बार पलट चुकी है, इसलिए अब कोई इस पर बोलना नहीं चाहता है। पार्टी के कद्दावर नेता शिवपाल यादव ने इस दल का सपा में विलय कराने की पहल मुलायम सिंह यादव की हरी झंडी मिलने के बाद की थी। कौमी एकता दल के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की छवि को लेकर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस विलय पर नाराजगी जाहिर की और इस काम में अहम भूमिका निभाने वाले वरिष्ठ मंत्री बलराम यादव को बर्खास्त कर दिया।

 

पार्टी में उपजे इस संकट से निपटने के लिए मुलायम आगे आए और विलय खारिज कर दिया गया और बलराम यादव की मंत्री पद पर बहाली हो गई। इस बीच यूपी में कई छोटे मुसलिम दलों ने मिलकर इत्तेहाद फ्रंट बना लिया। इससे सपा को मुस्लिम वोटों के किले में सेंध लगने की आशंका है। फ्रंट के नजदीक जाकर भी उससे दूर होने वाली कौमी एकता दल व सपा में संपर्क बना हुआ है।

खास बात यह कि कौमी एकता दल के अध्यक्ष अफजाल अंसारी सपा नेता शिवपाल यादव की खासी तारीफ करते रहे हैं। ऐसे में माना जा रहा है देर सबेर सपा इस पर अहम फैसला लेगी। सपा यूं भी अलग-अलग इलाकों में छोटे-छोटे दलों से तालमेल या विलय के आधार पर अपने समीकरण दुरुस्त कर लेना चाहती है ताकि मिशन 2017 को कामयाब बना कर दुबारा पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई जा सके।

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