सदन में चले अपशब्दों के बाण
महापौर और आयुक्त के खिलाफ निकाली जमकर भड़ास, अपशब्दों का हुआ प्रयोग
रतलाम,13 सितम्बर (इ खबरटुडे)। सफाई, सड़क, महापौर और आयुक्त की कार्यप्रणाली सहित अन्य मुद्दों को लेकर गुरुवार को विपक्ष की मांग पर बुलाए गए विशेष सम्मलेन में सदन के अंदर खुलकर अपशब्दों के बाण चले। अपने काम नहीं होने और महापौर एवं आयुक्त द्वारा नहीं सुनने से नाराज विपक्ष के पार्षदो ने जमकर अपनी भड़ास निकाली और अपशब्दों का प्रयोग ( जो लिखे नहीं जा सकते) किया। कई बाद सदन दोनों पक्ष के पार्षदों की नुराकुश्ती का अखाड़ा बना। निगम अध्यक्ष को बार-बार पार्षदों को मर्यादा और समय का ध्यान दिलाना पड़ा। गुरुवार को चर्चा पुरी न हो पाने के कारण निगम के विशेष सम्मेलन को शुक्रवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
विशेष सम्मेलन की शुरुआत गुरुवार सुबह सवा ग्यारह बजे राष्ट्रगान के साथ हुई। इसके बाद निगम अध्यक्ष दिनेश पोरवाल ने सदन की कार्रवाई शुरु की और एजेंडे के सबसे पहले और प्रमुख बिंदु सफाई व्यवस्था पर अपने सुझाव और समस्या बताने के लिए एक-एक कर दोनों पक्षों को पार्षदों को बुलाना शुरु किया। गुरुवार को सफाई के मुद्दे पर भी पुरी चर्चा नहीं हो पाई
गंदगी से पार्षद खुद बीमार
सफाईके मुद्दे पर सबसे पहले कांग्रेस पार्षद और विपक्ष की उपनेता यास्मिन शैरानी बोली। उन्होने कहा कि शहर की बिगड़ी सफाई व्यवस्था का उदाहरण यह है कि वे स्वयं दस दिनों से बीमार है। उनके वार्ड मे ंगंदगी के ढेर लगे है। उन्होने आरोप लगाया कि अधिकारी सिर्फ कागजी खानापूर्ती कर रहे है और सफाई के नाम पर भ्रष्टाचार हो रहा है। श्रीमती शैरानी ने अधिकारियों की कार्यप्रणाली पर उंगली उठाते हुए कहा कि पार्षदों की सुनी नहीं जा रही है। पार्षद आवारा पशु पकड़ने का बोलते है तो अधिकारी जवाब देते है तुम खुद पकड़कर ले आओं।उन्होने कहा कि सफाई के नाम पर फर्जी मस्टर भरे जा रहे है। यदि विशेष सम्मेलन के बाद व्यवस्था नहीं सुधरी तो कांग्रेस पार्षद दल सड़कों पर उतरेगा।
अपशब्दों ने चौंकाया
कांग्रेस पार्षद शांतिलाल वर्मा तो वार्डो मं काम नहीं होने से इतने नाराज थे कि उन्होने आयुक्त पर खुलकर भड़ास निकाली। श्री वर्मा के आक्रोशको देखकर हर कोई चौंक गया। उनके आयुक्त पर किए गए अपशब्दों के हमले पर कुछ पार्षदों ने तालियां भी बजाई। लेकिन बाकी सब एकदम चुपचाप थे। उन्होने अधिकारियों के खिलाफ बोलते हुए कहा कि निगम में सिर्फ हराम की तन्ख्वाह लेने या कमीशन खाने नहीं आए हो। आपको अपनी कार्यप्रणाली सुधारना पड़ेगी। श्री वर्मा ने स्वास्थ्य अधिकारी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वे प्रतिदिन इंदौर से अपडाउन करते है और इसके लिए शासन के ईधन का उपयोग हो रहा है। इन्हे रतलाम में काम नहीं करना है तो इन्हे लंबी छुट्टी पर भेज दिया जाए।
महापौर तानाशाह
कांग्रेस पार्षद मुबारिक खान ने कहा कि महापौर शैलेन्द्र डागा हिटलर शाही से नगर निगम चला रहे है। उनके रवैया का नतीजा है कि पार्षद की कोई अधिकारी नहीं सुनता है। श्री खान ने कहा कि आयुक्त फोन नहीं उठाते और महापौर से बात करने का मतलब नहीं है।वे सिर्फ भूमिपूजन में व्यस्त रहते है।श्री खान ने महापौर और आयुक्त पर हमला जारी रखते हुए कहा कि आयुक्त निगम में बैठते नहीं है और आधे से यादा समय महापौर के घर बैठे रहते है। उन्होने आयुक्त सोमनाथ झारिया को निगम में प्रतिदिन 11 बजे से 5 बजे तक बैठने के निर्देश देने की मांग की। मुबारिक खान के इस हमले पर सत्ता पक्ष ने आपत्ति जताते हुए एजेडें से बाहर की बात करने की बात कही और इसको लेकर हंगामा भी हुआ। इस दौरान श्री खान द्वारा भाजपा पार्षद सीमा टंाक पर एमआईसी को लेकर की गई एक टिप्पणी पर भी हंगामा हो गया और दोनों पक्ष के पार्षद आपस में भिड़ गए। निगम अध्यक्ष श्री पोरवाल ने दोनों पक्षों को शांत कर सदन की कार्रवाई फिर शुरु की।
अन्य पार्षदों ने भी जताया आक्रोश
सफाईऔर अधिकारियों के नहीं सुनने के मुद्दे पर कांग्रेस पक्ष के अन्य पार्षदों ने भी खुलकर भड़ास निकाली। पार्षद सकीना केजार ने निगम अध्यक्ष द्वारा एक वर्ष पूर्व सम्मेलन के दौरान दिए गए निर्देशो का पालन नहीं होने पर कहा कि अध्यक्ष की आसंदी का भी सम्मान नहीं हो रहा है। इस पर निगम अध्यक्ष दिनेश पोरवाल ने भी स्वीकार किया कि दिए गए निर्देशों के बावजुद काम नहीं होता है और उन्होने निगम आयुक्त को इस सबंध में निर्देश भी दिए। विपक्ष के नेता विमल छिपानी, सांसद प्रतिनिधी महेन्द्र कटारिया, राजीव रावत, फैय्याज मंसुरी, बबीता नागर, नासिर कुरेशी, लालचंद नागर, वंदना पुरोहित नें भी सफाई व्यवस्था और अन्य मुद्दों पर अपनी बात रखी।
भाजपा पार्षदों से व्यवस्था पर जताया संतोष
एक और जहां विपक्ष ने सफाई और महापौर एवं आयुक्त की कार्यप्रणाली को लेकर आक्रामक रुख अपनाया वही सत्तापक्ष भाजपा से जुड़े पार्षदों ने व्यवस्था पर संतोष जताया। स्वास्थ्य संमिति प्रभारी गोविंद काकाणी ने सभी वार्डो में नियमित सफाई होने की बात कहते हुए पार्षदों के हस्ताक्षर वाला रजिस्टर भी बताया। अशोक यादव ने कहा कि सफाई व्यवस्था अच्छी है। पिछली परिषदों में सफाईको लेकर कोई संसाधन नहीं थे, लेकिन इस परिषद में संसाधन भी उपलब्धहुए है। उन्होने पार्षदों से भी व्यवस्था में सहयोग देने की बात कही। एमआईसी सदस्य संदीप यादव ने कहा कि पिछली परिषदो ंकी तुलना में सफाई व्यवस्था अच्छी है। एसा कार्य पहले नहीं हुआ। उन्होने सफाई कर्मियों के कार्य को लेकर सुझाव दिया कि आठ घंटे का कार्य समय होने के बावजुद भी सफाईकर्मी सिर्फ सुबह ही दिखते है, शाम के समय नहीं दिखते है। इसलिए शाम के समय भी सफाई कार्य व्यवस्थित हो। भाजपा पार्षद सुदीप पटेल ने कहा कि कहीं भी कचरा डालने वालों से जुर्माना वसुल किया जाना चाहिए। उन्होने पोलिथीन पर बैन लगाने का सुझाव भी दिया। एल्डरमेन मुन्नालाल शर्मा ने कहा कि सबसे पहले परिषद को बधाई देता हू जिसकी वजह से राजीव गांधी सिविक सेंटर कर्ज मुक्त हो गया है। उन्होने सफाई के मुद्दे पर बोलते हुए पार्षदों को सुबह जल्दी उठकर दरोगा के साथ घुमने की नसीहत भी दी।
रतलाम को मिले 18 करोड़
सम्मेलन के दौरान महापौर शेलेन्द्र डागा ने बताया कि मुख्यमंत्री अधोसंरचना योजना के तहत रतलाम को सड़क और अन्य कार्यो के लिए 18 करोड़ की राशि मिली है। इसमें से 16 .50 करोड रुपए शहर की सड़को के लिए, हनुमान ताल के लिए 73 लाख और कालिका माता क्षेत्र के लिए 48 .10 लाख रुपए मिले है। इसके लिए महापौर ने सदन में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहानऔर नगरीय प्रशासन मंत्री बाबुलाल गौर का धन्यवाद ज्ञापित किया है।
शुक्रवार को भी चलेगा सम्मेलन
गुरुवार को सफाईके मुद्दे पर भी पुरी चर्चा नहीं हो पाई। शाम साढे चार बजे निगम अध्यक्ष नें सम्मेलन को शुक्रवार सुबह 11 बजे तक स्थगित करने की घोषणा की। शुक्रवार को सफाई और अन्य मुद्दो पर चर्चा की जाएगी।
पुलिस कस्टडी में सम्मेलन में पहुंचे भदौरिया
नगर निमग के विशेष सम्मेलन में उस समय सभी हैरान रह गए जब भाजपा पार्षद और लेखा समिति के अध्यक्ष भगत भदौरिया पुलिस कस्टडी में सम्मेलन में भाग लेने पहुंच गए। श्री भदौरिया पिछले कुछमाह से एक आपराधिक मामले में जेल में बंद है। जानकारी के अनुसार उन्होनेअदालत से विशेषसम्मेलन में शामिल होने की अनुमती मांगी थी, जिस पर उन्हे पुलिस कस्टडी में सम्मेलन में लाया गया। इस दौरान उनके साथएक सब इस्पेंक्टर, एक एएसआई और 16 जवान भी थे। गार्ड के सम्मेलन में बैठने पर कांग्रेस पार्षद नासिर कुरैशी ने आपत्ति जताई, जिस पर निगम अध्यक्ष की अनुमति से सिर्फ एक उपनिरीक्षक सदन में श्री भदौरिया के साथ बैठे।