December 24, 2024

सटोरियो पर छापा-पुलिस कार्रवाई हुई संदिग्ध

रातोरात बदला आम्र्स एक्ट का आरोपी,आरोपियों की संख्या भी बढी
रतलाम,२० मार्च(इ खबरटुडे)। पुलिस के आला अधिकारियों की मौजूदगी में बीती रात सर्राफा व्यवसाईयों और सटोरियो के अड्डे पर मारे गए छापों के बाद रात भर में हालात पूरी तरह बदल गए। पुलिस ने न सिर्फ आम्र्स एक्ट का आरोपी बदल दिया बल्कि आरोपियों की संख्या भी बढ गई। पुलिस की कार्रवाई में उत्पन्न हुई संदिग्धता को आरोपियों की संपन्नता और राजनीतिक दबाव से जोड कर देखा जा रहा है।
 

उल्लेखनीय है कि बीती रात पुलिस ने सागोद रोड पर बने कुख्यात सटोरिये पप्पू सैक्सी के घर पर छापा मार कर कई कथित बडे सर्राफा व्यापारियों को जुआ खेलते पकडा था। इस जुआघर पर छापे के दौरान पुलिस को कांग्रेस से जुडे एक सर्राफा व्यापारी संजय छाजेड के कब्जे से एक अवैध पिस्टल मिली थी,साथ ही एक तलवार और लाल मिर्च का पावडर भी यहां से जब्त किया गया था। पुलिस ने जुआघर पर कार्रवाई के फौरन बाद पत्रकारों को बताया था कि वहां कुल दस लोग मौजूद थे ,जिनमें से एक पप्पू सैक्सी मौके से फरार हो गया था। पत्रकारों को दी गई जानकारी के मुताबिक घटनास्थल से कनकमल मूणत,विजय खण्डेलवाल,कलाचन्द्र सोनी,संजय छाजेड,घनश्याम माहेश्वरी,राजेश माहेश्वरी,दीपक सोनी उर्फ चुंगा,संजय जैन, और योगेन्द्र दगदी को गिरफ्तार किया गया था,जबकि,राकेश जैन उर्फ पप्पू सैक्सी फरार था। और अर्पित उर्फ संजय उर्फ शांतू दरबार राजावत
इतना ही नही कार्रवाई के बाद पत्रकारों को नगर पुलिस अधीक्षक गजेन्द्र सिंह वध्र्दमान टीवी कैमरों के समक्ष दिए बयान में कहा था कि संजय छाजेड के कब्जे से पिस्टल मिली है और इस मामले में आम्र्स एक्ट का प्रकरण दर्ज किया जा रहा है। इसी आधार पर कई अखबारों में ये खबरें भी छपी हैं।
 लेकिन रात को माणकचौक थाने से पत्रकारों के रवाना होने के बाद हालात तेजी से बदले। शहर कांग्रेस अध्यक्ष डा.राजेश शर्मा और भाजयुमो अध्यक्ष अशोक पोरवाल आरोपियों को छुडवाने के लिए थाने पर पंहुच गए। शुरुआत में तो पुलिस अधिकारी सख्त रवैया अपनाते रहे लेकिन बाद में दोनो प्रमुख पाॢटयों के बडे नेताओं के फोन घनघनाने लगे। धीरे धीरे पुलिस के रवैये में बदलाव आने लगा। सूत्र बताते है कि नेताओं ने एक जैन संत का सहयोग भी इस काम में लिया। जैन संत ने पुलिस महानिरीक्षक के माध्यम से आरोपियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई को ढीला करने की कोशिशें की।
    भाजपा और कांग्रेस के नेताओं,जैन संत की फोन काल और सर्राफा व्यवसाईयों के आर्थिक असर के चलते सुबह तक परिस्थितियां पूरी तरह बदल गई। रात को जहां पुलिस संजय छाजेड को अवैध पिस्टल के मामले में आम्र्स एक्ट का आरोपी बता रही थी,वहीं सुबह मामला बदल गया। आम्र्स एक्ट के लिए पुलिस ने संजय छाजेड की बजाय एक नया आरोपी ढूंढ निकाला। पुलिस ने अर्पित राजावत उर्फ शांतू दरबार नामक युवक को आम्र्सएक्ट का आरोपी बना दिया। मजेदार बात यह है कि पहले कही गई बात को ढंकने के लिए पुलिस ने अर्पित की उर्फियत में संजय नाम भी जोड दिया। जबकि अर्पित को जानने वालो का कहना है कि उसे शांतू दरबार तो कहा जाता है लेकिन उसका एक नाम संजय भी है यह कोई नहीं जानता। उसे संजय का नाम पुलिस ने आज ही दिया है। जब इस बारे में पत्रकारों ने पुलिस अधिकारियों से पूछताछ की तो पुलिस के आला अफसरों ने बडी मासूमियत से जवाब दिया कि पिस्टल अर्पित की थी इसलिए उसे आरोपी बनाया गया। जबकि अवैध हथियार कब्जे में मिलना ही अपराध होता है,ऐसी स्थिति में पिस्टल जिसके कब्जे से मिली,आरोपी वही होता है। लेकिन चूंकि पुलिस को आरोपी को बचाना था इसलिए  उन्होने मनमाने ढंग से न सिर्फ कार्रवाई की बल्कि सवालों के जवाब भी उटपटांग तरीके से दिए गए।
     शुरुआती दौर में जो पुलिस अपने आपको बेहद कत्र्तव्यनिष्ठ और ईमानदार साबित कर रही थी,वही पुलिस सुबह होते होते पूरी तरह बदल गई। आरोपियों को थाने में पूरा वीआईपी ट्रीटमेन्ट मिलने लगा। जुए के आरोपियों को बात बात में बेईज्जत करने वाले पुलिसकर्मी इन आरोपियों को पूरा सम्मान दे रहे थे। आरोपियों के लिए थाने में सारी सुख सुविधाओं का इंतजाम कर दिया था।
    आरोपियों को दोपहर में एसडीएम कोर्ट में पेश किया गया,जहां से उन्हे बिना किसी दिक्कत के जमानत मिल गई। तमाम आरोपी  कलेक्टोरेट परिसर में अपने प्रभाव का प्रदर्शन करने के बाद वहां से रवाना हो गए। इधर पूरे शहर में पुलिस की संदिग्ध कार्रवाई को लेकर चर्चाएं हो रही है और पुलिस के आला अधिकारी सफाईयां देने में जुटे है।

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