संसार के पहले श्रेष्ठ चिकित्सक थे आचार्य चरक- पारस जैन
उज्जैन,07 अगस्त(इ खबरटुडे)। शा.धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय, उज्जैन के मंगलनाथ परिसर में नागपंचमी के अवसर पर शेषनाग के अवतार माने जाने वाले आचार्य चरक की स्मृति में आयोजित चरक जयंती समारोह में बोलते हुए म.प्र शासन के कैबिनेट ऊर्जा मंत्री माननीय पारस जैन ने कहा कि आचार्य चरक पर हमारे देेश को नाज है, वे संसार के पहले श्रेष्ठ चिकित्सक थे। उनके नाम पर रची गई चरक संहिता मेडिसिन का अद्भुत ग्रंथ है।
दीप प्रज्ज्वलन एवं मंगलाचरण से कार्यक्रम प्रारंभ होकर उल्लासपूर्वक समारोह आयोजित किया गया। इस अवसर पर मंत्री पारस जैन ने रुद्राक्ष का पौधा भी रोपा। यह जानकारी महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जे.पी. चौरसिया ने दी। आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. ओ.पी. व्यास ने बताया कि बी.ए.एम.एस. छात्रों में ज्ञानवर्द्धन की दृष्टि से चरक संहिता पर आधारित निबंध एवं प्रश्रमंच प्रतियोगिता आयोजित हुई, जिसमें कश्मकश के बाद छात्र-छात्राओं ने पुरस्कार जीते।
प्राध्यापकों मेें से डॉ. शाक्य, डॉ. निरंजन सराफ एवं डॉ. जितेन्द्र जैन ने चरक संहिता के जीवनोपयोगी भावों को रेखांकित किया। महाविद्यालय की छात्राएं फाइनल वर्ष की छात्रा मनीषा कन्नोज, आकांक्षा पाण्डे एवं प्रथम वर्ष की छात्रा कु. दिव्या गुप्ता ने आचार्य चरक पर उद्बोधन व्यक्त किया।
प्रधानाचार्य डॉ. चौरसिया ने अध्यक्षीय उद्बोधन में यह रहस्योद्घाटन किया कि चिकित्सा का संपूर्ण ज्ञान चरक संहिता में तथा हमें स्वयं के लिए तथा रोगियों को स्वस्थ रखने के लिए इसका उपयोग करना चाहिए। इस अवसर पर प्राध्यापकों में डॉ. वेदप्रकाश व्यास, डॉ. अजय कीर्ति जैन, डॉ. नृपेन्द्र मिश्रा, डॉ. नरेश जैन, डॉ. राजेश जोशी, डॉ. प्रकाश जोशी, डॉ. योगेश वाणे, डॉ. मुकेश गुप्ता आदि प्रध्यापकों सहित एवं नवनियुक्त प्राध्यापक उपस्थित थे।
कार्यक्रम का आयोजन महाविद्यालय ने किया। प्रायोजक डाबर इंडिया लिमिटेड केे मनीष तिवारी एवं चंद्रेश ठाकरे ने सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम कर सफल संचालक डॉ. शिरोमणि मिश्रा ने किया। डॉ. प्रकाश जोशी ने आभार प्रकट किया।