शौर्य दिवस छ: दिसम्बर को सामने आएंगे अयोध्या में हुई कारसेवा के दुर्लभ चित्र
रतलाम,25 नवंबर (इ खबरटुडे)। पच्चीस साल पहले अयोध्या में हुई कारसेवा के वक्त दुनिया में एकमात्र व्यक्ति वहां कैमरे के साथ मौजूद था। उस कैमरे से खींची गई तस्वीरें आज तक कहीं उपलब्ध नहीं है। लेकिन कारसेवा की रजत जयन्ती के मौके पर ये दुर्लभ तस्वीरें सामने लाई जाएगी। यह दावा पत्रकार तुषार कोठारी ने किया है।
पत्रकार तुषार कोठारी का कहना है कि 6 दिसम्बर 1992 को अयोध्या में हुई कारसेवा के वक्त सारी दुनिया की मीडीया अयोध्या में मौजूद थी,लेकिन जिस वक्त ढांचे को तोडा जा रहा था,उस वक्त कोई भी मीडीयाकर्मी घटनास्थल पर मौजूद नहीं था। सारे मीडीयाकर्मी घटनास्थल से करीब दो किमी दूर थे। कारसेवा से एक दिन पहले कारसेवकों ने मीडीयाकर्मियों पर हमले प्रारंभ कर दिए थे। इस वजह से प्रशासन ने कारसेवा के वक्त उन्हे जन्मभूमि स्थल से काफी दूर स्थान दिया था। मीडीयाकर्मी ढांचे के पिछले हिस्से में थे। इसका नतीजा यह हुआ कि कारसेवा के बाद मीडीया में एकमात्र तस्वीर आई,जिसमें कई सारे कारसेवक मन्दिर के गुंबदों पर चढे दिखाई देते है। यह फोटो मन्दिर के पीछे की ओर से लिए गए थे। लेकिन मन्दिर के भीतर वास्तव में क्या हुआ था,यह किसी मीडीयाकर्मी को पता नहीं चला। मीडीयाकर्मी वहां तभी पंहुच पाए थे,जब तीनों गुंबद ढह चुके थे।
इसके बाद कारसेवा को लेकर भ्रम की स्थितियां बन गई थी। लोगों को यह यकीन नहीं हो रहा था कि इतनी मजबूत इमारत कुछ ही घण्टों में कैसे ढहा दी गई। कुछ लोगों ने तो यह भी अनुमान लगाए थे कि ढांचे को तोडने के लिए विस्फोटक इत्यादि का उपयोग किया गया होगा।
श्री कोठारी का दावा है कि वे कारसेवक के रुप में घटनास्थल पर कैमरे के साथ मौजूद थे और वे दुनिया के एकमात्र व्यक्ति है,जो कैमरे के साथ वहां थे। श्री कोठारी अपने कुछ साथियों के साथ कारसेवा के लिए गए थे। वे 29 नवंबर से 9 दिसम्बर 1992 तक अयोध्या में ही थे। उन्होने कारसेवा का पूरा आंखो देखा हाल अपनी डायरी में नोट किया था। उनका कहना है कि कारसेवा के वक्त उन्होने कारसेवकों की तस्वीरें खींची थी,जिन्हे आज तक सार्वजनिक नहीं किया गया है।
कारसेवा की रजत जयन्ती के मौके पर वे इन तस्वीरों को अपनी पुस्तक के माध्यम से सार्वजनिक करेंगे। अयोध्या की कारसेवा के दौरान लिखी गई डायरी दो वर्ष पूर्व कुछ समाचार पत्रों में प्रकाशित हो चुकी है,लेकिन तब भी कारसेवा के फोटो प्रकाशित नहीं किए गए थे। श्री कोठारी की अयोध्या डायरी अब पुस्तक के रुप में सामने आ रही है। यह पुस्तक शौर्य दिवस 6 दिसम्बर को ही रिलीज होगी। श्री कोठारी का कहना है कि कारसेवा के समय खींची गई वे दुर्लभ तस्वीरें भी इस पुस्तक में प्रकाशित की जा रही है। ये तस्वीरें कारसेवा का अब तक का सबसे प्रमाण है।