शिव की साक्षी में शिप्रा-नर्मदा का वास्तविक मिलन
पथगामिनी होती हुई नर्मदा छापरी मंडलावदा में मिली शिप्रा जल से
उज्जैन 18 फरवरी (इ खबरटुडे) । सोमवार को भगवान शिव की साक्षी में नर्मदा और शिप्रा का वास्तविक मिलन हुआ है। वैसे तो माँ नर्मदा का जल शिप्रा में एक पखवाड़े पूर्व शिप्रा के पथ पर चल पड़ा है। शिप्रा उद्गम स्थल पर मिलन का उद्धोष हो चुका है। वास्तविक मिलन सोमवार को ही कहा जायेगा। शिप्रा के अथाह जल में जब नर्मदा का पानी मिल रहा था ऐसा लग रहा था मानो दो संस्कृतियों का मिलन हो रहा हो।
सोमवार को पूर्वान्ह 11.10 मिनट पर ग्राम छापरी मंडलावदा में नर्मदा का जल देवास की शिप्रा जल आवर्धन योजना के बेक वाटर में जाकर मिला। यह मिलन स्थल अद्भुत संगम लिये हुए था। जिस स्थान पर शिप्रा और नर्मदा का मिलन हुआ, वहां ठीक बीच में भगवान शिव का छोटा सा मंदिर स्थापित है। मंदिर के आधे भाग तक शिप्रा का जल था और दूसरी ओर से माँ नर्मदा का जल कल-कल बहता हुआ इसमें जा मिला। ऐसा लगा मानो भगवान शिव की साक्षी में यह मिलन हुआ हो। इस स्थान से शिप्रा जल आवर्धन का डेम 15 कि.मी. दूर स्थित है। डेम में 11 मीटर तक पानी भरा हुआ है। वैसे इस डेम की क्षमता 14 मीटर की है। डेम अब तक 3 मीटर खाली हुआ है।
दो दिन से ग्रामीण देख रहे थे रास्ता
ग्राम छापरी मंडलावदा में पिछले दो दिनों से ग्रामीण माँ नर्मदा के जल आगमन का इंतजार कर रहे थे। दो दिनों से उन्हें निराशा हाथ लग रही थी। कभी बड़ी खाइयों के बीच नर्मदा उलझकर रही तो कभी सूखे पथ पर उसे चलने में काफी कष्ट हुआ। आखिरकार तीसरे दिन पूर्वान्ह के समय ग्रामीणों का उत्साह कुलाचे भर उठा। जैसे ही माँ नर्मदा का जल ग्रामीणों को कल-कल बहता हुआ आता दिखाई दिया। ढोल-ढमाके बज उठे। पूजा की थाल लिये ग्रामीण पहुंचे और माँ को चुनरी अर्पण करते हुए अभिषेक किया गया। यह पहला अवसर रहा जब शिप्रा के अथाह जल के बीच नर्मदा का मिलन हुआ है। इससे पूर्व सूखी शिप्रा में ही नर्मदा को पथगामिनी होना पड़ा। अब तक शिप्रा और नर्मदा का मुख्य मिलन ही चल रहा था। वास्तविक मिलन सोमवार को शिप्रा के अथाह जल के बीच हुआ है।
अभी तय नहीं जल छोड़ेंगे या स्टोर करेंगे
इधर देवास और नर्मदा शिप्रा मिलन से जुड़े प्रशासनिक सूत्रों की ओर से यह स्पष्ट नहीं किया गया कि शिप्रा जल आवर्धन से कब से जल छोड़ा जायेगा। यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि कब तक नर्मदा के जल को स्टोर किया जायेगा। इधर उज्जैन में तैयारियों के लिये कवायदें शुरु हो गई हैं।
प्रशासन पहुंचा रामघाट
उज्जैन नर्मदा-शिप्रा मिलन महोत्सव की तैयारियों के लिये कलेक्टर बी.एम. शर्मा के साथ प्रशासनिक अधिकारियों का दल सोमवार को रामघाट पहुंचा था। यहां 25 फरवरी को मिलन महोत्सव प्रशासनिक स्तर पर मनाने की तैयारियों के चलते कलेक्टर सहित एडीएम अवधेश शर्मा, निगमायुक्त विवेक श्रोत्रिय एवं अन्य अधिकारियों ने घाट पर निरीक्षण किया है। इस दरमियान मंच और तमाम व्यवस्थाओं के लिये अधिकारियों के बीच विचार मंथन हुआ है। बताया जा रहा है कि रामघाट पर महोत्सव में करीब 1 लाख लोगों के पहुंचने की संभावना बनी हुई है।
3 तहसील 100 गांव
बताया जा रहा है कि नर्मदा और शिप्रा के मिलन में तीन जिलों की 3 तहसील और 100 गांव लाभान्वित हो रहे हैं। नर्मदा और शिप्रा के उद्गम स्थल के मिलन का स्थल इंदौर जिले की इंदौर तहसील अंतर्गत है। इसके बाद देवास जिले की देवास तहसील के तहत नर्मदा का पानी शिप्रा पथ पर आगे बढ़ रहा है। यहां से उज्जैन जिले की उज्जैन तहसील के अंतर्गत यह पानी शिप्रा पानी में होता हुआ रामघाट पहुंचेगा।