September 21, 2024

शिवाजी का राज्याभिषेक, सम्पूर्ण हिन्दू साम्राज्य की स्थापना

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा मनाया गया हिन्दू साम्राज्य दिनोत्सव

उज्जैन,19जून(इ खबरटुडे)। किसी भी महान लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सभी समाज का सहयोग सnavatheहकार आवश्यक होता है। भगवान श्रीराम, भगवान श्रीकृष्ण आदि अनेक महापुरुषों के जीवन से यह सत्य प्रकट होता है। ठीक उसी प्रकार शिवाजी महाराज ने भी सम्पूर्ण समाज को संगठित कर लम्बे समय से व्याप्त मुगल आदि शासन को समाप्त कर ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन हिन्दवी साम्राज्य की स्थापना की। उक्त विचार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सह प्रांतकार्यवाह विनीत नवाथे ने माधवनगर के शर्मा परिसर में सम्पन्न हिन्दू साम्राज्य दिनोत्सव में व्यक्त किए। श्री नवाथे ने शिवाजी से चरित्र, शील, न्यायप्रियता, कुशलरणनीति जैसे सदगुणों को अपनाने के लिए आह्वान किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. मानस पाटीदार ने की। सम्पूर्ण कार्यक्रमों की जानकारी देते हुए महानगर कार्यवाह समीर चौधरी ने बताया कि श्री नवाथे ने आगे कहा कि तत्कालीन समय में सम्पूर्ण समाज आततायियों के आतंक से निराशा में डूब चुका था और ऐसे समय में शिवाजी ने सम्पूर्ण हिन्दू समाज में आत्मविश्वास जागृत कर संत तुकाराम, समर्थ स्वामी रामदास, माता जीजाबाई, दादा कोण्डदेव आदि के संयुक्त आशीर्वाद एवं मार्गदर्शन में हिन्दू साम्राज्य की स्थापना की।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ द्वारा रविवार को 4 स्थानों पर लगभग 1500 स्वयं सेवक, समाजजन, माता-बहनों की उपस्थिति में कार्यक्रम के दौरान शिवाजी बनो प्रतियोगिता, लगभग 56 बस्तियों में शिवाजी पर आधारित प्रश्नमंच के विजेताओं को पुरस्कार एवं माधवनगर में निनाद नृत्य अकादमी द्वारा शिवाजी लघुनाटिका आदि आयोजन किये गए।
सरस्वती विद्या मंदिर ऋषिनगर में सम्पन्न राजेन्द्रनगर के कार्यक्रम में मुख्य वक्ता श्री मुकेश दीसावल उज्जैन विभाग सेवा प्रमुख ने शिवाजी की संगठन कुशलता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि तानाजी मालसुरे, बाजीप्रभु देशपाण्डे जैसे आदर्श जीवन जीने वाले एवं भारत माता के लिए शहीद होने वाले देशभक्त शिवाजी ने ही अपने व्यक्तिगत आचरण प्रस्तुत कर तैयार किए थे।
सरस्वती विद्या मंदिर पीपलीनाका चौराहा में सम्पन्न मधुकर नगर उत्सव में उज्जैन महानगर बौद्धिक प्रमुख मनीष गोयल ने शिवाजी की कुशल रणनीति, युद्धकौशल, कुटनीति के गुणों को समझाते हुए बताया कि कैसे छोटी सेना के साथ उन्होंने सिद्धि जौहर, अफजल खान जैसे बड़े-बड़े मुगल शासकों का वध किया।
सरस्वती विद्या मंदिर महाकालपुरम् में सम्पन्न केशवनगर कार्यक्रम के प्रमुख वक्ता डॉ. कुन्दन चन्द्रावत, उज्जैन महानगर सह प्रचार प्रमुख ने तत्कालीन समय की तुलना वर्तमान परिस्थितियों से करते हुए बताया कि आज भी उसी आत्मविश्वास, राष्ट्रीय चरित्र की आवश्यकता है जबकि देश में राष्ट्र विरोधी तत्व, यत्र-तत्र अपना सिर निर्भिकता से उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिवाजी का राज्याभिषेक हिन्दवी साम्राज्य की स्थापना था और वह सम्पूर्ण रूप से व्यक्तिगत यश से परे सामाजिक विजय का द्योतक था। संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार ने शिवाजी को आदर्श मानकर हिन्दू समाज में स्वाभिमान जगाने एवं संगठन करने के उद्देश्य से संघ की स्थापना की और हिन्दू साम्राज्य दिनोत्सव को अपने प्रमुखत: छ: उत्सवों में सम्मिलित किया है।

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