November 23, 2024

शहर में एक साथ दो हादसों का असर-एसपी ने अव्यवस्थाओं के चलते निगमायुक्त को नोटिस देकर जवाब मांगा,निगम नेतृत्व फिर भी अकर्मण्य

रतलाम,30 जनवरी (इ खबरटुडे)। शहर के प्रमुख मार्गों पर सोमवार शाम हुए दो हादसों के बाद आज जहां जिला प्रशासन ने शहर का दौरा कर यातायात की हालत देखी वहीं एसपी ने नगर निगम की अव्यवस्थाओं  को लेकर निगमायुक्त को दो अलग अलग नोटिस देकर दो दिनों में जवाब मांगा है। जिला प्रशासन की सक्रियता के बावजूद नगर निगम नेतृत्व पूरी तरह अकर्मण्य बना हुआ है।
नगर निगम की अव्यवस्थाओं के चलते इन दिनों पूरे शहर में हाहाकार मचा हुआ है। एक ओर शहर में सीवरेज प्रोजेक्ट की खुदाई चल रही है,वहीं दूसरी ओर महूरोड फौव्वारे से आम्बेडकर तिराहे तक नई सडक़ बनाने के लिए खुदाई कर दी गई है। छतरी पुल पूर्व से ही टूटा पडा है। इन सबका नतीजा यह है कि शहर की अन्य सडक़ों पर यातायात का दबाव बढ गया है। इसी की दुखद परिणति सोमवार शाम को दो मौतों के रुप में सामने आई।

निगम को नोटिस,दो दिन में जवाब मांगा
इन हादसों के बाद आज पुलिस अधीक्षक अमित सिंह ने निगमायुक्त को दो नोटिस दिए है। पहला नोटिस सडक़ों की बैतरतीब खुदाई के सम्बन्ध में है। नोटिस में कहा गया है कि शहर में सडक़ निर्माण कार्यों के लिए ठेकेदार द्वारा पुलिस को पूर्व सूचना दिए बगैर खुदाई प्रारंभ कर दी जाती है। जिन स्थानों पर सडक़ निर्माण किया जा रहा है वहां डायवर्शन मार्ग नहीं बनाए गए हंै। इसके साथ ही सडक़ की खुदाई के बाद उसकी रिपेयरिंग भी नहीं की जा रही है। इसकी वजह से आए दिन दुर्घटनाएं हो रही है। नोटिस में निगमायुक्त को दो दिन के भीतर वस्तुस्थिति सूचक प्रतिवेदन देने को कहा गया है। नोटिस में कहा गया है कि शहर में हो रहे हादसों के लिए  नगर निगम  व सम्बन्धित ठेकेदार के विरुध्द कार्यवाही क्यों न की जाए?
ट्रैफिक सिग्रल पर भी सवाल
एसपी अमित सिंह ने नगर निगम को दूसरा नोटिस दोबत्ती क्षेत्र के ट्रैफिक सिग्रल के लिए दिया है। नोटिस में कहा गया है कि सोमवार को हुए हादसों के कारण आमजन में काफी रोष है। नोटिस में कहा गया है कि दोबत्ती पर लगाए गए सिग्रल्स में लाल बत्ती के लिए १२० सेकण्ड का समय निर्धारित है,जबकि हरी बत्ती के लिए मात्र २४ सेकण्ड का समय निर्धारित किया गया है। समय का यह निर्धारण किस आधार पर किया गया है। इसके अलावा ट्रैफिक सिग्रल्स पर  न तो रोड डिवाईडर लगाए गए है,ना जेबरा  क्रासिंग डाली गई है और ना ही लेफ्ट टर्न के लिए पर्याप्त स्थान दिया गया है। इन कारणों से दो बत्ती ट्रैफिक सिग्रल्स पर दुर्घटनाओं का सर्वाधिक खतरा है। इसी चौराहे पर बीती शाम एक व्यक्ति को अपनी जान गंवानी पडी थी।
नोटिस में निगमायुक्त को दो दिन के भीतर यथास्थिति सूचक प्रतिवेदन देने को कहा गया है।
निगम नेतृत्व की अकर्मण्यता
शहर में उपजी सारी समस्याएं नगर निगम की लापरवाही के कारण हो रही है। एक दिन में दो लोग अपनी जान गंवा चुके है। इन हादसों के कारण स्वयं जिला कलेक्टर और एसपी को सडक़ों का जायजा लेने के लिए सडक़ों पर आना पडा,लेकिन नगर की प्रथम नागरिक महापौर को इससे शायद कोई लेना देना नहीं है। जिला प्रशासन के भ्रमण के दौरान भी महापौर मौजूद नहीं थी। इतनी सारी दिक्कतों के बावजूद निगम नेतृत्व पूरी तरह अकर्मण्य बना हुआ है। हालत यह हो गई है कि शहर की आधी सडक़ें खुदी हुई है। वाहनों के चलने के लिए रास्ते नहीं बचे है। इसके बावजूद भी खुदाई और निर्माण के काम कछुए की गति से ही चल रहे है।
 नारकीय यातना से कम नहीं है कोर्ट कलेक्टोरेट जाना
महू रोड फौव्वारे से आम्बेडकर सर्कल तक की सडक के चौडीकरण के चलते कोर्ट कलेक्टोरेट जाना किसी नारकीय यातना से कम नहीं है। इन दोनो स्थानों पर प्रतिदिन जिले भर से हजारों लोग पंहुचते है। सडक़ बनाने के लिए ठेकेदार ने अम्बेडकर सर्किल से कोर्ट तक पूरी सडक़ खोद डाली है। इधर छतरीपुल टूटी पडी है। छतरीपुल पर बनाए गए डायवर्शन को भी बन्द कर दिया गया है। गुलाब चक्कर से होकर शहर के भीतरी हिस्से में जाने के लिए मात्र आधी सडक़ बची है। इतना सबकुछ होने के बाद भी नगर निगम के जिम्मेदार आंखे मूंदे बैठे है।

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