May 20, 2024

वागड़ पर मेहरबान हुआ मानसून, वागड़ गंगा माही हुई लबालब

उदयपुर,01 सितंबर (इ खबरटुडे)। दक्षिण राजस्थान में पिछले कई दिनों से मानसून मेहरबान हुआ है। शनिवार दोपहर से शुरू हुई बारिश रविवार को दोपहर बाद थमी। वागड़ अंचल के दोनों जिलों (बांसवाड़ा-डूंगरपुर) में इस दौरान जमकर बारिश हुई। इधर, भरपूर बारिश के बाद संभाग के सबसे बड़ा माही बांध भी लबालब हो गया और शनिवार अर्धरात्रि इसके सभी 16 गेट खोले गए। रविवार दिन में इसके 14 गेट 6-6 मीटर तथा दो गेट आधा-आधा मीटर खोलकर पानी की निकासी की गई। इस दौरान बांध के विशाल गेटों से झरती जलराशि का मनोहारी नज़ारा देखा गया। काले मेघ और सघन हरितिमा के मध्य बांध से निकलती जलराशि का यह नज़ारा उदयपुर के जनसंपर्क उपनिदेशक डॉ. कमलेश शर्मा ने क्लिक किया है।

माही बांध: एक नज़र

माही बांध या माही बजाज सागर परियोजना वागड़ विकास के भगीरथ पूर्व मुख्यमंत्री स्व. हरिदेव जोशी द्वारा दी गई एक अविस्मरणीय सौगात है। वर्ष 1984 में इस परियोजना के निर्माण के बाद नहरों में पहली बार सिंचाई हेतु जल प्रवाहित किया गया था। बांध की कुल लंबाई 3.10 किलोमीटर है जिसमें से 2.60 किलोमीटर मिट्टी का बांध एवं 0.42 किलोमीटर पक्का बांध बनाया गया है। बांध के ओवरफ्लो होने की स्थिति में जल निकासी के लिए 16 गेट लगाये गए हैं। इसी प्रकार, बांध से निकाली गई दायीं व बायीं मुख्य नहरों से सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराने के साथ-साथ विद्युत उत्पादन भी किया जाता है। बांध पर जल विद्युत गृह प्रथम (2 गुणा 25 मेगावाट) बांसवाड़ा से 8 किमी दूर तथा द्वितीय विद्युत गृह (2 गुणा 45 मेगावाट) बागीदौरा के समीप लीलवानी में स्थित है।

वागड़ में हुई वर्षा:

वागड़ अंचल में हुई वर्षा की ओर नज़र डाले तो रविवार सुबह समाप्त हुए पिछले चौबीस घंटों में सर्वाधिक 362 मिमी वर्षा आसपुर में दर्ज हुई है। इसी प्रकार साबला में 202 मिमी, निठाउवा में 195, भूंगड़ा में 140, जगपुरा में 137, दानपुर में 128, बांसवाड़ा व गणेशपुर में 122, घाटोल में 111 मिमी वर्षा दर्ज हुई। अन्य सभी स्थानों पर एक से दो इंच वर्षा की सूचना है।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds