वंदेमातरम् विवाद: कमलनाथ के फैसले पर शिवराज बोले-राष्ट्रगीत गाने में शर्म आती है, तो मुझे बता दें
भोपाल,03जनवरी(इ खबरटुडे)।मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के एक जनवरी से मंत्रालय में वंदेमातरम गान की अनिवार्यता को बंद कर दिया है। प्रदेश सरकार के फैसले के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मैं और बीजेपी के समस्त विधायक विधानसभा सत्र के पहले दिन 7
जनवरी 2019 को सुबह 10:00 बजे वल्लभ भवन के प्रांगण में वंदे मातरम् का गान करेंगे। इस मुहिम से जुड़ने हेतु आप सभी का स्वागत है।
इससे पहले शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा था कि अगर कांग्रेस को राष्ट्र गीत के शब्द नहीं आते हैं या फिर राष्ट्र गीत के गायन में शर्म आती है, तो मुझे बता दें! हर महीने की पहली तारीख़ को वल्लभ भवन के प्रांगण में जनता के साथ वंदे मातरम् मैं गाऊंगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस शायद यह भूल गई है कि सरकारें आती है, जाती है लेकिन देश और देशभक्ति से ऊपर कुछ नहीं है। मैं मांग करता हूं कि वंदे मातरम् का गान हमेशा की तरह हर कैबिनेट की मीटिंग से पहले और हर महीने की पहली तारीख को हमेशा की तरह वल्लभ भवन के प्रांगण में हो। जय हिंद!,
शिवराज ने कहा कि वंदे मातरम् ऐसा मंत्र है जिसका उद्घोष करते हुए हज़ारों स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने सीने पर अंग्रेज़ों की गोलियां खायी थी। इसी मंत्र को जपते-जपते लाखों लोगों ने देश को आज़ाद करने में अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।
वंदे मातरम् सिर्फ़ हमारा राष्ट्रीय गीत ही नहीं परंतु राष्ट्र भक्ति का पर्याय है। वंदे मातरम् ऐसा मंत्र है जिसका उद्घोष करते हुए भारत माता के हज़ारों सपूत हंसते-हंसते फांसी पर झूल गए थे।