लॉक डाउन के असर में बोहरा समाज हुआ हाई टेक,ऑनलाइन होगा रमजान
– पंडित मुस्तफा आरिफ
गुरुवार से दाऊदी बोहरा समाज के रमजान की शुरुआत हो रहीं है। कोरोना वायरस के संक्रमण काल में महामारी से संपूर्ण विश्व जूझ रहा है, कमोबेश विश्व का हर देश महामारी से छुटकारा पाने के लिए लॉक डाउन का पालन कर रहा है, भारत भी इससे अछूता नहीं है। दाऊदी बोहरा समाज जिस पर प्रकार अनुशासित तरीके से लॉक डाउन का पालन कर रहा है, वह निश्चित रूप से एक अनुकरणीय है। समाज के धर्म गुरू डाक्टर सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब के मार्गदर्शन में समाज ने संपूर्ण रूप से अपने आप को घरों में सीमित कर, इंटरनेट के माध्यम से जोङ लिया है, सारी धार्मिक व सामाजिक गतिविधियों का संचालन स्मार्ट फोन पर एप और प्रत्यक्ष जुङाव द्वारा हो रहा है। पांचों नमाजो के अरकानो की पाबंदी का निर्धारित प्रारूप के अनुसार संचालन और स्थानीय आमिल साहब द्वारा दुआओं का ओनलाईन प्रस्तुतिकरण लॉक डाउन के प्रावधानों के सुचारू पालन में मदद कर रहा है। प्रति दिन रात को ओनलाईन मजलिस में विश्व भर के बोहरा जाकेरीन उपलब्ध होते हैं।
रमजान के पवित्र माह के महत्व के मद्देनजर सारी तैयारी पूर्ण कर ली गयी है। रमजान के रोजे व अन्य जरूरत के मद्देनजर बोहरा भाईयों ने अपने अपने घरों पर खाद्यान्न सामग्री, सेहरी इफ्तारी के सामान की समुचित व्यवस्था कर ली हैं । लॉक डाउन के चलते मस्जिदों मे इकट्ठे होने का प्रावधान समाप्त कर हर बोहरा सदस्य अपने घर पर नमाज़ पढे और इमामत करें उसकी पूरी व्यवस्था की गयी है । वेबीनार के जरिए रमजान की पाबंदियों, रोजे की पाबंदी व दुआओं के पढ़ने का प्रशिक्षण सभी बोहरा भाईयों को दिया गया है।
सैयदना साहब और उनके पूर्वज से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के परंपरागत संबंध रहै हैं। 24 सितम्बर 2017 को प्रधानमंत्री श्री मोदी मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के साथ इंदौर के मोहर्रम की हजरत इमाम हुसैन की शहादत की मजलिस में शामिल हुए थे, तब से भारत के लगभग सभी क्षेत्रों में दाऊदी बोहरा समाज के बारे में जानने का अवसर मिला। PMCARE FUND में भी सैयदना साहब की ओर से 53 करोड़ रुपये का योगदान दिया गया है। दाऊदी बोहरा समाज की उत्पत्ति गुजरात के खंबात से हुई, जिसमें लगभग शत-प्रतिशत व्यापारी हैं, शत-प्रतिशत साक्षरता व संगठित अनुशासित प्रबंधन है । दाऊदी बोहरा समाज मिश्री कैलेन्डर का अनुसरण करते हैं। मेरा सौभाग्य है मैं भी दाऊदी बोहरा समाज का अनुशासित सिपाही हूँ । सामान्यतः शुक्ल पक्ष की एकम को बोहरा समाज के कैलेंडर की पहली तारीख होती है, यानि अमावस्या के दुसरे दिन। इस अनुसार कल रमजान की पहली तारीख है, और बोहरा समाज का पहला रोजा होगा। दाऊदी बोहरा समाज को रमजान की आमद मुबारक हो। इस निवेदन के साथ कि सारे आलम को महामारी से निजात मिले और भारत विश्व का सिरमौर बनें, इस हेतु रमजान मे अल्लाह से दुआ करे। आमीन