लू से खुद को बचायें- मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. वंदना खरे
रतलाम 21 मई (इ खबरटुडे)।मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला रतलाम डॉ. वंदना खरे ने वर्तमान में बढते तापमान के कारण लू के मरीज बढने की आशंका व्यक्त की है। उन्होनें कहा कि बीमार होकर उपचार कराने से बीमारी होने से पहले ही तरीके अपनाकर बचाव करना ज्यादा बेहतर है।
क्या है लू –
शरीर पर सूर्य की किरणे सामने से लगती है और तेज गरम हवा लगने के कारण लू लग जाती है। इसमें शरीर की उष्मा नियंत्रक विधि विफल हो जाती है।
लू के लक्षण-
इसमें रोगी की ऑखे लाल हो जाती है, सिर चकराने लगता है, बैचेनी होती है, सिरदर्द, जी मिचलाना और कभी कभी बेहोशी आ जाती है, मॅुह सुख जाता है और त्वचा सुखी हो जाती है, चेहरा लाल हो जाता है, उल्टी होने लगती है नब्ज की गति तेज चलती है। शरीर का तापमान 42 डिग्री तक पहॅुच जाता है। कभी कभी गम्भीर मामलो में मौत हो सकती है।
लू से बचाव के उपाय –
- 1 घर से खाली पेट ना निकले, नाश्ता जूस अथवा फल खाकर निकले। जैसे आम का पना, नीबू की शिकंजी, खस का शरबत पीने से लाभ मिलता है।
- 2 पुरी बाह के यथासंभव सूती, हल्के रंग के कपडे पहने।
- 3 बार-बार पानी अथवा तरल पदार्थ पिये।
- 4 अधिक प्यास लगने पर आधा चम्मच शक्कर एक चुटकी नमक आधा नींबू पानी में घोलकर पिये।
- 5 बुखार होने पर सिर पर एवं पैर पर गीले पानी की पट्टी रखे।
- 6 तेल युक्त एवं मसालेदार पदार्थो का सेवन न करे।
- 7 सब्जियो के सूप का सेवन करने से भी लू से बचा जा सकता है।
- 8 दिन में हल्का भोजन करना चाहिये एवं भोजन में दही का प्रयोग करना चाहिये।
- 9 अधिक बुखार होने पर तत्काल शासकीय चिकित्सालय में आकर चिकित्सकीय परामर्श प्राप्त करना चाहिये।