October 5, 2024

राम रहीम सहित चार को छत्रपति हत्‍याकांड में उम्रकैद, 50-50 हजार का जुर्माना भी

पंचकूला,17 जनवरी(इ खबर टुडे)। राम रहीम और तीन अन्‍य दोषियों को पत्रकार रामचंद्र छत्र‍पति हत्‍या मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। उनको 50-50 हजार रुपये का जुर्माना भी सुनाया है। डेरा सच्‍चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम और तीन अन्‍य को पंचकूला की विशेष सीबीआइ कोर्ट सजा सुनाई। जज जगदीप सिंह कोर्ट में सजा पर बहस पूरी होने के बाद शाम करीब 6.25 बजे पर सजा का ऐलान किया। गुरमीत राम रहीम के साथ-साथ कृष्ण लाल, कुलदीप और निर्मल सिंह को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है।

इससे पहले बचाव पक्ष और सीबीआइ के वकीलों के बीच सजा को लेकर बहस हुई। सीबीआइ के वकील ने गुरमीत राम रहीम के लिए फांसी की सजा मांगी। बचाव पक्ष के वकील ने रहम की गुहार लगाई। इस दौरान वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग से पेश हो रहा गुरमीत राम रहीम हाथ जोड़े खड़ा रहा। सुनवाई के दौरान रामचंद्र छत्रपति के परिवार ने मुआवजा देने की मांग उठाई। सरकारी पक्ष की ओर से डेरा मुखी राम रहीम को दी गई सुरक्षा में हुए खर्च का मुआवजा भी कोर्ट में मांगा गया।

सीबीआइ के वकील ने विशेष जज के सामने अपनी दलील में कहा कि राम रहीम को फांसी की सजा दी जाए। दूसरी ओर, बचाव पक्ष ने कम से कम सजा देने के लिए गुहार लगाई। पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में सीबीआई कोर्ट में सुनवाई में दोनों पक्षों की सज़ा पर बहस हुई पूरी। राम रहीम के वकील ने उसके द्वारा किए गए सामाजिक कार्यों का दिया गया हवाला। बहस के बाद सभी पक्ष कोर्ट से बाहर आ गए और जज फैसला लिखवाना शुरू किया। फैसला लिखवाने के बाद विशेष सीबीआई जज जगदीप सिंह द्वारा सज़ा का एेलान किया। इससे पहले वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के दौरान स्क्रीन पर चारों दोषियों को लाकर सुनवाई हुई। अदालत में गुरमीत सहित सभी दोषियों की वीडियो काॅन्‍फ्रेंसिंग के जरिये पेश किया गया।

सजा सुनाने के लिए काेर्ट में दोपहर बाद सुनवाई शुरू हुई। स्पेशल सीबीआइ जज जगदीप सिंह कोर्ट रूम पहुंचे और इसके बाद वीडियो कॉ‍न्‍फ्रेंसिग से सुनारिया जेल और अंबाला सेंट्रल जेल में संपर्क बनाया गया। पंचकूला के डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी पंकज राज गर्ग भी सीबीआइ कोर्ट में मौजूद हैं। संपर्क स्‍थापित होने के बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये गुरमीत राम रहीम की जेल से पेशी हुई।

अंबाला सेंट्रल जेल से तीन अन्‍य दा‍ेषियों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी हुई। कोर्ट में सीबीआइ के वकील एचपीएस वर्मा और बचाव पक्ष के वकील सरबजीत सिंह मौजूद भी मौजूद रहे। इसके अलावा रामचंद्र छत्रपति के पुत्र अंशुल छत्रपति मुख्य गवाह खट्टा सिंह भी मौजूद थे।

सजा पर सुनवाई शुरू होने से पहले डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी पंकज राज गर्ग ने बताया धारा 302 और धारा 120 बी के तहत सभी आरोपियों दोषी करार दिया गया था। इसके लिए न्यूनतम सज़ा उम्रकैद वहीं अधिकतम सज़ा ए मौत का प्रावधान है।

सुनवाई के दौरान पंचकूला के कोर्ट परिसर और आसपास के क्षेत्र में सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। पूरे क्षेत्र मे अभी भी कड़ी सुरक्षा है। हालात का जायजा लेने हरियाणा के डीजीपी बीएस संधू भी पहुंचे। उन्‍होंने वहां सुरक्षा व्‍यवस्‍था का निरीक्षण किया और पुलिसकर्मियों को पूरी तरह चौकस रहने का निर्देश दिया। उन्‍होंने कहा कि रोहतक और सिरसा सहित पूरे राज्‍य में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। राज्‍य में कहीं भी शांति भंग नहीं होने दिया जाएगा।

विशेष सीबीआइ कोर्ट पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्या मामले में गुरमीत राम रहीम, कृष्ण लाल, निर्मल सिंह और कुलदीप सिंह को 11 जनवरी को दोषी करार दिया था। इसके बाद हरियाणा सरकार ने मामले की संवेदनशीलता व प्रदेश में सुरक्षा व कानून व्यवस्था के मद्देनजर गुरमीत राम रहीम व अन्‍य दोषियों को प्रत्‍यक्ष तौर पर पेशी को जोखिम भरा कहा था। गुरमीत राम रहीम , कृष्ण लाल, निर्मल सिंह और कुलदीप सिंह को भादसं की धारा 302 और 120बी के तहत दोषी करार दिया गया है।

कृष्ण लाल को 1959 आर्म्स एक्ट के सेक्शन 29 के तहत भी दोषी करार दिया गया है। निर्मल सिंह को 1959 आर्म्स एक्ट के सेक्शन 25 के तहत भी दोषी करार दिया गया है। गुरमीत राम रहीम वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये सुनारिया जेल से ही पेश हुआ था। अदालत द्वारा मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद कुलदीप, कृष्ण लाल और निर्मल को अंबाला जेल भेज दिया गया।

जेल में डरा-सहमा है गुरमीत, वकीलों से की मुलाकात

सुनारिया जेल में गुरमीत राम रहीम छत्रपति हत्याकांड में सजा सुनाने को लेकर डरा-सहमा सा है। हालांकि बुधवार को जेल में वकीलों से मुलाकात के बाद वह थोड़ा आश्वस्त भी दिखा। जेल प्रशासन ने पहले ही वीडियो काॅन्‍फ्रेसिंग को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली। राम रहीम को सीबीआइ की विशेष अदालत में पेश करने के लिए सुबह दस बजे ही काॅन्‍फ्रेंसिंग रूम में ले जाया जाएगा। अमूमन सजा या दोषी ठहराने का फैसला अदालत में जज लंच के बाद ही लेते हैं। वीडियो काॅन्‍फ्रेंसिंग के दौरान कोई बाधा उत्पन्न न हो, इसलिए जेल प्रशासन की तरफ से बीएसएनएल और बिजली निगम को स्टैंडबाई पर रखा गया। साथ ही जनरेटर, इनवर्टर व अन्य व्यवस्थाएं भी की गई। इतना ही नहीं दोषी के स्वास्थ्य जांच करने के लिए सुबह ही पीजीआइ के चिकित्सकों का बोर्ड जेल में पहुंच गया। डॉक्‍टरों ने गुरमीत के स्‍वास्‍थ्‍य की जांच की।

बाबा ने करीब आधा घंटा वकीलों से की बात
इससे पहले बुधवार को वकील भास्कर भारद्वाज और हरीश छाबड़ा सुनारिया जेल में राम रहीम से मिलने पहुंचे। वकीलों ने गुरमीत से करीब आधा घंटे मुलाकात की। वकीलों से मुलाकात करने के बाद बाबा के चेहरे पर छाई मायूसी कुछ समय के लिए छंट गई थी। यह भी बताया जा रहा है कि गुरमीत खाना भी ढंग से नहीं खा रहा।

कठोर से कठोर सजा दे अदालत : अंशुल
रामचंद्र छत्रपति के हत्यारों को सजा दिलवाने के लिए लंबी लड़ाई लडऩे वाले उनके बेटे अंशुल छत्रपति ने अदालत के फैसले से पहले मीडिया से बातचीत में कहा कि अदालत ने राम रहीम व अन्यों को दोषी करार देकर सम्मानीय निर्णय दिया है। उन्होंने अदालत से अपील की कि समूचे देश की निगाहें बृहस्पतिवार को होने वाले फैसले पर लगी हुई हैं। अदालत सभी दोषियों को कठोर से कठोर सजा दे।

रोहतक व अंबाला में जेलों की सुरक्षा बढ़ी, फतेहाबाद व सिरसा में धारा 144

सजा सुनाए जाने के मद्देनजर पुलिस एक बार फिर से अलर्ट हो गई है। पुलिस महानिदेशक बीएस संधू के निर्देशों के बाद रोहतक व अंबाला में जेलों की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया। डेरा सच्चा सौदा के मुख्यालय सिरसा में भी डेरा की तरफ जाने वाले सभी रास्तों की नाकाबंदी कर दी गई। सुरक्षा की दृष्टि से सिरसा व फतेहाबाद जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है। उधर पंचकूला स्थित सीबीआई कोर्ट की तरफ जाने वाले सभी रास्तों पर नाकाबंदी करके सील कर दिया गया है। एडीजीपी आपरेशन एएस चावला के अनुसार सभी संवेदनशील जिलों में पुलिस मुस्तैद है।

सीबीआइ ने साबित किया रामचंद्र छत्रपति को किशनलाल की रिवाल्‍वर थी

बता दें कि सीबीआइ ने चश्मदीदों के अलावा कोर्ट में यह भी साबित किया कि जिस रिवाल्वर से रामचंद्र को गोली मारी गई थी, वह आरोपित किशन लाल की लाइसेंसी रिवाल्वर थी। किशन लाल ने 23 अक्टूबर को यह रिवाल्‍वर आरोपित निर्मल सिंह और कुलदीप को दी थी। इस तथ्‍य को सीबीआइ ने ब्लेस्टिक एक्सपर्ट से भी कोर्ट में साबित करवाया। एक्‍सपर्ट ने कोर्ट में बताया था कि गोली उसी रिवाल्वर से चली थी, जोकि किशन लाल के नाम पर रजिस्टर्ड थी।

राम रहीम के पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह की गवाही रही अहम

गुरमीत राम रहीम के पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह ने गवाही मेें कहा था कि पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या करने के लिए डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने कृष्ण लाल, कुलदीप और निर्मल सिंह को आदेश दिया था। गुरमीत राम रहीम 23 अक्टूबर 2002 को जालंधर के एक सत्संग से वापिस सिरसा पहुंचा, तो उसे कृष्ण लाल ने अखबार दिखाया, जिसमें साध्वियों के यौन शोषण के बारे में खबर छपी थी। खबर पढ़ते ही गुरमीत तिलमिला उठा। उसने मेरे सामने कृष्ण लाल, कुलदीप और निर्मल को आदेश दिया कि रामचंद्र छत्रपति को मौत के घाट उतार दो। 24 अक्टूबर 2002 को रामचंद्र छत्रपति को उसके घर के बाहर गोलियों से भून दिया गया था।

एक बार गवाही देने के बाद मुकर गया था खट्टा सिंह

वैेसे बाद में खट्टा सिंह एक बार में मामले में अपने बयान से मुकर गया था। राम रहीम को साध्वी यौन शोषण मामले में सजा होने के बाद एक बार फिर खट्टा सिंह सामने आया और उसने सीबीआइ कोर्ट में अपने बयान दर्ज करवाए और अपना पुराना बयान दाेहराया। खट्टा सिंह ने कहा था कि वर्ष 2012 से 2018 तक वह डेरा प्रमुख के खिलाफ इसलिए सामने नहीं आया था, क्योंकि डेरा प्रमुख खुलेआम घूम रहा था। उसके परिवार को जान का खतरा बना हुआ था। खट्टा सिंह ने सीबीआइ अदालत में बताया था कि यदि वह डेरा प्रमुख के खिलाफ पहले बयान दे देता, तो उसे और उसके बेटे को डेरा प्रमुख जान से मरवा सकता था। इसकी मुझे धमकियां मिली थीं।

गौरतलब है कि वर्ष 2011 में सीबीआइ कोर्ट के समक्ष बयान दिया था कि उसे राम रहीम के खिलाफ बयान देने का दबाव डाला जा रहा है। खट्टा सिंह कह चुका था कि उसे इन मामलों में डेरा प्रमुख की भूमिका के बारे में कोई जानकारी नहीं है। लेकिन 25 अगस्त 2017 को गुरमीत सिंह के साध्वी यौन शोषण मामले में सजा होने के बाद खट्टा सिंह ने दोबारा गवाही देने के लिए मौका मांगा था।

पूरे राज्‍य में कड़ी सुरक्षा, विशेष जज जगदीप सिंह की सुरक्षा भी पुख्‍ता की गई

फैसले के मद्देनजर पंचकूला शहर, पंचकूला के कोर्ट परिसर, रोहतक के सुनारिया जेल परिसर और सिरसा शहर व वहां डेरा सच्‍चा सौदा के आसपास कड़ी सुरक्षा है। मूल रूप से जींद के रहने वाले जगदीप सिंह ने ही साध्वी यौन शोषण मामले में डेरा मुखी को सजा सुनाई थी।

सीबीआइ ने मामले में पेश किए 46 गवाह
बचाव पक्ष और सीबीआइ के वकील अपनी दलीलें कोर्ट के समक्ष पहले ही रख चुके थे। 24 अक्टूबर 2002 को सिरसा के पत्रकार रामचंद्र छत्रपति को गोलियाें से छलनी कर दिया गया था और 21 नवंबर 2002 को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में रामचंद्र छत्रपति की मौत हो गई थी।

रामचंद्र के बेटे अंशुल छत्रपति ने बताया कि उनके पिता रामचंद्र छत्रपति ने ही सबसे पहले गुरमीत राम रहीम के खिलाफ तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को लिखी पीडि़त साध्वी की चिट्ठी छापी थी। साल 2002 में इस रेप केस की जानकारी पत्रकार रामचंद्र छत्रपति ने पहली बार दी थी।

सिरसा मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर दडबी गांव के रहने वाले रामचंद्र छत्रपति सिरसा जिले से रोज शाम को निकलने वाला अखबार छापते थे। ना सिर्फ छत्रपति ने चिट्ठी छापी बल्कि उस पर कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए पीडि़त साध्वी से इस पत्र को प्रधानमंत्री, सीबीआई और अदालतों को भेजने को कहा था। उन्होंने उस पत्र को 30 मई 2002 के अंक में छापा था, जिसके बाद उनको जान से मारने की धमकियां दी गईं।

24 सितंबर 2002 को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए मामले की जांच के आदेश दिए। इस बीच छत्रपति को जान से मारने की धमकियां मिलती रहीं। 24 अक्टूबर को छत्रपति शाम को आफिस से लौटे थे। उस समय उनकी गली में कुछ काम चल रहा था और वह उसी को देखने के लिए घर से बाहर निकले थे। उसी समय दो लोगों ने उन्हें आवाज देकर बुलाया और गोली मार दी। 21 नवंबर को दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उनकी मौत हो गई थी।

इसके बाद उनके बेटे अंशुल छत्रपति ने कोर्ट में याचिका दायर कर अपने पिता की मौत की सीबीआई जांच की मांग की थी। जनवरी 2003 में अंशुल ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में सीबीआई जांच करवाने के लिए याचिका दायर की, जिस पर हाईकोर्ट ने नवंबर 2003 में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। अपने पैतृक गांव दडबी में खेती किसानी करने वाला अंशुल अपनी मां कुलवंत कौर, छोटे भाई अरिदमन और बहन क्रांति और श्रेयसी के साथ अपने पिता को न्याय दिलाने की लड़ाई लड़ते रहे। अंशुल ने बताया कि हमने एक ताकतवर दुश्मन के साथ इंसाफ के लिए लड़ाई लड़ी और 16 साल बाद अब हमें इंसाफ मिला।

इस मामले में सीबीआइ की ओर से 46 गवाह कोर्ट में पेश किए गए। बचाव पक्ष की ओर 21 गवाही पेश किए गए थे। हत्या के चश्मदीद रामचंद्र के बेटे अंशुल और अदिरमन थे। जिन्होंने कोर्ट में आंखों देखी ब्यां की थी। इसके अलावा हत्या के षड्यंत्र के बारे में गवाह खट्टा सिंह ने कोर्ट में बयान दिए थे। साथ ही डाक्टरों की भी गवाहियां हुई थी। बचाव पक्ष की दलीलें थी कि राम रहीम का पहली बार 2007 में केस में सामने आया था। साथ ही किसी भी आरोपित की पहचान नहीं हुई थी। मामले की जांच डीएसपी सतीश डागर और डीआइजी एम नारायणन ने की थी। कोर्ट मेें केस को साबित करने के लिए एडवोकेट एचपीएस वर्मा ने कोई कसर नहीं छोड़ी।

अब तक का घटनाक्रम

– पत्रकार रामचंद्र छत्रपति द्वारा ‘पूरा सच’ में 30 मई 2002 को धर्म के नाम पर किया जा रहा है साध्वियों का जीवन बर्बाद समाचार प्रकाशित किया गया।

– 4, 7 और 27 जून 2002 को डेरा सच्‍चा सौदा से जुड़े बड़े समाचार प्रकाशित किए।

– डेरा अनुयायियों ने पूरा सच के खिलाफ कार्रवाई करने व प्रतिबंध की रखी मांग।

– 2 जुलाई 2002 को एसपी सिरसा को डेरे की धमकियों से अवगत करवाया और सुरक्षा की मांग रखी।

– अक्टूबर 2002 में डेरा के प्रबंधक कृष्ण लाल पूरा सच कार्यालय पहुंचे और यहां उन्होंने डेरे के विरूद्ध खबर लिखने के मामले को बंद करने को कहा।

24 अक्टूबर 2002 को डेरा में कारपेंटर का काम करने वाले दो युवकों ने रामचंद्र छत्रपति को उनके घर के बाहर गोली मारी। एक पकड़ लिया गया। शहर थाना में केस दर्ज।

– 24 अक्टूबर 2002 को एसआइ ने बयान दर्ज किए, लेकिन डेरा प्रमुख का नाम नहीं लिखा।

– 29 अक्टूबर 2002 को कृष्ण लाल ने सीजेएम फिरोजपुर की कोर्ट में सरेंडर किया।

– छत्रपति का 8 नवंबर 2002 तक क पीजीआइ रोहतक में चला इलाज। इसके बाद अपोलो भेज दिया गया।

– 8 नवंबर 2002 को ही छत्रपति के पिता सोहन राम ने मजिस्ट्रेट से बयान करवाए जाने की दरखास्त दी।

– 21 नवंबर को रामचंद्र छत्रपति का देहांत हो गया।

– 5 दिसंबर 2002 को सिरसा पुलिस ने सीजेएम कोर्ट में दायर की चार्जशीट, डेराप्रमुख का नाम नहीं था।

– 2003 : अंशुल छत्रपति ने हाइकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआइ जांच की मांग की।

– 10 नवंबर 2003 सीबीआइ को ट्रांसफर हुआ केस।

– 9 दिसंबर 2003 को सीबीआई ने शुरू की जांच, सीबीआई ने शहर थाना में एक केस और दर्ज किया, जिसमें डेरा प्रमुख का नाम भी शामिल किया।

– 30 जुलाई 2007 को सीबीआई ने पेश किया चालान। -2 जनवरी 2019: पंचकूला की विशेष सीबीआइ कोर्ट में मामले की सुनवाई पूरी। – 11 जनवरी 2019: विशेष सीबीआइ कोर्ट के जज जगदीप सिंह ने गुरमीत राम रहीम सहित चारों आरोपित दोषी करार।

-12 जनवरी 2019 गुरमीत राम रहीम सहित चारों दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई।

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