राजा, महाराजा और कारोबारी के भरोसे MP में चुनाव नहीं जीत सकती कांग्रेस: अमित शाह
भोपाल,14 अक्टूबर(इ खबर टुडे)। भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह दो दिन के दौरे पर रविवार को मध्य प्रदेश पहुंचे. उन्होंने होशंगाबाद में पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया. इस दौरान अमित शाह ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि वे स्पष्ट करें कि वो मध्य प्रदेश में किसके भरोसे चुनाव लड़ने निकले हैं?
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि एक राजा, एक महाराजा और एक उद्योगपति को लेकर चुनाव नहीं जीता जा सकता. अमित शाह का इशारा कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया और मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ की तरफ था.
बता दें कि 28 नवंबर को मध्य प्रदेश में मतदान होना है. उससे पहले अमित शाह का यह दौरा अहम माना जा रहा है. पार्टी कार्यकर्ता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के चुनाव में विरोधी दल कितनी भी ताकत लगा लें लेकिन बीजेपी के कार्यकर्ताओं की ताकत के सामने उनकी दाल गलने वाली नहीं है.
अमित शाह ने कहा कि बीजेपी नेताओं की पार्टी नहीं है, यह कार्यकर्ताओं की पार्टी है. बीजेपी का बूथ और शक्ति केंद्र का अध्यक्ष ही बीजेपी का मालिक होता है. उन्होंने कहा कि बीजेपी ही एक ऐसी पार्टी है जहां पर एक गरीब घर में जन्मा शख्स प्रधानमंत्री बन सकता है. उन्होंने कहा कि हमारा दायित्व है कि आने वाले 50 सालों तक पंचायत चुनाव से लेकर केंद्र तक बीजेपी की जीत सुनिश्चित हो जाए.
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से मध्य प्रदेश की जनता के साथ अन्याय करती आई है. केंद्र सरकार की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी सरकार निरंतर देश के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य कर रही है.
अमित शाह ने कहा कि बीजेपी एक गरीब के बेटे शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्य प्रदेश का चुनाव लड़ने जा रही है.अमित शाह ने असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर से बाहर किए गए 40 लाख लोगों को लेकर भी कांग्रेस को घेरा.
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि जैसे ही 40 लाख घुसपैठियों की पहचान हुई वैसे ही दिग्विजय सिंह से लेकर राहुल गांधी तक संसद में हल्ला मचाने लगे. कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बसपा के लिए घुसपैठिए वोट बैंक हैं, लेकिन बीजेपी के लिए यह एक राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है.
बता दें कि हाल ही में असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) ड्राफ्ट के बाद 40 लाख लोगों के नाम बाहर किए गए. इस मुद्दे पर संसद में जमकर हंगामा भी हुआ था. हंगामे के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह को आगे आकर भरोसा देना पड़ा कि ये फाइनल लिस्ट नहीं है.