रतलाम: जनता जाम से त्रस्त,जिम्मेदार वसूली में मस्त
रतलाम,26 जून(इ खबरटुडे)। रतलाम शहर में इन दिनों चल रहे सीवरेज लाइन निर्माण के चलते कई प्रमुख मांर्ग बाधित है। जिसके चलते दूसरे मार्गो पर हर पल जाम की स्थिति निर्मित रहती है। लेकिन इस जाम से परेशान वाहन चालकों की समस्या का निराकरण करने वाला यातायात विभाग चालानी कार्यवाही कर राजस्व भरने में व्यस्त है।
शहर में इन दिनों सीवरेज पाइप लाइन और नालियों के निर्माण का कार्य अधिकांश क्षेत्रों में जारी है। इसके अंतर्गत पॉवर हॉउस रोड पर चौड़ीकरण का कार्य और न्यू रोड नालियों के निर्माण कार्य से सबसे अधिक प्रभावित है। जिसके चलते शास्त्री नगर और सैलाना बस स्टेण्ड क्षेत्र में जाम की स्थिति निर्मित होती रहती है। इन क्षेत्रों में आने वाले भारी वाहनों की आवाजाही के चलते समस्या कई अधिक बढ़ जाती है। लेकिन इस दौरान यातायात का कोई भी पुलिसकर्मी मौजूद ना होने से जाम लम्बा होने के साथ विकट रूप ले लेता है।
ऐसी परिस्थिति में यातायात विभाग की उपस्थिति अति आवश्यक है ,लेकिन यातायात विभाग केवल उन्ही क्षेत्रों में उपस्थित रहता है जहा उसकी आमदनी हो सके। यातायात थाने से कुछ ही दूरी पर स्थित होने के बावजूद इन मार्गो पर विभाग का एक पुलिसकर्मी भी मौजूद नहीं रहता है।
सब्जी मंडी के लिए जाने वाले अधिकांश चार पहिया वाहन एवं टैक्टर आदि शास्त्री नगर और न्यू रोड से होते हुए मंडी पहुंचते है। जिसकी वजह से इन क्षेत्रों में दुर्घटना होने की संभावना कई अधिक बढ़ रही है। बावजूद शहर का यातायात विभाग जाम से परेशान वाहन चालकों की समस्या छोड़ चालानी कार्यवाही करने में मस्त है।
ऐसे समय केवल समझौता ही एक मार्ग है -रतलाम यातायात टीआई श्री कटारा
इ खबर टुडे ने शहर में यातायात जाम होने के सबंध में यातायात टीआई श्री कटारा से चर्चा की तो उन कहना है कि ये बात सही है रतलाम के प्रमुख मार्गो पर वर्तमान में जाम की समस्या काफी अधिक है। जिसका प्रमुख कारण सुभाष नगर रेलवे फाटक भी है। जिसके बंद होने से पूरा भार सैलाना बस स्टेण्ड क्षेत्र पर पड रहा है और यहां जाम से निकलने वाले वाहनों से कुछ ही देर में लोकेन्द्र टॉकीज चौराहे ,न्यू रोड शास्त्री नगर मार्ग पर वाहनों से जाम की स्थिति भी निर्मित होती है। वही महू रोड स्थित अनाज मंडी में तौल काटे की समस्या के चलते 40 से 50 बड़े वाहन शास्त्री नगर होते हुए दूसरे गेट से सब्जी मंडी पहुंच रहे है। जिससे समस्या काफी बढ़ चुकी है। ऐसे में केवल राहगीरों के पास कुछ समय समझौते के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।