April 30, 2024

रतलाम की विधानसभा सीटें तय करेगी झाबुआ संसदीय सीट पर कौन जीतेगा…? जानिए रतलाम झाबुआ सीट का पूरा विश्लेषण

रतलाम,18अप्रैल (इ खबरटुडे)। रतलाम झाबुआ संसदीय सीट भाजपा के लिए बेहद खास होने के साथ सबसे बडी चुनौती है। अब तक यह माना जाता रहा है कि इस सीट को जीतने वाली पार्टी ही देश की सत्ता पर कब्जा करती है। पिछले लोकसभा चुनाव में यह साबित भी हुआ था। इस बार यह सीट जीतना भाजपा के लिए बडी चुनौैती है,क्योंकि विधानसभा चुनाव में संसदीय क्षेत्र की आठ में से केवल तीन पर भाजपा जीत पाई थी जबकि पांच सीटों पर कांग्रेस का कब्जा हुआ था।
रतलाम झाबुआ सीट का चुनावी इतिहास बडा रोचक रहा है। वर्ष 2014 के आम चुनाव में देशभर में चल रही मोदी लहर के चलते भाजपा ने झाबुआ सीट पर ऐतिहासिक जीत हासिल की थी। भाजपा प्रत्याशी दिलीप सिंह भूरिया को उस समय 5,45,970 वोट मिले थे,जबकि कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया को 4,37,523 मत मिले थे। इस तरह भाजपा ने यह सीट 1,08,447 वोटों से जीती थी। इस सीट को जीतने के बाद यह तथ्य भी साबित हुआ था कि जो पार्टी झाबुआ जीतेगी वही सरकार बनाएगी। भाजपा ने पूरे बहुमत के साथ देश में सरकार बनाई थी।
लेकिन भाजपा की झाबुआ को जीतने की खुशी एक साल ही टिक पाई। भाजपा सांसद दिलीपसिंह भूरिया के आकस्मिक निधन के बाद नवंबर 2015 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया ने एक लाख वोटों के अंतर को पाटते हुए स्व.दिलीपसिंह भूरिया की बेटी भाजपा की निर्मला भूरिया को 88,832 वोटों से हरा दिया था।
चुनावी आंकडो पर नजर डाले तो इस बार झाबुआ सीट जीतना भाजपा के लिए बडी चुनौती है। पिछले उपचुनाव में मिली पराजय के बाद हाल में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में भी भाजपा को इस ससंदीय क्षेत्र की आठ में से पांच विधानसभा सीटों पर हार का मुंह देखना पडा है।
विधानसभा चुनावों की नतीजों के हिसाब से देखा जाए तो रतलाम जिले की तीन विधानसभा सीटों में से रतलाम शहर और ग्रामीण पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी,जबकि सैलाना कांग्रेस के खाते में गई थी। रतलाम जिले की इन तीन सीटों पर भाजपा ने कुल 20566 वोटों की बढत हासिल की थी। लेकिन झाबुआ जिले की तीन में से महज एक सीट झाबुआ पर भाजपा के जीएस डामोर ने जीत दर्ज की थी,जबकि थांदला और पेटलावद में कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। झाबुआ जिले में कांग्रेस ने 25714 वोटों की बढत हासिल की थी। इसी तरह अलीराजपुर की दोनो सीटे अलीराजपुर और जोबट कांग्रेस के खाते में गई थी और कांग्रेस ने इस जिले में 24018 वोटों की बढत बनाई थी। इस तरह पूरी संसदीय सीट पर कांग्रेस को कुल 29166 वोटों की बढत मिली थी।
वर्तमान परिदृश्य में देखें तो भाजपा को जीतने के लिए 29166 वोटों की लीड को समाप्त करते हुए अपने लिए अतिरिक्त वोट हासिल करना होंगे।
आंकडों का हिसाब तो भाजपा के खिलाफ है ही,लेकिन भाजपा के सामने दूसरी चुनौतियां भी है। इस सीट पर कांग्रेस ने कांतिलाल भूरिया को पहली ही लिस्ट में उम्मीदवार घोषित कर दिया था,जबकि भाजपा के जीएस डामोर की घोषणा काफी देरी से हुई। इस लिहाज से कांग्रेस ने भाजपा पर पहले ही बढत बना ली है। कांतिलाल भूरिया का चुनावी अभियान काफी आगे निकल चुका है। जबकि भाजपा के डामोर का चुनाव अभियान अब शुरु हो पाया है। कांतिलाल भूरिया ने रुठे हुओ को मनाने का काम भी कर लिया है। असंतुष्ट नेताओं को वे राजी कर चुके है।
हांलाकि भाजपा के गुमानसिंह डामोर अपनी जीत के प्रति आश्वस्त दिखाई दे रहे है। उनके आत्मविश्वास का सबसे बडा कारण यही है कि उन्होने विधानसभा चुनाव में सांसद भूरिया के पुत्र विक्रान्त भूरिया को उन्ही के गढ झाबुआ में जाकर हराया था। राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांतिलाल भूरिया ने अपने बेटे को राजनीतिक विरासत सौंपने के लिए बडी मशक्कत करके उन्हे टिकट दिलवाया था और जबर्दस्त मेहनत भी की थी। लेकिन इसके बावजूद वे अपने पुत्र को जीत नहीं दिलवा सके थे। भाजपा को एरियल स्ट्राईक,मोदी फैक्टर और विकास कार्यो के सहारे चुनाव जीतने की उममीद है।
राजनैतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा की जीत की चाबी रतलाम जिले में है। पिछले लोकसभा चुनाव में जब भाजपा ने एक लाख से ज्यादा की जीत हासिल की थी,तब रतलाम जिले की तीनों सीटों पर भाजपा ने अच्छी खासी बढत हासिल की थी। इस बार भी अगर भाजपा को यह सीट जीतना है,तो इसका दारोमदार रतलाम जिले पर ही होगा। विधानसभा चुनाव में रतलाम शहर और ग्रामीण इन दो सीटों से भाजपा को 49063 वोटों की लीड मिली थी,लेकिन सैलाना में कांग्रेस ने 28498 की बढत लेकर भाजपा की लीड को केवल 20566 पर ला दिया था। इस चुनाव में यदि रतलाम शहर और ग्रामीण सीट पर भाजपा मेहनत करके मतदान प्रतिशत को बढाएं तथा सैलाना सीट पर कांग्रेस की लीड को घटा लें या कांग्रेस पर बढत हासिल करलें तो भाजपा के लिए यह सीट जीतना कठिन नहीं रह जाएगा।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds