रक्षक ही भक्षक बन गए…
चीते और पुलिस जवान करते है,खुलेआम वसुली
ए. एस आई और थाना प्रभारी देते है,संरक्षण, आम जनता को निशाना बनाते है।
रतलाम- 7 फरवरी (इ खबरटुडे) शहर में इन दिनों पुलिस विभाग के जवानों द्वारा रात्रि में अवैध वसुली की कई घटनाएं सामने आ रही है। महू रोड़,सैलाना रोड़ तक बैरीकेडस लगाकर चैकिंग तो ठीक है परंतु कालोनियों में देर रात तक आने वाले रहवासियों से
वसुली और दबंगई के मामले सामने आए है। सुत्रो के अनुसार सेलाना में निलेश पाठक और रतलाम के संदीप नाम का चीता वसुली करता है । जहां जिले में चोरों-असामाजिक तत्वों के हौसले बुलंद है वही पुलिस का कहर आम जनता पर टूट रहा हैं। विगत दिनो में गंभीर अपराधों का नाम उँचा हुआ है, वही मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटनाए रतलाम व बाजना में हुई । चोरो की हिम्मत भी देखिए कि खड़ी$ गाडिय़ों में ईंटों$ का टेका लगाकर पहिए तक निकाल कर ले गए । पुलिस खुली चुनौती स्वीकार करने या ईमानदारी से गश्त करने के बजाए प्रोत्साहन दे रही है। सेलाना में निलेश पाठक नाम का जवान नागरिकों के लिए आतंक का पर्याय बना हुआ है। पुलिस की वर्दी का इतना घमंड है कि आम जनता तो क्या गणमान्य नागरिको को व वरिष्ठ पत्रकारो से भी अभ्रदता कर चुका है। निलेश पाठक वरिष्ट नेताओं को भी कुछ नही समझता है। इस जवान के खिलाफ कुछ समय पहले रतलाम के एक वरिष्ठ पत्रकार ने अभ्रदता की शिकायत लिखित में पुलिस कप्तान को की थी। जिसकी जांच सेलाना एस.डी.ओ.पी. कर रहे है। लेकिन शिकायतों और जांच का इस पर कोई असर नही है। ये जवान आम जनता को अपना गुलाम समझते है। अभी हाल ही में इसी जवान ने धामनोद के एक पत्रकार से धोंस-धपट,धक्का-मुक्की कर बटुआ छीन लिया। जिसकी शिकायत ३ फरवरी को की । कहा जाता है कि निलेश पाठक द्वारा की गई वसुली में हेड कांस्टेबल सलीम खान व ए.एस.पी.प्रदाप सिंह का भी हिस्सा होता है। इसी तरह रतलाम में भी संदीप नाम का चीता जो स्टेशन रोड पर तैनात है। वह आते जाते राहगीरों को डरा-धमका कर वसुली करता है। इस चीते को भी शंकर हेड साब का पुरा सहयोग है। देश आजाद हुए ६७ वर्ष हो गए। पर पुलिस अंग्रेजो के जमाने की है। क्या वरिष्ठ अधिकारी व पुलिस इस छवी को बदलने पर ध्यान देगे।