December 28, 2024

योगी आदित्यनाथ: गोरक्षपीठाधीश्वर से लेकर यूपी की गद्दी तक का सफर

yogi

गोरखपुर,18 मार्च(इ खबरटुडे)। राजनीति में धमाकेदार इंट्री करने वाले सांसद योगी आदित्यनाथ पूर्वांचल के सबसे पूज्यनीय पीठ गोरक्षनाथ मंदिर के महंत हैं। अपनी फायरब्रांड छवि की वजह से हिंदुत्व के सबसे बड़े नेता के रूप में स्थापित हो चुके योगी आदित्यनाथ की चर्चा आज भाजपा के मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में प्रमुख चेहरे के रूप में हो रही है।
अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ तक का सफर

योगी आदित्यनाथ का असली नाम अजय सिंह बिष्ट है। उनका जन्म 5 जून 1972 को उत्तराखंड में हुआ था, उन्होंने गढ़वाल विश्विद्यालय से गणित में बीएससी किया है। महंत अवेद्यनाथ के संपर्क में आने के बाद वे उनकी सेवा में लग गए। 15 फरवरी 1994 को नाथ संप्रदाय के सबसे प्रमुख मठ गोरखनाथ मंदिर के उत्तराधिकारी के रूप में अपने गुरु महंत अवेद्यनाथ से दीक्षा ली थी। महंत अवेद्यनाथ के ब्रह्मलीन होने के बाद महंत के रूप में सर्वसम्मति से योगी आदित्यनाथ की ताजपोशी की गई। अब वे गोरखनाथ मंदिर के महंत हैं

सबसे कम उम्र में सांसद

उत्तराधिकारी बनाने के चार साल बाद ही महंत अवेद्यनाथ ने राजनीति से सन्यास ले लिया। यहीं से योगी आदित्यनाथ की राजनीतिक पारी शुरू हुई है। 1998 में गोरखपुर से 12वीं लोकसभा का चुनाव जीतकर योगी आदित्यनाथ संसद पहुंचे तो वह सबसे कम उम्र के सांसद थे, वो 26 साल की उम्र में पहली बार सांसद बने। 1998 से लगातार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। पहला चुनाव वह 26 हजार के अंतर से जीते, पर 1999 के चुनाव में जीत-हार का यह अंतर 7,322 तक सिमट गया था। लेकिन बाद के चुनावों में जीत का अंतर भी बढ़ता गया।

मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा का प्रमुख चेहरा हैं योगी

बीजेपी के मिशन 2017 के लिए योगी आदित्यनाथ प्रमुख चेहरा हैं। मुख्यमंत्री के दावेदारों में उनका नाम सबसे आगे चल रहा है। बताया जा रहा है कि अमित शाह भी योगी को यूपी का चेहरा के रूप में देखना चाहते हैं। यही नहीं कुछ महीने पहले देशभर से जुटे संतों ने भी योगी को सीएम के रूप में प्रोजेक्ट करने की इच्छा जाहिर की थी। संत समाज का मानना है कि राममंदिर पर सुप्र्रीम कोर्ट का निर्णय आने वाला है। योगी अगर मुख्यमंत्री बनते हैं तो वे मंदिर बनाने में निर्णय ले सकते हैं। योगी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए सोशल मीडिया पर भी अभियान छेड़ा गया है। कई दर्जन ग्रुप्स और पेज उनको मुख्यमंत्री बनाने के लिए प्रमोशन कर रहे हैं

हियुवा नामक एक संगठन चलाते हैं

योगी आदित्यनाथ हिंदू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं। हियुवा के लोगों के अनुसार यह हिन्दू युवाओं का सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह है। हालांकि, हिंदू युवा वाहिनी के खाते में गोरखपुर, देवरिया, महराजगंज, कुशीनगर, सिद्धार्टानगर, मउ, आजमगढ़ आदि जिलों में मुसलमानों पर हमले और सांप्रदायिकता फेलाने का आरोप होने के साथ साथ कई गंभीर केस भी दर्ज है। हालांकि, हियुवा की बढ़ी सक्रियता को ही लोग योगी के जीत के अंतर में आई बढ़ोतरी को मानते हैं।

2007 के गोरखपुर दंगों के मुख्य आरोपी भी हैं

2007 में गोरखपुर में दंगे हुए तो योगी आदित्यनाथ को मुख्य आरोपी बनाया गया, गिरफ्तारी हुई और इस पर कोहराम भी मचा। चारो ओर दंगा भड़क गया। आगजनी, लूटपाट जैसी घटनाएं शुरू हो गई। कई अधिकारी सस्पेंड हुए। पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए हियुवा पर कार्रवाई की। इस दंगे के बाद हियुवा की उग्रता में थोड़ी कमी आई।

मंदिर का शिक्षा के क्षेत्र में अहम रहा है योगदान

गोरखनाथ मंदिर का शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान है। मंदिर द्वारा चलाए जाने वाली तीन दर्जन से अधिक शिक्षण-स्वास्थ्य संस्थाओं के वह अध्यक्ष या सचिव हैं। योगी आदित्यनाथ एक मेडिकल इंस्टीट्यूट बनाने में भी जुटे हैं। मंदिर की सम्पत्तियां गोरखपुर, तुलसीपुर, महराजगंज और नेपाल में भी हैं।

सीधे जनता से जुड़ना भी लोकप्रियता की वजह

योगी आदित्यनाथ की दिनचर्या सुबह मंदिर में लगने वाले दरबार से होती है। वहां वह लोगों की समस्याएं सुनते हैं और उसके समाधान के लिए अफसरों को आदेश देते हैं। इसके बाद क्षेत्र में कार्यक्रमों और बैठकों में व्यस्त हो जाते हैं। जानकार बताते हैं कि उनकी सबसे बड़ी खासियत लोगों से सीधा संवाद है।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds