November 15, 2024

युवा उज्जैन ने फूंका जाॅली मेमोरियल स्कूल का पुतला

मिशन तिरंगा चलाने वाली उर्वशी को स्कूल से निकालने पर उपजा आक्रोश
उज्जैन,09अगस्त(इ खबरटुडे)। 15 अगस्त पर हर घर पर तिरंगा फहराने का संकल्प लेकर निकली उर्वशी जैन को मिशनरी स्कूल जॉली मेमोरियल से निकालने जाने के विरोध में युवा उज्जैन ने स्कूल का पुतला दहन किया। मंगलवार सुबह 10.30 बजे हुए इस पुतला दहन में बड़ी संख्या में शहर का युवा वर्ग शामिल हुआ।

युवा उज्जैन के विक्रांत जैन के अनुसार पुतला दहन के दौरान रवि धींग, राहुल परमार, शिवम् रामी, धीरेन्द्र परिहार, पियूष मालवीय, डॉ. गौरव, धनराज शर्मा, रोमिल जैन, धीरज सुयल, विशाल गांधी, यश गट्टानी, अंकित जैन, गौरव मारोठिया, कपिल जैन, केतन अग्रवाल, शिवम् यादव, संदीप डांगी, अभिषेक नारेलिया, टिल्लू यादव, राज योगी, अंकुर नाहर, यश जैन, अक्षय जैन कालुहेडा, मयंक धींग, मनोज कुमावत, मयंक तिवारी, गजेन्द्र झाला आदि मौजूद थे।
जहां हमसे अपने धर्म की बजाय ईसाई धर्म का पालन करने की जबरदस्ती की जाती है- विक्रांत जैन
पुतला दहन से पूर्व विक्रांत जैन ने पालकों से आग्रह किया कि वे शहर मे मिशनरी स्कूलों मे अपने बच्चों का एडमिशन नहीं करवाये। इन स्कूलों का कट्टरता से विरोध करें। मिशनरी स्कूल वे स्कूल है जहां हमसे अपने धर्म की बजाय ईसाई धर्म का पालन करने की जबरदस्ती की जाती है। ये वही कौम है जो सबसे ज्यादा धर्म परिवर्तन करवाती है। इन स्कूलों मे बच्चों को हमारे धर्म के प्रतीक तिलक लगाकर, राखी बांधकर, भगवान का रक्षा सूत्र बांधकर आने पर बच्चों को प्रताड़ित किया जाता है। इन स्कूलों की कमाई की फीस से ईसाई धर्म को बढ़ावा मिलता है। अगर हर व्यक्ति प्रण ले ले की अपने बच्चों को इन स्कूलों मे न पहुँचाएंगा तो इनकी अक्ल ठिकाने आ जायेगी।
स्कूल प्रबंधन द्वारा अभियान को छोड़ने के लिए छात्रा को प्रताड़ित
हाल ही मे शहर के मिशनरी स्कूल जॉली मेमोरियल की छात्रा उर्वशी जैन ने अपने देश प्रेम की भावना से ओतप्रोत होकर 15 अगस्त को घर-घर तिरंगा फहराने के लिए एक अभियान मिशन तिरंगा की शुरुआत की। जिसे लेकर स्कूल प्रबंधन को आपत्ति है। स्कूल प्रबंधन द्वारा अभियान को छोड़ने के लिए छात्रा को प्रताड़ित किया जा रहा है। अब आप ही बताये की क्या स्वतंत्र भारत में देशभक्ति के लिए भी किसी से परमिशन लेनी पड़ेगी। फिर छात्रा ने आंदोलन नहीं छोड़ा तो स्कूल प्रबंधन ने उसे टीसी दे दी। इन स्कूलों के जरिये ये लोग अपना धर्म फैलाना चाहते है। इनको भारत के राष्ट्रध्वज से आपत्ति है तो इनको भारत मे रहने का भी कोई हक नहीं है।

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