November 22, 2024

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा अभूतपूर्व और अलौकिक रहा सिंहस्थ 2016

अंतिम स्नान में उमड़े एक करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु
 
उज्जैन21 मई (इ खबरटुडे)।मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आस्था और अध्यात्म के महाकुम्भ सिंहस्थ 2016 के सानंद संपन्न होने एवं अभूतपूर्व रूप से इसे सफल बनाने के लिए करोड़ों श्रद्धालु, संत समुदाय, महामंडलेश्वरों, अखाड़ा प्रमुखों, मुनियों, अखाड़ा परिषद और सभी धर्मों के गुरुओं को सहयोग, समर्थन, मार्गदर्शन और भागीदारी के लिए सादर नमन प्रेषित करते हुए उन्हें अन्तःकरण से धन्यवाद दिया है।

लोगों ने जो तत्परता दिखाई वह अत्यंत सराहनीय और अविस्मरणीयjablpur
श्री चौहान ने कहा कि प्राकृतिक आपदा के बाद श्रद्धालुओं ने धैर्य का परिचय दिया और प्रशासन, जन सहयोग, स्वयं-सेवकों और स्थानीय नागरिकों की मदद से व्यवस्था को चंद घंटों में पुनः स्थापित कर दिया गया। सिंहस्थ को अबाध रूप से जारी रखने में सभी सम्बंधित लोगों ने जो तत्परता दिखाई वह अत्यंत सराहनीय और अविस्मरणीय है।
महाकुम्भ के  सफल आयोजन में से जुड़े विभाग एवं अधिकारी- कर्मचारी को धन्यवादujjain rss
श्री चौहान ने महाकुम्भ के  सफल आयोजन में से जुड़े विभाग एवं अधिकारी- कर्मचारी, सफाईकर्मियों और उज्जैनवासियों को भी धन्यवाद दिया है जिन्होंने रात-दिन के अथक परिश्रम से श्रद्धालुओं की सुविधाओँ का ख्याल  रखा और समर्पण भाव से अपनी सेवाएँ दी।
होमगार्ड से लेकर सभी  पुलिस बल ने अपनी सतर्कता से किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं होने दी। अखाड़ा परिषद और सभी अखाड़ों, देशी और विदेशी मीडिया, विद्वानों, स्वयंसेवी और सामाजिक संगठनों, धार्मिक संस्थाओं को कोटिश: धन्यवाद जिनका पूरा सहयोग सरकार को मिला। इससे आस्था और विश्वास का यह यह अदभुत महापर्व सानंद सम्पन्न हुआ।
simhastha
वैशाख पूर्णिमा के अंतिम अमृत स्नान के साथ ही सदी के दूसरे सिंहस्थ का विसर्जन हो गया। अगला सिंहस्थ 2028 में होगा।शनिवार को मोक्षदायिनी मां शिप्रा के घाटों पर लाखों श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। जिला प्रशासन का दावा है कि शनिवार को 1 करोड़ 5 लाख लोग उज्जैन पहुंचे। महाकाल मंदिर में 7 लाख दर्शनार्थियों ने दर्शन किए।
पूर्णिमा पर शनिवार तड़के तीन बजे सबसे पहले जूना अखाड़े के साधु-संत दत्त अखाड़ा घाट पर पहुंचे। इसके बाद रामघाट पर वैष्णव अखाड़ों के साधु-संतों का स्नान शुरू हुआ। शिप्रा के 35 प्रमुख घाटों पर दिन भर आस्था की डुबकी लगती रही।शाम को शहर के भीतर आने वाले और बाहर जाने वाले दोनों मार्गों पर वाहनों की बड़ी कतारें लगी रहीं। कई वाहन घंटों जाम में फंसे रहे।
भगदड़ की स्थिति बनी
अंतिम अमृत स्नान पर पुलिस ने श्रद्धालुओं को खूब घुमाया। इंदौर रोड स्थित हरिफाटक ब्रिज से ही पुलिस ने श्रद्धालुओं को डायवर्ट करना शुरू कर दिया था।

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