महापौर ने विपक्ष को सुनाई खरी-खरी, प्रस्ताव पारित
नगर निगम का साधारण सम्मेलन संपन्न
रतलाम,23 जुलाई (इ खबरटुडे)। सोमवार को आयोजित नगर निगम के साधारण सम्मेलन में कई तरह के रगं दिखे। शुरुआत हंगामे से हुई तो विपक्ष ने हर बार की तरह आरोप भी लगाए। एक पार्षद ने निगम अध्यक्ष को ही चुप कर दिया। लेकिन सबसे खास रहा, महापौर का बोलना। आरोप और हंगामे से व्यथित महापौर ने जब विपक्ष को खरी-खरी सुनाई तो सभी चुप हो गए। इसके बाद धोलावाड डेम पर केनाल के निर्माण और इसकों युआईडीएसएसएमटी योजना में शामिल कर 1.8 करोड़ की राशि देने के लिए कैन्द्र सरकार को भेजने का प्रस्ताव सर्वानुमति से पारित हो गया।
नगर निगम का साधारण सम्मेलन निगम अध्यक्ष दिनेश पोरवाल की अध्यक्षता में 23 जुलाई सोमवार को सुबह 11:30 बजे शुरु हुआ। सम्मेलन की शुरुआत होते ही कांग्रेस पक्ष के पार्षदों ने पहले समस्याओं पर चर्चा की मांग को लेकर हंगामा शुरु कर दिया। निगम अध्यक्ष ने पहले एजेंडे पर चर्चा की बात कही और सर्वानुमति बनाने के लिएभी कहा, लेकिन कांग्रेस पक्ष के पार्षदों नें इस बात पर आक्रोश जाहिर करते हुए अध्यक्ष की आसंदी को घेर लिया। बाद में अध्यक्ष श्री पोरवाल ने समस्याओं पर चर्चा के लिए अलग से समय देने की बाच कही। करीब 15 मिनट के हंगामे के बाद एजेंडे पर चर्चा शुरु हुई। एजेडें का मुख्य मुद्दा धोलावाड़ डेम पर केनाल निर्माण को यूआईडीएसएसएमटी योजना में शामिल कराए जाने को लेकर कैन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजना था। एजेडें के अनुसार यूआईडीएसएसएमटी योजना अंतर्गत धोलावाड़ डेम पर इंटेक वेल का निर्माण किया जा रहा है। वर्तमान में डेम का पानी निर्माणाधीन इन्टेक वेल से 400 मीटर दूर चला गया है।प्रतिवर्ष फरवरी माह में पानी इटेंक वेल से दूर चला जाता है। इस कारण केनाल का निर्माण किए बिना जल का उपयोग किया जाना संभव नहीं है। केनाल निर्माण यूआईडीएसएसएमटी की मूल योजना में शामिल नहीं था, ग्रीष्म ऋतु में डेम का पानी उपयोग हो इसके लिए केनाल निर्माण कराया जाना आवश्यक है। इसके लिए सर्वे कराया जाकर केनाल निर्माण के लिए 108 .93 लाख का खर्च आने का अनुमान लगाया गया है। उक्त केनाल निर्माण को यूआईडीएसएसएमटी योजना में शामिल करने और राशि रुपए108 .93 लाखरुपएनिगम को योजना अंतर्गत दिए जाने के लिए प्रस्ताव राय शासन के माध्यम से कैन्द्र शासन को भेजे जाने के लिए निगम से अनुशंसा किए जाने संबधी प्रस्ताव पारित कराने के लिए सोमवार को परिषद में रखा गया।
आरोप- प्रत्यारोप हुए
केनाल के प्रस्ताव पर निगम अध्यक्ष द्वारा एक-एक कर सदस्यों को अपनी बात करने के लिए बुलाया गया। निगम में उपनेता प्रतिपक्ष श्रीमती यास्मिन शैरानी ने कहा कि यूआईडीएसएसएमटी योजना का कार्य दो वर्ष पहले पूर्ण हो जाना था, लेकिन इसमें देरी की गई। काम समय पर शुरु हो जाता तो आज शहर की जनता को पर्याप्त पानी मिलता। उन्होने केनाल निर्माणको जरुरी बताया लेकिन इसके लिए कैन्द्र से राशि मांगने के बजाय राय शासन से राशि अनुदान के रुप में लाने की बात कही। श्रीमती शैरानी ने इसके साथ ही वार्डो में काम नहीं होने, बारिश में चुरी, मुरम नहीं डलने की भी बात कही। उन्होने कहा कि पार्षदों की समस्याओं को सुना नहीं जाता है औैर उनकी आवाज को दबाया जाता है। विपक्ष के नेता विमल छिपानी ने कहा कि आज केनाल निर्माण की बात कही जा रही है, लेकिन इटेंक की जगह क्यों और किसकी रिपोर्ट पर बदली गई, इसका जवाब देना होगा। कांग्रेस पार्षद बबीता नागर ने अपनी बात में वार्ड की समस्याओं को उठाया और समस्याओं के समाधान नहीं होने पर आक्रोशित स्वर में अपनी बात कही। जब निगम अध्यक्ष ने उन्हे एजेंडे पर बोलने को कहा तो पार्षद बबीता नागर ने उन्हे भी चुप रहने के लिए कह दिया, जिससे सभी सन्न रह गए। कांग्रेस पार्षद मनोज दिक्षीत ने भी योजना के समय पर पुरा न होने की बात कहते हुए केनल निर्माण को लेकर भी आरोप लगाए। सांसद प्रतिनिधि महेन्द्र कटारिया ने कहा कि यह नगर सरकार है और वे पिछली दो सम्मेलन से आ रहे है,लेकिन एजेडें में नगर की प्रमुख समस्याओं से जुडे मुद्दे शामिल नहीं किए जा रहे है। ऐसे में पार्षद कहां जाए। उन्होने कहा कि छोटी-छोटी बात की भी सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होने यूआईडीएसएसएमटी योजना को लेकर भी कहा कि यह योजना काफी पहले पुरी होनी थी। दो बार से परिषद भाजपा की है, लेकिन योजना पर गंभीरता से काम नहीं हुआ और कैन्द्र सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना का कबाडा कर दिया गया। उन्होने कहा कि सम्मेलन के पूर्व एजेडा दे दिया लेकिन निगम कार्यालय में योजना से जुडी मूल फाइल तक पार्षदों के लिए उपलब्ध नहीं है। उन्होने कहा कि धोलावाड़ में केनल निर्माण के लिएकैन्द्र से राशि मांगने की बात कही जा रही है, लेकिन हम किस मुंह से रुपए मांगगें। केनाल निर्माण के लिए राय शासन से अनुदान मांगा जाए। कांग्रेस पार्षद राजीव रावत , अदिती दवेसर, नासिर कुरैशी ने भी केनाल निर्माण को जरुरी बताया लेकिन साथ ही योजना में हुई देरी और कैन्द्र से राशि मांगने पर विरोध जताया।
सत्ता पक्ष ने रखी अपनी बात
आरोप-प्रत्यारोप के बीच सत्तापक्ष के पार्षदों ने अपनी बात रखी। जल कार्यसमिति प्रभारी पवन सोमानी ने कहा कि योजना की देरी के लिए कांग्रेस पक्ष के पार्षद आरोप लगा रहे। लेकिन वे पार्षद पिछली परिषद में भी थे, तब वे क्यों नहीं बोले। उन्होने पूर्व गृह मंत्री हिम्मत कोठारी और सांसद कंातिलाल भूरिया का धन्यवाद दिया, जिनकी वजह से 32.6 5 करोड़ रुपएकी यह योजना पास हुई। श्री सोमानी ने कहा कि केनाल का निर्माण जरुरी है। तकनीकी कारणों से इंटकवेल की जगह बहली गई। वन विभाग की जगह पर इटंकवेल का निर्माण किया गया। यदि पुराने स्थान पर इंटक वेल का निर्माण किया जाता तो तीन किमी यादा पाइपलाइन लगती। यह सब बाते मूल फाइल में है। श्री सोमानी ने बताया कि योजना के अंतर्गच अभी तक ठेकेदार को 25 करोड़ से अधिक की राशि का भूगतान किया जा चुका है और योजना का 90 प्रतिशत काम पुरा हो चुका है। श्री सोमानी ने दिसबंर तक योजना के अंतर्गत रतलाम को पर्याप्त पानी मिलने का भी दावा किया। भाजपा पार्षद गोविंद काकाणी, बलविरसिंह सोढी, सुदीप पटेल, संदीप यादव वे भी योजना को लेकर अपनी बात रखी। सभी सदस्यों द्वारा अपनी बात रखने के बाद महापौर ने अपनी बात कही और उसेक बाद निगम अध्यक्षने पक्ष-विपक्ष से चर्चा के बाद सर्वानुमति से केनाल निर्माण के प्रस्ताव को राय शासन के माध्यम से कैन्द्र को भेजे जाने का निर्णय लिया।
महापौर ने सुनाई खरी-खरी
कांग्रेस पक्ष के पार्षदों के हंगामे और आरोप के बाद महापौर शैलेन्द्र डागा सोमवार को एक अलग ही रुप में नजर आए। केनाल निर्माण पर सब की बात समाप्त होने के बाद उन्होने जब बोलना शुरु किया तो सभी चुप हो गए। श्री डागा ने कहा कि हमारे द्वारा एसा कोई काम नहीं किया जाएगा, जिससे भविष्य में किसी को कोई नोटिस मिले। शहर के विकास के लिए मैं सीएम और प्रदेश के बड़े अधिकारियों से लगातार संपर्क में हूं। यूआईडीएसएसएमटी योजना के लिए कैन्द्र सरकार ने अभी तक 13 करोड़ दिए। इस योजना के लिए ही निगम में पानी के शुल्क में वृध्दि का प्रस्ताव लाया था। लेकिन विपक्ष सभी बात को एक दृष्टि से देखता है। उस प्रस्ताव का विरोध किया गया और आज निगम को पानी में साढे चार करोड़ रुपए का घाटा हो रहा है। उन्होने विपक्ष को सुनाते हुए कहा आप सभी किसी विषय पर अध्य्यन कर आते नहीं,कि क्या बोलना है। बस डायस पर खड़े होकर कुछ भी बोलने लगते है। क्या बोलना है, किस विषय पर बोलना है। यह तो देखों। विषय की गंभीरता को समझे बिना सदन की मजाक बनाते रहते हो। महापौर ने कहा कि परिषद का कार्यकाल समाप्त होने के बाद सभी पार्षद सीना तानकर चलेगें. शहर निकास के लिए इतने कार्य कर जाएगें। उन्होने विपक्षके हर बार बहुमत के आधार पर प्रस्ताव पास कराने के आरोप का जबाव देते हुए कहा कि सब दुर संख्या का ही खेल है। राष्ट्रपति के चुनाव में भी संख्या का ही खेल रहा। बहुमत है तो हम अपनी बात मनवाएगें। महापौर की बात के बाद प्रस्ताव सर्वानुमति से पारित हो गया।