महागठबंधन ने जारी किया घोषणा पत्र, सरकार बनते 10 लाख बेरोजगारों को नौकरी सहित वादों की लगाई झड़ी
पटना,17 अक्टूबर (इ खबर टुडे )। महागठबंधन ने नवरात्र के पहले दिन अपना संयुक्त घोषणा पत्र जारी किया। इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला और शक्ति सिंह गोहिल सहित महागठबंधन केे अन्य प्रमुख नेताओं के साथ एक प्रेस कांफेन्स को सम्बोधित करते हुए सरकार बनने पर किए जाने वाले कामों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। नेताओं ने बिहार की नीतीश सरकार पर जनहित के कामों की अनदेखी का आरोप लगाया।
कानून व्यवस्था सहित सभी मोर्चों पर सरकार को फेल बताया। तेजस्वी यादव ने दोहराया कि महागठबंधन की सरकार बनी तो पहली कैबिनेट बैठक में दस लाख बेरोजगारों को नौकरी देने का फैसला किया जाएगा। महागठबंधन के साझा घोषणापत्र को बदलाव के संकल्प पत्र का नाम दिया गया है। आरजेडी के साथ-साथ कांग्रेस और वाम दलों में सरकार गठन के बाद बिहार के लिए जो प्राथमिकताएं तय की है उसका जिक्र इस घोषणापत्र में किया गया है। तेजस्वी यादव पहले ही कह चुके हैं कि वह घटक दलों के सहमति से ही सरकार का न्यूनतम साझा कार्यक्रम लागू करेंगे और इसी कड़ी में आज महागठबंधन अहम कदम उठाने जा रहा है।
तेजस्वी यादव ने प्रदेश की नीतीश सरकार पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पिछले 15 साल से राज्य के मुख्यमंत्री हैं, लेकिन आज तक बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिला पाए।
कहते थे मोतीहारी में चाय पिएंगे, आज बंद हैं सारी मिलें
तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि 2015 के चुनाव में मुख्यमंत्री कहते थे कि मोतीहारी की शुगर मिल में चाय पिएंगे। आज चाहे शुगर मिल हो, जूट मिल हो या पेपर मिल सब ठप हैं। बिहार में मकई, लीची, गन्ने, केले आदि का भरपूर उत्पादन होता है लेकिन एक फूड प्रोसेसिंग यूनिट नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बनी तो इन सारी चीजों पर ध्यान दिया जाएगा लेकिन सबसे जरूरी काम बेरोजगारों को नौकरी देने का सबसे पहले किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बिहार की जनता में रोजगार छीने जाने को लेकर सरकार के खिलाफ बड़ा गुस्सा है।
बाढ़ पीडि़तों पर ध्यान नहीं, सिर्फ कुर्सी की होड़ में लगे हैं नेता
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि सरकार का ध्यान बाढ़ पीडि़तों पर भी नहीं है। प्रदेश के 18 जिले और करीब 85 लाख जनता बाढ़ से प्रभावित रही लेकिन आज तक केंद्र से कोई दल उनके नुकसान का आंकलन करने नहीं आया। लगता है कि आम जनता की कोई परवाह नहीं। नेता सिर्फ कुर्सी की होड़ में लगे हैं।
‘सेवा-मेवा’ की बात करने वाले बताएं-क्यों घूम रहे सृजन घोटाले के आरोपी
तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे सेवा और मेवा की बात करते हैं लेकिन उनके राज में बिहार में 60 घोटाले हो गए। सृजन घोटाले के आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं। उन्होंने कहा कि चाहे भ्रष्टाचार का मामला हो या क्राइम का, सरकार हर मोर्चे पर फेल है।
18 महीने बनाम साढ़े तीन साल
तेजस्वी यादव ने बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि 2015 में जब कांग्रेस, राजद और जद यू की सरकार थी तब के 18 महीने और उसके बाद भाजपा के साथ सरकार बनने के कार्यकाल के दौरान अपराध के आंकड़ों की तुलना करेंगे। एनएसआरबी के आंकड़ों से भी स्पष्ट होता है कि बिहार में अपराध बढ़ा है।
साढ़े चार लाख सरकारी पद रिक्त
तेजस्वी यादव ने कहा कि उनसे पूछा जा रहा है कि दस लाख नौकरियां कैसे देंगे। बिहार में साढ़े चार लाख सरकारी पद रिक्त हैं। मणिपुर जैसे छोटे राज्य में एक लाख की आबादी पर एक हजार पुलिसकर्मी हैं, बिहार में सिर्फ 77 पुलिसकर्मी हैं। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार आई तो यह स्थिति बदलेगी। उन्होंने भरोसा जताया कि बिहार की जनता इस बार महागठबंधन के विकल्प को ही चुनेगी।
घोषणा पत्र के बड़े वादे
- पहली कैबिनेट में दस लाख नौजवानोंं को रोजगार
- परीक्षा के लिए भरे जाने वाले आवेदन फार्म पर फीस माफ
- परीक्षा केंद्रों तक जाने का किराया सरकार देगी
- हमारा संकल्प है कि पलायन रोकेंगे
- कर्पूरी श्रम सहायता केंद्र खोलेंगे, इससे लोगाें की मदद करने में आसानी होगी
- शिक्षकों के लिए सामान काम सामान वेतन का वादा पूरा करेंगे
-जीविका दीदियों का मानदेय दोगुना करने का वादा - पहले विधानसभा सत्र में केंद्र के कृषि संबंधी तीनों बिल के प्रभाव से बिहार के किसानों को मुक्ति दिलाने का वादा किया गया है।