मध्य प्रदेश में साढ़े चार हजार क्विंटल गेहूं सड़ा
भोपाल 16 जुलाई (इ खबरटुडे)। मध्य प्रदेश के हरदा में दो साल से गोदाम में रखा समर्थन मूल्य पर खरीदा साढ़े चार हजार क्विंटल गेहूं सड़ गया। अब इसे औने-पौने दाम में ठिकाने लगाने की तैयारी की जा रही है। केंद्र सरकार द्वारा समय से केंद्रीय पूल में अनाज की उठान नहीं करने की वजह से यह नौबत आई है। प्रदेश में इस वक्त साढ़े नौ लाख टन गेहूं खुले में रखा हुआ है।
सूत्रों के मुताबिक, होशंगाबाद के पिपरिया, गाडरवाड़ा के बाद अब हरदा में गेहूं सड़ने की खबर सामने आई है। वैसे तो इस गेहूं का उपयोग सार्वजनिक वितरण प्रणाली सहित अन्य शासकीय योजनाओं में हो जाना चाहिए था, लेकिन खरीदी ज्यादा और खपत कम होने की वजह से उपयोग नहीं हो पाया। सेंट्रल पूल में केंद्र सरकार ने उठान भी नहीं करवाया। भंडार गृह निगम के अफसरों का कहना है कि गोदामों में रखे गेहूं के सड़ने की शिकायतों पर प्रदेश भर में जाच कराई गई थी। इसमें ही हरदा के एक गोदाम में रखा साढे़ चार हजार क्विंटल गेहूं मानक स्तर से नीचे का पाया गया। इसलिए इसके शासकीय योजनाओं में वितरण पर पाबंदी लगाते हुए ठिकाने लगाने नागरिक आपूर्ति निगम के हवाले कर दिया गया था। अनाज के अमानक होने पर उसे दीगर उपयोग के लिए नीलाम करने का प्रावधान है। खुले में रखे साढ़े नौ लाख गेहूं की मौजूदा स्थिति जांचने के लिए निगम ने अधिकारियों की टीमें बना दी हैं, जो 31 जुलाई तक रिपोर्ट देंगी।