भोपाल मुख्यालय के आदेश ने खोली पोल
मानव तस्करी की शंका में तीन अपहरण के मामले दर्ज
उज्जैन, 19 अगस्त। मानव तस्करी के चलते भोपाल से आए गुमशुदा लड़कियों के मामले को अपहरण में तब्दील करने के निर्देश दिए गए। इन निर्देशों का असर रहा कि तराना में ही तीन वर्षों से लापता तीन लड़कियों के अपहरण के मामले दर्ज हुए।
थानों पर पहुंचने वाली गुमशुदगी के प्रकरण में गंभीर नहीं होने के कारण मामले दबकर रह जाते हैं। कई बार पीड़ित लड़कियों की गुमशुदगी में अपहरण को लेकर युवकों पर शंका भी जताते हैं परंतु पुलिस सांठगांठ के चलते रूचि नहीं लेती। बढ़ी संख्या में प्रदेश से लड़कियाें की गुमशुदगी को देखते हुए इनकी तस्करी की संभावना को देखते हुए भोपाल मुख्यालय में एसपी को पत्र लिखकर पुरानी गुमशुदगी के मामले में प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए। इन निर्देशों के आने के बाद जिले में इसका असर साफ नजर आया। अकेले तराना थाने पर ही तीन अपहरण के मामले दर्ज हो गए।
पुलिस की लापरवाही उजागर
तराना पुलिस ने हेलावाड़ी निवासी चांद बी पति अलमोमीन शाह की 10 वर्षीय पुत्री नाजमीन 21 जुलाई 10 को लापता हुई थी। इसी प्रकार 14 नवम्बर 2008 में ग्राम कचनारिया से 15 वर्षीय प्रियंका पिता घासीराम लापता हो गई थी। इधर 14 अप्रैल 2011 को पुरुषोत्तम सोनी निवासी लालदास गली तराना की 17 वर्षीय बेटी रीना सोनी की गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। पुलिस के लचीलेपन और लापरवाही के कारण इन मामलों में अब तक प्रकरण दर्ज नहीं हुए थे। भोपाल से आदेश आने के बाद तत्काल तीनों मामलों में अपहरण के मामले दर्ज हुए।