December 25, 2024

भीमा कोरेगांव हिंसा: डीजीपी का बयान-नक्सल से जुड़े हैं एक्टिविस्ट, हमारे पास हैं पुख्ता सबूत

dgp maharashtr

मुंबई,01सितम्बर(इ खबरटुडे)।  भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में एक्टिविस्ट के पकड़े जाने को लेकर महाराष्ट्र पुलिस ने नया खुलासा किया है। शुक्रवार को महाराष्ट्र के एडीजी (कानून और व्यवस्था) परमवीर सिंह ने कहा कि माओवादियों के खिलाफ कार्रवाई सबूतों के आधार पर की गई है। यही नहीं छापे के दौरान कई महत्वपूर्ण सबूत मिले हैं। पुलिस ने आरोप लगाया कि माओवादियों की साजिश कानून-व्यवस्था को बिगाड़कर सरकार गिराने की थी। एक आतंकवादी संगठन भी इस साजिश में माओवादियों के साथ शामिल था।
महाराष्ट्र पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (कानून व्यवस्था) परमवीर सिंह ने यहां संवाददाताओं से कहा कि रोना विल्सन और भाकपा माओवादी के एक नेता के बीच एक ई-मेल पत्र में राजीव गांधी जैसी घटना के जरिए ‘‘मोदी राज’’ खत्म करने के बारे में कहा गया है। मानवाधिकार कार्यकर्ता रोना जैकब विल्सन को इस साल जनवरी में महाराष्ट्र के कोरेगांव-भीमा गांव में हुई हिंसा के संबंध में जून में दिल्ली से गिरफ्तार किया गया था।

उन्होंने कहा कि पत्र में ग्रेनेड लांचर खरीदने के लिए आठ करोड़ रुपये की जरूरत पड़ने का भी जिक्र है।  पुलिस अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने माओवादियों के भूमिगत कार्यकर्ताओं और अन्य कार्यकर्ताओं के बीच आदान-प्रदान हुए हजारों पत्र जब्त किए हैं।  सिंह ने बताया, “रोना द्वारा माओवादी नेता “कॉमरेड प्रकाश” को लिखे पत्र में कहा गया है:  हमें यहां की वर्तमान स्थिति के संबंध में आपका आखिरी खत मिल गया है। अरुण (फरेरा) , वेर्नन (गोन्जाल्विस) और अन्य शहरों में चल रही मुहिम को लेकर समान रूप से चिंतित हैं।”

उन्होंने कहा, “पत्र में चार लाख राउंड वाले ग्रेनेड लॉन्चर की वार्षिक आपूर्ति के लिए आठ करोड़ रुपये की जरूरत के बारे में भी कहा गया है।”  सिंह ने कहा कि पत्र में प्रकाश से अपना फैसला बताने को भी कहा गया।  सिंह ने पत्र के हवाले से कहा, “कॉमरेड किसन और कुछ अन्य कॉमरेड ने मोदी राज खत्म करने के लिए कुछ ठोस कदमों का प्रस्ताव दिया है। हम राजीव गांधी (हत्याकांड) जैसी ही अन्य घटना के बारे में सोच रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि गिरफ्तार कार्यकर्ताओं के बीच आदान-प्रदान हुए कुछ पत्रों में “कुछ बड़ा कदम” उठाने की योजना बनाने के बारे में भी कहा गया है, ताकि लोगों का ध्यान खींचा जा सके।
सिंह ने बताया कि दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जी एन साईबाबा को भी इसी तरह के सबूतों के आधार पर 2014 में गिरफ्तार किया गया था।

उल्लेखनीय है कि इस मामले में महाराष्ट्र पुलिस ने बीते मंगलवार को सुधा भारद्वाज, गौतम नवलखा, अरुण फेरेरा, वरनन गोनसाल्वेस और पी वरवरा राव को गिरफ्तार किया था। पुलिस का दावा है कि गिरफ्तार हुए इन 5 वामपंथी विचारकों का माओवादियों से संबंध हैं।

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