बिहार में 12 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच होंगे विधानसभा चुनाव, 8 नवंबर को आएंगे नतीजे
बिहार 9 सितम्बर (इ खबरटुडे)। तमाम कयासों के बीच चुनाव आयोग ने बुधवार को बिहार विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया है. राज्य में पांच चरणों में 12 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच चुनाव होंगे. जबकि 8 नवंबर को वोटों की गिनती की जाएगी. राज्य में तारीखों की घोषणा के साथ ही आचार संहिता लागू हो गई है.
पहले चरण के मतदान के लिए 16 सितंबर को अधिसूचना जारी होगी. 12 अक्टूबर को पहले चरण का मतदान होगा. दूसरे चरण की वोटिंग 16 अक्टूबर को होगी, जबकि इसके लिए 21 सितंबर को अधिसूचना जारी की जाएगी. इसी तरह तीसरे चरण का मतदान 28 अक्टूबर को, चौथे चरण का मतदान 1 नवंबर और पांचवें चरण की वोटिंग 5 नवंबर को होगी. वोटों की गिनती 8 नवंबर को की जाएगी और इसी दिन नतीजे घोषित किए जाएंगे.
पहले चरण में 49 सीटों पर चुनाव होंगे, जबकि दूसरे चरण में 32 सीटों पर. तीसरे चरण में 50 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जाएंगे, चौथे चरण में 55 सीटों पर और पांचवें चरण में 57 सीटों पर मतदान होगा.
हेलीकॉप्टर और मोटर बोट से निगरानी
राज्य में चुनाव की तैयारियों से आयोग ने संतुष्टि जताई है. बिहार में 6.68 करोड़ मतदाता हैं. जबकि 243 विधानसभा सीटों में से 47 नक्सल प्रभावित हैं. मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम अहमद जैदी ने कहा कि आयोग प्रदेश में निष्पक्ष चुनाव के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने कहा कि तारीखों का चयन त्योहारों को ध्यान में रखकर किया गया है. सुरक्षा के मद्देनजर हेलीकॉप्टर, मोटर बोट और घुड़सवार दल की मदद से चुनाव की निगरानी की जाएगी.
38 में से 29 जिले नक्सल प्रभावित
आयोग ने माना कि राज्य में 38 में से 29 जिले नक्सल प्रभावित हैं. जैदी ने बताया कि अवैध हथियार और अवैध शराब रखने वालों पर कार्रवाई की जाएगी. सभी सीटों पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती होगी. मतदाताओं की सुविधा के लिए EVM में उम्मीदवारों की तस्वीर भी लगी होगी. चुनाव से पहले सभी शस्त्र निगरानी में जमा करवाए जाएंगे. हर विधानसभा में दो मॉडल मतदान केंद्र होंगे.
नीतीश ने किया स्वागत, शरद यादव नाखुश
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चुनाव की तारीखों और पांच चरणों का स्वागत किया है. उन्होंने कहा, ‘बिहार में सीटें ज्यादा हैं तो ज्यादा चरणों का होना स्वभाविक है. इसका निर्णय चुनाव आयोग के ऊपर ही छोड़ना चाहिए. लंबा चुनाव बिहार में नया नहीं है. हम चुनाव के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.’
तरीखों के ऐलान और सुरक्षा व्यवस्था पर आरजेडी ने भी संतुष्टि जाहिर की है, वहीं जेडीयू अध्यक्ष शरद यादव इससे नाखुश हैं. शरद ने कहा, ‘यह आयोग की गलती नहीं है, लेकिन पांच फेज बहुत होते हैं. केंद्र सरकार ही सुरक्षा के लिए फोर्स दे रही है. चुनाव कम फेज में होना चाहिए.’ बीजेपी की ओर से शाहनवाज हुसैन ने भी चुनाव आयोग की घोषणा का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि ये चुनावों की नहीं, बल्कि नीतीश सरकार के आखिरी दिनों की तारीखों का ऐलान है.
इससे पहले मंगलवार को हुई बैठक में चुनाव के चरणों के साथ ही सुरक्षा के क्या इंतजाम पर चर्चा की गई. सुरक्षा के मद्देनजर चुनाव आयोग ने केंद्र से अर्धसैनिक बलों की 50 कंपनियों की मांग की है. त्योहार के मौसम को देखते हुए इस बार लंबे समय से बिहार में चुनाव की तारीखों को लेकर माथापच्ची की जा रही थी. लालू और नीतीश एक ही चरण में चुनाव चाहते हैं.
साल 2010 में छह चरणों में हुए थे चुनाव
गौरतलब है कि 2010 में बिहार में छह चरणों में बिहार चुनाव को संपन्न कराया गया था. 11 अक्टूबर से 20 नवंबर तक छह चरणों में वोट डाले गए थे. बिहार में विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को खत्म हो रहा है इसलिए 29 नवंबर से पहले नई सरकार का गठन जरूरी है. सत्ताधारी नीतीश कुमार की जेडीयू और लालू प्रसाद की आरजेडी के साथ कांग्रेस ने मिलकर महागठंबधन तैयार किया है. इसका सीधा मुकाबला बीजेपी नीत एनडीए से होगा. एनडीए में राम विलास पासवान की एलजेपी, जीतन राम मांझी की ‘हम’ और आरएलएसपी है.