प्रदेश में एक करोड़ से अधिक डिजिटल जाति प्रमाण-पत्र बने
भोपाल 25 नवम्बर(इ खबरटुडे)। मध्यप्रदेश में जाति प्रमाण-पत्र जारी करने की ऑनलाइन व्यवस्था में अभी तक एक करोड़ तीन लाख 48 हजार 211 प्रमाण-पत्र जारी किये जा चुके हैं। यह प्रमाण-पत्र डिजिटल हस्ताक्षर के साथ डिजिटल रिपॉजिटरी में सुरक्षित रखे जा रहे हैं। भविष्य में जब चाहें इनकी इलेक्ट्रॉनिक प्रति ऑनलाइन उपलब्ध हो सकेगी और डाउनलोड भी की जा सकेगी।
सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री लाल सिंह आर्य ने नई व्यवस्था में जाति प्रमाण-पत्र बनवाये जाने की समीक्षा की। पाया गया कि अभी तक प्रदेश में अनुसूचित जाति के 20 लाख 54 हजार 914, अनुसूचित जनजाति के 31 लाख 24 हजार 103, अन्य पिछड़ा वर्ग के 51 लाख 48 हजार 131, विमुक्त जाति के 20 हजार 191 और घुमक्कड़ एवं अर्द्ध घुमक्कड़ जाति के 872 जाति प्रमाण-पत्र बनवाये गये हैं।
ऑनलाइन जाति प्रमाण-पत्र हर जिले में सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा निर्देशित पेपर क्वालिटी और प्रिंटिंग के साथ मुद्रित किये जा रहे हैं। ऐसा करने वाला मध्यप्रदेश संभवत: देश का पहला राज्य है।
डिजिटल जाति प्रमाण-पत्र जारी करने को लोक सेवा गारंटी अधिनियम में शामिल करते हुए पहली कक्षा में प्रवेश लेते ही जाति प्रमाण-पत्र स्कूलों के माध्यम से बनवाकर दिये जाने की व्यवस्था की गई है। इसमें शपथ-पत्र के स्थान पर स्व-प्रमाणित घोषणा-पत्र को मान्य करने का प्रावधान भी किया गया है। यह प्रमाण-पत्र ऑनलाइन डिजिटल हस्ताक्षर से जारी किया जा रहा है। इसके लिए एनआईसी द्वारा सॉफ्टवेयर तैयार करवाया गया है। अब बनने वाले सभी जाति प्रमाण-पत्र अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) के डिजिटल हस्ताक्षर से जारी हो रहे हैं। इनका रिपॉजिटरी डॉटा बनाया जा रहा है। भविष्य में यदि किसी का प्रमाण-पत्र गुम हो जाता है तो इसकी कॉपी डाउनलोड की जा सकेगी।
इसके साथ ही पूरे भारत देश में कहीं से भी इसका सत्यापन ऑनलाइन किया जा सकेगा। पिछले वर्ष एक जुलाई, 2014 से स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के जाति प्रमाण-पत्र बनाने के लिए अभियान शुरू किया गया था।