May 4, 2024

प्रदेश में अब तक 58 हजार 200 करोड़ लागत के 5 लाख से अधिक छोटे, मझौले और बड़े उद्योग स्थापित

15 लाख से ज्यादा लोगों को मिला रोजगार

भोपाल,2 अगस्त(इ खबरटुडे)। मध्यप्रदेश की पहचान अब ‘निवेश मित्र राज्य” के रूप में बन गई है। प्रदेश देश में तेजी से बढ़ती हुई अर्थ-व्यवस्था वाले राज्यों में शुमार हो गया है। प्रदेश का उद्योग विभाग वृहद परियोजनाओं के साथ सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों को प्रदेश में पूँजी निवेश कर रोजगार सृजन के लिये निवेशकों को आमंत्रित तथा आकर्षित कर रहा है। वर्ष 2005-06 से 2013-14 तक प्रदेश की औसत औद्योगिक दर 8.08 प्रतिशत रही, जो देश की औसत औद्योगिक विकास दर से ज्यादा है।

प्रदेश में अब तक 800 से अधिक वृहद एवं मध्यम उद्योग स्थापित हुए हैं। इन उद्योग में 53 हजार करोड़ से अधिक का पूँजी निवेश हुआ है। इसमें लगभग एक लाख 90 हजार व्यक्ति को रोजगार उपलब्ध हुआ है। प्रदेश में अब 5 लाख से अधिक सूक्ष्म एवं लघु उद्यम इकाइयाँ स्थापित हुई हैं, जिसमें 5200 करोड़ से अधिक के पूँजी निवेश के साथ लगभग 13 लाख 14 हजार व्यक्ति को रोजगार प्राप्त हुआ।

औद्योगिक इकाईयों को भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये 6100 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर 186 औद्योगिक क्षेत्र और 8500 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर 45 से अधिक औद्योगिक विकास केन्द्र/पार्क स्थापित किये गये हैं। इसके अतिरिक्त लेंड बैंक की स्थापना की गई है, जिसमें शासकीय भूमि को सम्मिलित किया गया है। लेंड बैंक के अंतर्गत 19 हजार हेक्टेयर भूमि चिन्हित की गई है, जो औद्योगिक इकाइयों को उनकी आवश्यकतानुसार आवंटित की जायेगी।

प्रदेश में 12वीं पंचवर्षीय योजना में 27 स्थान पर लगभग 7675 हेक्टेयर भूमि पर चरणबद्ध रूप से 3022 करोड़ की लागत से सर्व-सुविधायुक्त औद्योगिक क्षेत्रों के विकास की योजना बनाई गई है। इनमें से औद्योगिक क्षेत्र क्रिस्टल आई.टी. पार्क, इंदौर का कार्य पूर्ण किया जा चुका है।

दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक कॉरिडोर

दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक कॉरिडोर परियोजना का मुख्य उद्देश्य विश्व-स्तर पर प्रतिस्पर्धा का माहौल तथा राज्यों के साथ मजबूत आर्थिक आधार तैयार करना है। परियोजना में प्रदेश के दस जिले नीमच, मंदसौर, रतलाम, झाबुआ, धार, इंदौर, देवास, उज्जैन, शाजापुर और राजगढ़ को शामिल किया गया है। डी.एम.आई.सी. परियोजना में मध्यप्रदेश में चार निवेश नोडल प्रस्तावित हैं। इनमें विक्रम उद्योगपुरी उज्जैन, इकॉनामिक कॉरिडोर इंदौर से पीथमपुर, इंटीग्रेटेड मल्टी नोडल लॉजिस्टिक हब पीथमपुर, ग्रीन फील्ड इंटीग्रेट्ड टाउनशिप तथा पीथमपुर जल-प्रदाय योजना शामिल है। इसमें भू-अर्जन एवं हस्तांतरण की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds