प्रदेश की जीवनरेखा मां नर्मदा को भी मिले जीवित इंसान का दर्जा
भोपाल, 01 अप्रैल (इ खबरटुडे)।नैनीताल हाईकोर्ट ने गंगा नदी के संरक्षण के लिए एक ऐतिहासिक फैसला देते हुए गंगोत्री-यमुनोत्री और अन्य ग्लेशियरों को भी जीवित इंसान का दर्जा प्रदान करते हुए मौलिक अधिकार दे दिए हैं । अब मध्यप्रदेश की जीवन रेखा मानी जाने वाली नर्मदा नदी को मानव का दर्जा दिए जाने की मांग उठने लगी है।
मध्यप्रदेश में वैसे भी नर्मदा नदी को मां का दर्जा प्राप्त है और लोग इसे देवी के रूप में पूजते हैं। ऐसी मान्यता है कि मां नर्मदा के दर्शनमात्र से ही सारे पाप कट जाते हैं। जिस नदी को धार्मिक मान्यताओं में सदियों से मां माना जाता हो उसके संरक्षण के लिए उसे कानूनी रूप से भी मानव का दर्जा दिया जाना चाहिए।
नर्मदा नदी देश की सबसे प्राचीनतम नदियों में से है, नर्मदा नदी अनूपपुर जिले के अमरकंटक की पहाड़ियों से निकलकर मध्यप्रदेश,महाराष्ट्र और गुजरात से होकर करीब 1312 किलोमीटर का सफर तय करते हुए भरूच के आगे खंभात की खाड़ी में विलीन हो जाती है। मध्य प्रदेश में नर्मदा का प्रवाह क्षेत्र अनूपपुर जिले के अमरकंटक से अलीराजपुर के सोंडवा तक 1077 किलोमीटर है, जो कि इसकी कुल लम्बाई का 82.24 प्रतिशत है।
प्रदेश के 15 जिलों से होकर बहने वाली नर्मदा अपनी सहायक नदियों सहित प्रदेश के बहुत बड़े क्षेत्र के लिए सिंचाई एवं पेयजल का बारहमासी स्रोत है। नर्मदा नदी का कृषि,पर्यटन,तथा उद्योगों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है।इसके तटीय क्षेत्रों में उगाई जाने वाली मुख्य फसलें धान,गन्नाी,दाल,तिलहन,आलू,गेहूं एवं कपास हैं।
नर्मदा के तट पर ऐतिहासिक व धार्मिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण पर्यटन स्थल हैं,जो प्रदेश की आय का महत्त्वपूर्ण स्रोत हैं। इस प्रकार नर्मदा नदी सामाजिक, साहित्यिक, सांस्कृतिक, आर्थिक एवं धार्मिक दृष्टि से प्रदेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
नर्मदा एक नजर में
उद्यम – मेकल पर्वत श्रेणी,अमरकंटक
समुद्र तल से ऊंचाई – 1051 मीटर
कुल लंबाई – 1312 किमी
मप्र में लंबाई – 1077 किमी
नर्मदा बेसिन का कुल क्षेत्रफल – 98 हजार 496 वर्ग किमी
राज्य – मध्यप्रदेश,महाराष्ट्र और गुजरात
विलय – भरूच के आगे खंभात की खाड़ी में
नर्मदा को लेकर मान्यताएं
– नर्मदा विश्व की सबसे प्राचीन नदी
-नर्मदा शिव की पुत्री मानी जाती हैं
-नर्मदा को अविवाहित नदी माना जाता है
-विश्व की एक मात्र नदी जिसकी परिक्रमा की जाती है
-नर्मदा के दर्शनमात्र से कटते हैं पाप