महिला सिपाही की मौत के बाद पुलिसवाले हिंसा पर उतरे, जमकर की तोड़फोड़, CM ने मांगी जानकारी
पटना,02 नवंबर (इ खबरटुडे)।पुलिस का काम अराजकता और हिंसा पर लगाम लगाना है लेकिन जब पुलिस ही हिंसा पर उतर आए जो फिर कानून-व्यवस्था का क्या हो। ऐसा ही एक मामला बिहार में सामने आया है जहां पुलिस वाले हिंसा पर उतर आए। हालात इतने बिगड़ गए कि पुलिसवालों ने कई वाहनों में तोड़फोड़ कर दी।घटना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जानकारी मांगी है। मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार ने इसकी जानकारी दी। वहीं, इस मामले पर राजद ने सरकार पर जमकर निशाना साधा है। राजद नेता भाई वीरेंद्र ने कहा कि पैसों का बंदरबांट हो रहा है और इसके चलते डेंगू से लड़ा नहीं जा सकता। वहीं बिहार में शासन-प्रशासन और सरकार नाम की कोई चीज बची नहीं है। बिहार की भगवान भरोसे चल रही है।
बता दें कि पटना के एक निजी अस्पताल में महिला सिपाही की डेंगू से शुक्रवार की सुबह मौत हो गयी। जिसके बाद पटना की पुलिसलाइन में दर्जनों पुलिसकर्मियों ने अपनी साथी की मौत के बाद जमकर बवाल काटा। पुलिस लाइन में जमकर तोड़फोड़ की गयी। यही नहीं पुलिसकर्मियों ने पुलिस अधिकारियों को भी दौड़ा-दौड़ा कर पीटा। एसएसपी और डीआईजी घटनास्थल पर नहीं जा पा रहे थे। उसके बाद पटना पुलिस लाइन के पास आरएएफ का फ्लैग मार्च किया गया। वहीं, घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर एसएसपी मनु महाराज मौके पर पहुंचे।
पुलिस लाइन में तोड़फोड़ और अधिकारियों के पिटे जाने की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे एसएसपी मनु महाराज के नेतृत्व में एक टीम ने पुलिस लाइन में प्रवेश कर बातचीत की पहल की तो वही विधि-व्यवस्था के मद्देनजर आनन-फानन में पुलिस मुख्यालय में आपात बैठक बुलायी गयी।
घटना के बारे में बताते हुए एडीजे एसके सिंघल ने बताया कि सीवान की रहनेवाली महिला सिपाही सविता पाठक की तबीयत खराब हो गयी थी और तबीयत खराब होने के बाद छुट्टी नहीं दिये जाने की बात कही जा रही है। कोई बीमार हो और उसे छुट्टी ना मिले, यह समझ से परे है।
बिहार पुलिस में अब कर्मियों की कमी नहीं है। मृत महिला सिपाही के भाई ने आरोप लगाया है कि छुट्टी नहीं मिलने के कारण इलाज के अभाव में सविता की मौत हुई है। उन्होंने कहा कि पटना के जोनल आईजी पूरे मामले की जांच करेंगे। किन पुलिसकर्मियों ने कानून को हाथ में लिया इसकी भी जांच की जायेगी।
इधर, एसएसपी मनु महाराज ने इस संबंध में कहा है कि हम मामले को गंभीरता से ले रहे हैं। यह एक गंभीर सवाल है। हालात सामान्य हैं। सुरक्षा को लेकर पुलिस बल तैनात किये गये हैं। प्रदर्शनकारी महिला पुलिसकर्मियों से वार्ता हुई है। स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की जा रही है। दोषी कर्मियों को बख्शा नहीं जायेगा। मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जायेगी।