November 15, 2024

परिवार ने ठुकराया सरकारी योजनाओं ने सँवारा अब समाज ने अपनाया

पश्चार्तवर्ती गृह की 9 युवती का हुआ विवाह
महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती चिटनीस हुई शामिल

भोपाल25 जुलाई(इ खबरटुडे)। परिवार ने तो उन्हें ठुकराया, सरकार की योजनाओं ने उन्हें सँवारा और अब समाज उन्हें अपना रहा है। महिला-बाल विकास विभाग द्वारा संचालित पश्चार्तवर्ती गृह की 9 अनाथ युवतियों ने अपने नए जीवन-सुखी वैवाहिक जीवन की शुरूआत की। इस अवसर पर महिला-बाल विकास मंत्री श्रीमती अर्चना चिटनीस ने नव-विवाहित वर-वधू को गुल्दस्ता और उपहार देकर उन्हें सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद दिया।

पश्चार्तवर्ती गृह ऐसी वयस्क बालिकाओं का आश्रय गृह है जो अनाथ है, जो अपने परिवार से प्रताड़ित और उपेक्षित है। महिला-बाल विकास विभाग इन बालिकाओं की देख-रेख कर अभिभावक बन उन्हें नया जीवन जीने के लिए न केवल प्रेरित करता है बल्कि प्रशिक्षण देकर आत्म-निर्भर भी बनाता है।

वर का चयन
महिला-बाल विकास विभाग द्वारा लड़कों का चयन, चाल-चलन, परिवार, व्यवसाय आदि की पड़ताल के लिए 6 माह की प्रक्रिया निर्धारित है। इसके लिए विधि सह-परीक्षा अधिकारी चयनित लड़कों की पड़ताल करता है। सबसे पहले लड़कों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर इनके दस्तावेज का परीक्षण करता है। जैसे आय प्रमाण-पत्र, व्यसाय की जानकारी, नौकरी में है तो उसकी जानकारी। समस्त जानकारी सही पाये जाने पर परिवार से फिर शादी की बातचीत शुरू की जाती है। पहले लड़का-लड़की मिलते हैं। इसके बाद लड़की की पंसद पूछी जाती है। जब वह हाँ कर देती है तब लड़के से पूछा जाता हैं। दोनों की सहमति के बाद लड़की को लड़के के परिवार से मिलवाया जाता है। इसमें उनके आपसी स्तर का भी ध्यान रखा जाता है। इसके बाद फिर वैधानिक प्रक्रिया शुरू की जाती है। परिवार वालों से स्टाम्प पेपर पर संकल्प करवाया जाता है कि वे कभी भी लड़की को अनाथ होने का ताना नहीं देंगें, जीवन भर अपनाएंगे। इसके बाद शादी की स्वीकृति कलेक्टर से ली जाती है।

पश्चार्तवर्ती संगठन भोपाल द्वारा बालिकाओं के लिए जो लड़के चुने गए हैं उसमें से कुछ का अपना व्यवसाय है और कुछ अन्य स्थानों पर कार्यरत है। भोपाल के धर्मेन्द जैन इन्द्रप्रस्थ करोंद में मैनेजर है। विदिशा के विश्राम सिंह मंडीदीप की कम्पनी में कार्यरत है। इटारसी के संतोष बुधवानी खुद की कपड़ों की दुकान चलाते हैं, विदिशा के मोनू राजपूत पंजाब में ठेकेदारी का काम करते हैं, ग्वालियर के देवेन्द्र गोयल सराफा दुकान में काम करते हैं, भोपाल के तेजप्रकाश ब्यूटी पार्लर में काम करते हैं, आगर-मालवा के अभिषेक नागर शिक्षक हैं और दमोह के शेष कुमार शुक्ला का अपना कपड़ो का व्यवसाय है।

 

जिला महिला-बाल विकास विभाग ने इन युवतियों की शादी का पूरा इंतजाम किया। विवाह पूर्व होने वाली रस्मों में 20 जुलाई को गणेश पूजन, 23 जुलाई को माता पूजन, 24 जुलाई को मेहंदी और महिला संगीत की रस्में भी हुई।

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