December 25, 2024

नौकरी की चाह में भटकने वालों ने दी 30 बेरोजगार को नौकरी

jobs

पं. दीनदयाल उपाध्याय रोजगार योजना बनी जरिया

भोपाल,26 फरवरी(इ खबरटुडे)। नौकरी की चाह में भटकने वाले उमरिया के राहुल अग्निहोत्री आज 30 से 35 बेरोजगार युवक-युवतियों को प्रतिदिन काम उपलब्ध करवा रहे हैं। यह संभव हो सका है पं. दीनदयाल उपाध्याय रोजगार योजना के जरिये।

उमरिया में बाँधव ग्रुप के 40 वर्षीय राहुल अग्निहोत्री ने 10 साल पहले वन विभाग में 1600 रुपये में मजदूरी का काम शुरू किया था, जो बाद में बढ़कर 5000 प्रतिमाह तक पहुँचा था। जैसे-तैसे घर-परिवार चलाते समय उनकी मुलाकात शाहिद अली से हुई। दोनों ने भविष्य की चिंता करते हुए उद्योग-धंधे के लिये सरकार द्वारा दी जा रही मदद का फायदा लेने की सोची। महाप्रबंधक उद्योग ने पं. दीनदयाल उपाध्याय रोजगार योजना के तहत वर्ष 2016 में एसबीआई से 10 लाख का लोन स्वीकृत करवाया। इसमें 5 लाख टर्न लोन और 5 लाख सी.सी. लोन शामिल था। दोनों ने घर, परिवार और दोस्तों की मदद से 5 लाख की और व्यवस्था कर कुल 15 लाख की लागत से जिला मुख्यालय में किराये के मकान में रेडीमेड मेन्युफेक्चरिंग गारमेंट का व्यवसाय शुरू किया।

ग्राहकों को प्रभावित करने की व्यावसायिक कला और अच्छा सामान देने के प्रयास से प्रथम वर्ष में ही परिवार का खर्च निकालने के बाद 10 से 15 हजार रुपये महीने की आय होने लगी। आज स्थिति यह है कि 30 से 35 बेरोजगार युवक-युवती को 10 से 15 हजार रुपये प्रतिमाह और घरेलू महिलाओं को 6 से 7 हजार रुपये प्रतिमाह का काम उपलब्ध करवा रहे हैं।

30 बेरोजगार स्व-रोजगार पाकर भरण-पोषण में सक्षम हुए

बैंक का टर्न लोन महज एक वर्ष में ही पटा दिया। आज 70 से 80 लाख के वार्षिक टर्न-ओवर पर व्यवसाय पहुँच चुका है। बाँधव ग्रुप कम्पनी में 30 कारीगर में 14 महिलाएँ सिलाई का काम कर रही हैं। यहाँ के कामगारों में भी राहुल और शाहिद के व्यवहार का जादू चलता है। कारीगर राजेश वर्मा ने बताया कि पहले जहाँ छोटे-मोटे सिलाई के काम करके रोजी-चलाया करता था, अब वह 15 से 20 हजार रुपये प्रतिमाह महज क्लॉथ कटिंग का काम कर कमा रहा है। इसी प्रकार कु. रुखसार फातिमा, श्रीमती सीता कोरी, श्रीमती अनीता बर्मन, विपिन तिवारी जैसे 30 बेरोजगार स्व-रोजगार पाकर भरण-पोषण में सक्षम हुए हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का सपना भी है कि प्रदेश का युवा रोजगार लेने वाला नहीं, देने वाला बने। उन्होंने कई बार कहा है कि प्रदेश का युवा दर-दर नौकरी की तलाश में न भटके और ऐसा काम करे, जिससे वह अन्य दूसरे बेरोजगारों को भी नौकरी दे सके। इसके लिये उन्होंने विभिन्न योजनाएँ चलायी हैं, जिसका लाभ लोग निरंतर ले रहे हैं। इसी में से एक पं. दीनदयाल उपाध्याय रोजगार योजना का जीता-जागता उदाहरण राहुल अग्निहोत्री और शाहिद अली ने दिया।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds