दोहराया अखण्ड भारत का संकल्प
अखण्ड भारत संकल्प दिवस का आयोजन
रतलाम,१४ अगस्त(इ खबरटुडे)। देश की आजादी का सही इतिहास कभी नहीं लिखा गया,क्योंकि इसके राजनैतिक कारण थे। आजादी मांगने से नहीं मिली,बल्कि लाखों बलिदानियों ने अपने खून से आजादी की गाथा लिखी है। आज अखण्ड भारत संकल्प दिवस के अवसर पर हमें ऐसे त्यागी बलिदानियों का स्मरण कर उनके विचारों को अपने जीवन की प्रेरणा बनाना चाहिए।
उक्त विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह सम्पर्क प्रमुख अरुण कुमार ने अखण्ड भारत संकल्प दिवस पर आयोजित समारोह को सम्बोधित करते हुए व्यक्त किए। अखण्ड भारत संकल्प दिवस का आयोजन रास्वसंघ की महाविद्यालयीन छात्र ईकाई द्वारा स्थानीय लायंस हाल पर किया गया था। कार्यक्रम में बडी संख्या में महाविद्यालयीन छात्र और आरएसएस के कार्यकर्ता उपस्थित थे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए श्री कुमार ने कहा कि जिस रावी के तट पर लाहौर में पूर्ण स्वराज्य का संकल्प लिया गया था,जब भारत स्वतंत्र हुआ तब ना वो रावी का तट भारत में था ना ही वो लाहौर। यह प्रश्न आज भी अनुत्तरित है कि ऐसा क्यो हुआ? शहीदों ने जिस स्वप्र को देखकर बलिदान दिया था,वह शहीदों के सपनों का भारत हमें आज तक प्राप्त नहीं हुआ है। जिन कारणों से भारत का विभाजन हुआ था,आज भी वे कारण मौजूद हैं। इसलिए जो गलतियां तत्कालीन नेतृत्व ने की उसे आज दोहराने से बचने की आवश्यकता है।
अखण्ड भारत संकल्प दिवस के अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित सभी व्यक्तियों ने अखण्ड भारत का संकल्प लिया। समारोह के मुख्य अतिथी श्री योगीन्द्र सागर इंस्टीट्यूट के समन्वयक चंदन बसेर थे। समारोह की अध्यक्षता संघ के जिला संघचालक राधेश्याम खण्डेलवाल ने की। संचालन स्मित ओझा ने किया।