देखते ही देखते गायब हुआ साया
दिन काफी बड़ा रहा और रात में समय पता नहीं चला
उज्जैन 22 जून(इ खबरटुडे)। शनिवार को दिन काफी लंबा था। सारे काम निपटने पर भी दिन पूरा नहीं हो रहा था। समय बीतने के बाद भी दिन का उजाला फैला हुआ था। इसके विपरीत रात में समय बीतते देर नहीं लग रही थी। दोपहर में एक समय साये ने भी साथ छोड़ दिया था। इस खगोलीय घटना को जीवाजी वेधशाला में शंकू यंत्र पर साफ देखा गया। डोंगला वेधशाला में भी कई खगोल वैज्ञानिक इस घटना के विश्लेषण के लिये जुटे थे।
शनिवार को सूर्य परिभ्रमण पथ की स्थिति में उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा पर लंबवत था। कर्क रेखा की स्थिति 23 डिग्री 26 मिनट उत्तरी अक्षांश पर रही। उौन कर्क रेखा के नजदीक स्थित होने के कारण शनिवार को दोपहर 12 बजकर 28 मिनट पर सूर्य लंबवत होने से परछाई शून्य हो गई। वेधशाला में इसे देखने के लिये जुटे लोगों को शंकू यंत्र पर यह साफ नजर आया। बादलों की आवाजाही के बीच आकस्मिक रुप से समय पर आई धूप ने इस अजूबी खगोलीय घटना को देखने में सहायता की। लोगों को यह देखकर काफी आश्चर्य भी हुआ। डोंगला स्थित वेधशाला में भी इस खगोलीय घटना के अध्ययन और विश्लेषण के लिये काफी वैज्ञानिक जुटे थे। यहां विश्व स्तरीय वेधशाला का निर्माण किया गया है।
दिन लंबा, रात छोटी
शनिवार को उज्जैन में सूर्योदय प्रात: 5.42 पर हुआ वहीं सूर्यास्त सायं 7.16 पर देखा गया। इस प्रकार दिन 13 घंटे 34 मिनट का रहा। शनिवार को सूर्य अपने अधिकतम उत्तरी बिन्दु कर्क रेखा पर होने के कारण दिन सबसे बड़ा तथा रात्रि सबसे छोटी होती है। अब से सूर्य दक्षिण की ओर गति प्रारंभ हो जायेगी। इसे सूर्य का दक्षिणायन प्रारंभ कहते हैं। 21 जून के बाद दिन धीरे-धीरे छोटे होने लगेंगे तथा 23 सितंबर को दिन-रात बराबर होंगे।