December 25, 2024

दिव्यांगों की हौंसला आफजाई में सरकार तंगदिल

बोर्ड परीक्षाओं में शामिल दिव्यांगों की संख्या पता नहीं,अलग से प्रावीण्य सूचि का प्रावधान भी नहीं

रतलाम,19 मई (इ खबरटुडे/ हेमन्त भट्ट)। जहां देश के प्रधानमंत्र्री नरेन्द्र मोदी को विकलांग शब्द से नफरत है। उन्होने इसके लिए दिव्यांग का सम्बोधन दिया है। akshadलेकिन प्रदेश सरकार दिव्यांगों की हौंसला आफजाई में तंगदिल है। यह जाहिर हुआ है हाल ही में घोषित माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल के परीक्षा परिणामों से।अपने बूते हाईस्कूल परीक्षा में 69 प्रतिशत अंक लाने वाले रतलाम के दिव्यांग अक्षद पण्डित को मलाल है कि दिव्यांगों की मेहनत को सलाम करने वाला प्रदेश सरकार में कोई नहीं है। दिव्यांगों की अलग से प्रावीण्य सूचि भी नहीं है। दिव्यांगों के प्रति सरकार संवेदनहीन है।
सोमवार को मध्यप्रदेश में माध्यमिक शिक्षा मण्डल भोपाल द्वारा हाईस्कूल परीक्षा परिणाम घोषित हुआ। इस परीक्षा में दृष्टिबाधित और अस्थिबाधित परीक्षार्थियों ने कई गुना अधिक मेहनत कर सफलता के शिखर को छुआ है। मगर ऐसे दिव्यांगों की शिक्षा विभाग के आला अफसरों और शिक्षामंत्रियों ने हाशिये पर छोड दिया है।

संख्या पता नहीं

हद तो तब होती है,जब रतलाम जिला शिक्षा अधिकारी अनिल वर्मा कहते है कि दिव्यांग परीक्षार्थियों की संख्या की उन्हे कोई जानकारी नहीं है। परीक्षा फार्म में भी ऐसा कोई बिंदु नहीं होता है,जहां पर दिव्यांग की जानकारी देने में शिक्षा विभाग नाकारा साबित हुआ।

अमल करने की कोशिश करेंगे

अब तक तो दिव्यांगों की अलग से प्रावीण्य सूचि का प्रावधान नहीं है। आपका सुझाव बेहतर है,इस पर अमल की कोशिश करेंगे ताकि दिव्यांगों का हौंसला बढे।

-दीपक जोशी
स्कूल शिक्षा राज्यमंत्री म.प्र.

संगीत से नाम रोशन करेगा अक्षद

हाईस्कूल परीक्षा में बतौर प्रायवेट परीक्षार्थी शामिल हुए रतलाम के दृष्टिबाधित अक्षद पंडित ने न केवल 69 प्रतिशत अंक प्राप्त किए,बल्कि संगीत में 90 और संस्कृत में 89 अंक हासिल किए है।अक्षद के भविष्य का आधार संगीत ही है। अक्षद का कहना है कि स्कूलों में दिव्यांगों को संगीत की शिक्षा नहीं मिलती है। मेरी मां स्नेहा पण्डित जो कि संगीत की प्राध्यापक है,उन्होने मुझे सुना सुना कर याद करवाया। चाची साधना पंडित ने अन्य विषयों की तैयारी करवाई। अक्षद ने बताया कि वह कुछ माह तक मसीही हायर सेकेण्डरी स्कूल भी गया था,जहां पर शिक्षक शिक्षिकाओं ने अपनत्व भाव से उसका मनोबल बढाया।
मसीही हायर सेके ण्डरी के प्राचार्य हेमेन्द्र वाल्टर का कहना है कि अक्षद ने लगन और स्मरण शक्ति द्वारा शारीरिक कमी पर विजय पाई है। स्कूल और रतलाम का नाम रोशन किया है। दिव्यांग अक्षद की अभिलाषा संगीत में नाम रोशन करने की है। प्रख्यात गायक हरजीतसिंह की आवाज की जादू अक्षद के सर चढ कर बोलता है। अक्षद ने पांच वर्ष की आयु से ही सामाजिक संस्थाओं के बैनर तले अपनी सुरीली आवाज का जादू बिखेरना शुरु कर दिया था। अक्षद रतलाम के अलावा भोपाल और मुंबई में भी अपनी कला का लोहा मनवा चुका है। अक्षद को क्रिकेट मैच की कामेन्ट्री सुनना बेहद पसन्द है। दिव्यांग अक्षद को मलाल है कि उन्हे शाबाशी देने वाला कोई नहीं। यदि दिव्यांगों की अलग से प्रावीण्य सूचि होती तो निश्चय ही अक्षद का नाम उस प्रावीण्य सूचि में होता।

You may have missed

Here can be your custom HTML or Shortcode

This will close in 20 seconds