May 7, 2024

दिल्ली में हुए राष्ट्रीय प्राचार्य सम्मेलन में शामिल हुए रतलाम के प्राचार्य श्री दुबे

देश भर से आए ग्यारह सौ प्राचार्यो को प्रधानमंत्री मोदी ने दिए नई तकनीकों के टिप्स
rakesh dube

रतलाम,17 फरवरी(इ खबरटुडे)। फरवरी के दूसरे सप्ताह में देश की राजधानी नई दिल्ली में संपन्न हुए राष्ट्रीय प्राचार्य सम्मेलन में रतलाम सरस्वती विद्या मन्दिर के प्राचार्य राकेश दुबे भी शामिल हुए। प्राचार्य सम्मेलन को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी समेत अनेक हस्तियों ने सम्बोधित किया। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने प्राचार्यों को नई नई तकनीकें अपनाने का आग्रह किया।
राष्ट्रीय प्राचार्य सम्मेलन का आयोजन विद्या भारती अखिल भारतीय शिक्षण संस्थान द्वारा किया गया था। इस सम्मेलन में देश भर के सरस्वती विद्या मन्दिरों के हायर सेकेण्डरी स्तर के चुने हुए ग्यारह सौ प्राचार्यों को बुलाया गया था। सम्मेलन में मध्यप्रदेश के अलावा,उत्तर प्रदेश,छत्तीसगढ,राजस्थान,गुजरात,दिल्ली,पंजाब,हरियाणा,जम्मू कश्मीर,लद्दाख,बिहार,उडीसा,केरल,तमिलनाडू,कर्नाटक,आन्ध्रप्रदेश,असम,मणिपुर, मिजोरम,मेघालय,एवं अरुणाचल के दूरस्थ सरस्वती विद्या मन्दिरों के प्राचार्यों ने भाग लिया।
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित इस प्राचार्य सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। श्री मोदी ने प्राचार्यों को सम्बोधित करते हुए उन्हे नई नई तकनीकों के द्वारा विद्यार्थियों को शिक्षित करने का आग्रह किया। सम्मेलन के एक सत्र को केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री श्रीमती स्मृति इरानी ने भी सम्बोधित किया। चार दिवसीय इस सम्मेलन में विद्या भाराती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डी रामकृष्णन ने अपने भाषण के द्वारा विद्या भारती की शिक्षा नीति,रीति को सबके सामने प्रस्तुत किया।
स्किल आफ लीडर विषय पर प्रख्यात शिक्षाविद दिलीप बेतकेकर ने प्राचार्यों को नेतृत्व के गुणों से परिचित करवाया। सीबीएसई के डायरेक्टर एम्यूएल जोसफ,एनसीटीई के अध्यक्ष डॉ.संतोष पण्डा,एनआईओएस के अध्यक्ष सीपी शर्मा,एनसीईआरटी के अध्यक्ष ऋ षिकेश सेनापति,सीएसआर के अध्यक्ष बजरंग लाल बागडदा,आईसीटी के अध्यक्ष सौरभ कुमार,संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के डॉ.गिरीश जोशी आदि विद्वानों ने अपने अपने संगठनों के सम्बन्ध में प्राचार्यों को मार्गदर्शन प्रदान किया। आचार्य निर्माण में प्राचार्यों की भूमिका विषय पर आरएसएस के सह सर कार्यवाह डॉ.कृष्णगोपाल ने प्राचार्यों को मार्गदर्शन दिया।
11 फरवरी से 14 फरवरी तक आयोजित चार दिवसीय सम्मेलन के समापन समारोह को चिन्मय मिशन मुंबई के प्रमुख स्वामी तेजोमयानन्द जी ने अपने भाषण में प्राचार्यों को अपने कार्य के प्रति समर्पण भाव से काम करने की प्रेरणा दी। सम्मेलन में पदम श्री ब्रम्हदेव शर्मा एवं विद्या भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. गोविन्द शर्मा चारों दिन उपस्थित थे।

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