May 1, 2024

तुफान का ‘धनराज ‘ कभी चीतल कभी बकरी के रूप में

अपने जीवनदाता की एक आवाज पर दौडा आता है चीतल

शाजापुर,18 जुलाई (इ खबर टुडे /सलीम शेख बोलाई)।  शाजापुर जिला मुख्यालय से करीब 35 किलोमीटर दूर गुलाना तहसील के अंतर्गत ग्राम बांगली के जंगल में हिरण प्रजाति के चीतल का जीवन वन्य जीव विशेषज्ञों के लिए शोध का विषय बन सकता है। गांव के तूफान कंजर को जंगल में चीतल का एक नवजात बच्चा मिला था। आठ माह बाद यह बच्चा युवा अवस्था में बकरियों के बीच तो सामान्य जीवन बीता ही रहा है। इसके साथ ही धनराज  नामक नर चीतल जंगल में अपनी प्रजाति के समूह में भी घुल मिलकर लौट आता है।  तूफान के घर के सदस्यों के साथ भी यह परिवार जैसा ही रहता है।

बांगली के तूफान कंजर को आठ माह पूर्व चीतल का यह बच्चा गंभीर हालत मे दीपावली से पहले धनतेरस के दिन जंगल मे मिला था। तूफान ने चीतल के बच्चें को अपने घर लाकर इसका उपचार किया। इसे बोटल व रूई के फाए से दूध पिलाया। तूफान की सेवा व देखभाल से चीतल का बच्चा बिल्कुल स्वस्थ हो गया। तूफान कंजर ने इस बच्चें को धनतेरस के दिन मिलने के कारण इसका नाम धनराज रख दिया। अब धनराज आठ माह का हो चुका है। तूफान कंजर ने बचपन से ही चीतल धनराज को बकरियों के बीच रखा और पाला पोसा। इस कारण घर की बकरियों में भी धनराज पुरी तरह घुल मिल गया है। पिछले कुछ माहो से युवा हो रहे इस चीतल ने जंगल का रूख करना भी शुरू कर दिया है।

समूह में जाकर लौट आता है

तूफान कंजर ने बताया कि चीतल धनराज बकरियों के साथ भी वैसा ही व्यवहार करता है जैसा बकरी करती है। पिछलें कुछ माह से धनराज गांव के जंगल में बकरियों के समूह के साथ चरने जाता है। इस दौरान उसे जंगल में चीतलों का समूह दिखाई देता है तो वह उनके बीच चला जाता है। यहां तक कि चीतलों के समूह में वह पूरी तरह से घुल मिल गया है। धनराज कुछ युवा मादा चीतलों के प्रति भी आकर्षित दिखाई देता है।


आमतर देखा जाता है कि हिरण प्रजाति का चीतल मानव के नजदीक नहीं आता है। लेकिन धनराज अन्य लोगों के साथ तो यही करता है। किंतु तूफान कंजर के मामले में ठीक उल्टा है। शायद धनराज नामक यह चीतल अपने उन घावो के दर्द को भूला नहीं है जिन पर तूफान कंजर ने मरहम लगाया था। यही वजह है कि जंगल में आवाज की पहुंच तक होने पर अगर तूफान उसे धनराज कहकर आवाज लगाता है तो वह गुलाटी भरता हुवा उसके पास दौड़ा चला आता है। तुफान ने घायल नवजात चीतल का उपचार बड़ी ही सेवा और लगन के साथ किया था। यहां तक की उसने उसके चित्र खिंचे थे। तूफान अब धनराज से दिली लगाव रखता है।

 

 

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