ट्रेनों में चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाले छह सदस्यीय गिरोह का पर्दाफ़ाश
रतलाम ,23 जून (इ खबरटुडे)। ट्रेनों में सफर का टिकट बुक कराकर चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाले छह सदस्यीय गिरोह को जीआरपी ने गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों ने रतलाम जोन में भी 4 वारदातें की थी। बदमाश शातिराना अंदाज से यात्रियाें के बैग तथा आभूषण चुराते थे।
आरोपी चोरी के लिए अलग-अलग ट्रेनों में एडवांस टिकट तक बुक कराते थे। पूछताछ में इनसे 40 हजार स्र्पए कीमत के 100 से अधिक कंफर्म टिकट मिले। शुक्रवार को सभी आरोपियों को कोर्ट में पेश किया। वहां से 3 जुलाई तक रिमांड दिया गया है।
पुलिस ने बताया कि सभी आरोपी अलग-अलग व्यवसाय से जुड़े थे, लेकिन गिरोह के सरगना के संपर्क में आने के बाद ट्रेनों में चोरी काम भा गया। इन स्र्पयों से वे मौज-मस्ती करते थे। जीआरपी थाना प्रभारी अभिषेक गौतम ने बताया कि अहमदाबाद पुलिस ने चोरी के मामले में इन आरोपियों को पकड़ा था।
वहां पूछताछ में कुछ घटनाएं शामगढ़ थाने की तो कुछ रतलाम थाने से जुड़ी निकली। आरोपियों को पहले शामगढ़ थाने लाया गया। वहां से सूचना पर रतलाम जीआरपी इन्हंे शामगढ़ लेने पहुंची। रिकॉर्ड खंगालने पर उजागर हुआ कि इंदौर-पुणे एक्सपे्रस, गुना-बीना सहित दो अन्य ट्रेनों में इन्होंने चोरी की थी। इन मामले में फरियादी द्वारा रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।
पुलिस ने मुख्य आरोपी मोहम्मद इम्तियाज पिता अब्बास (35) निवासी ग्राम फुलवाडिया बेगूसराय (बिहार), शशिकांत पिता कमलेश (25) निवासी गुस्र्देव टोलावार्ड नंबर 1 मौकामा पटना, सुनील सिंह पिता रामसागर (47) निवासी बीहट मोहल्ला मक्शशपुर बेगूसराय (बिहार), नवीन कुमार पिता वाल्मीकि (48) निवासी शेरपुर पोस्ट मालपुर थाना मडाची पटना (बिहार) तथा संजीत कुमार पिता महेश्वर प्रसाद (47) ग्राम चकफरीद बजरंगबली ओटले के पास, थाना मुफसीर बेगूसराय (बिहार) को पकड़ा। इनसे चोरी की घटनाओं में चुराया माल भी जब्त किया।
किसी का सैलून तो कोई बनाता था आलमारी
पुलिस द्वारा आरोपियों से पूछताछ की तो इनके व्यवसाय से जुड़ी कुछ रोचक जानकारी मिली। पूछताछ मंे आरोपी ने बताया कि वह सैलून की दुकान चलाता था, जबकि एक आरोपी लोहे की आलमारी बनाता था। किसी के पिता नहीं होने पर पैसे के लिए चोरी शुरू की तो दो अन्य अपनी जमीन पर खेती करते थे। वे मुख्य आरोपी इम्तियाज के संपर्क में आए। उसने उन्हें इस काम में लगाया।। चोरी में बगैर मेहनत अच्छा पैसा मिलता था। इसलिए वे इस अवैध काम में उतर गए।