November 15, 2024

टेलीकॉम कंपनियों को बल्क एसएमएस भेजने के पूर्व एमसीएमसी से लेनी होगी अनुमति – जिला निर्वाचन अधिकारी

रतलाम10 अक्टूबर(इ खबर टुडे)।टेलीकॉम कंपनियों को निर्वाचन के दौरान बल्क एसएमएस भेजने के पूर्व एमसीएमसी से अनुमति अनिवार्यत: लेना होगी, अन्यथा कंपनी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी।

कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती रुचिका चौहान ने निर्देश दिये है कि रतलाम जिले में अन्य संचालित बीएसएनएल तथा प्रायवेट टेलीकॉम कंपनियों आईडिया, जिओ, एयरटैल के अधिकारी निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार यह सुनिश्चित करे।

कलेक्टर श्रीमती चौहान ने कहा है कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में विज्ञापन प्रसारित करने के पूर्व प्रीसर्टिफिकेशन लेना अनिवार्य होगा। किसी अभ्यर्थी की लिखित अनुमति के बिना यदि सोशल मीडिया पर उसका प्रचार-प्रसार किसी अन्य व्यक्ति के द्वारा किया जा रहा है, तो सम्बन्धित के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी।

अभ्यर्थी यदि किसी धार्मिक कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं, तो इस बात का विशेष ध्यान रखें कि धार्मिक कार्यक्रम के मंच से किसी भी तरह का राजनैतिक प्रचार-प्रसार नहीं किया जाये। यह निर्वाचन अपराध की श्रेणी में आएगा और कार्यक्रम के आयोजक के विरूद्ध एफआईआर दर्ज की जाएगी। किसी अभ्यर्थी द्वारा स्थानीय चैनल को यदि बाईट दी जा रही है तो उसकी भी निगरानी की जायेगी। बाईट के दौरान शब्दों पर निर्भर करेगा कि आचार संहिता के नियमों का उल्लंघन तो नहीं हो रहा है।

कलेक्टर ने समस्त रिटर्निंग आफिसर और व्यय अधिकारियों को निर्देश दिये है कि निर्वाचन के दौरान अभ्यर्थी के प्रचार-प्रसार के व्यय पर सतत निगरानी रखी जाये। किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। पूरी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ निर्वाचन का कार्य करें।

कलेक्टर ने कहा है कि व्यय अधिकारी एमसीएमसी की अतिरिक्त शाखा के रूप में कार्य करेंगे। निर्वाचन के दौरान होने वाले व्यय का संधारण करेंगे। सहायक व्यय अधिकारियों की इसमें विशेष भूमिका रहेगी। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार विधानसभा निर्वाचन 2018 के लिए जिला स्तर पर मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनिटरिंग कमेटी (MCMC) का गठन किया गया है।

यह समिति पेड न्‍यूज की छानबीन एवं विज्ञापन का प्रमाणीकरण करेगी। पेड न्यूज की निगरानी के लिये जनसम्पर्क कार्यालय में मीडिया निगरानी सैल भी बनाया जा रहा है। सैल द्वारा इसकी मॉनीटरिंग की जायेगी कि चुनाव प्रचार के दौरान कोई अनधिकृत कंटेंट का प्रसारण तो नहीं किया जा रहा है। इसके अलावा अभ्यर्थी का प्रचार-प्रसार का व्यय निर्वाचन खाते में जुड़ रहा है अथवा नहीं।

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